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रविवार, 30 अगस्त 2015

सरकार भरोसे नौजवान - ब्लॉग बुलेटिन

प्रिय ब्लॉगर मित्रों,
प्रणाम |
चित्र गूगल से साभार 

पान की दुकान पर खडे एक 30 वर्षीय युवक से बातचीत के कुछ अंश...

मैने पूछा कुछ कमाते धमाते क्यो नहीं?

वह बोला, "क्यो?"

मै बोला, "शादी कर लो?"

वह बोला, "हो गई।"

मैंने पूछा, "कैसे?"

वह बोला, "मुख्यमंत्री कन्यादान योजना में।"

मैं बोला, "फिर बाल बच्चों के लिए कमाओ।"

वह बोला, "जननी सुरक्षा से डिलवरी मुफ्त और साथ मे 1400/- रू का चेक।"

मैं बोला, "बच्चों कि पढ़ाई लिखाई के लिए कमा लो।"

वह बोला, "उनके लिए पढ़ाई और भोजन मुफ्त।"

मैं बोला, "यार घर कैसे चलाते हो?" वह बोला, "1रू किलो गेंहू और चावल से।"

मैं झुंझला कर बोला, "यार माँ-बाप को तीर्थ यात्रा पे ले जाने के लिए तो कमा।"

वह बोला, "दो धाम करवा दिए हैं, मुख्यमंत्री तीर्थ यात्रा से।"

मुझे गुस्सा आया और मैं बोला, "माँ-बाप के मरने के बाद जलाने के लिए कमा।"

वह बोला, "1 रू में विद्युत शवदाह गृह है।"

मैंने कहा, "अपने बच्चों की शादी के लिए कमा।"

वह मुस्कुराया और बोला, "फिर वहीं आ गए... वैसे ही होगी जैसे मेरी हुई थी।"

मैं बोला, "यार एक बात बता ये इतने अच्छे कपडे तू कैसे पहनता है?"

वह बोला, "राज की बात है... फिर भी बता देता हूँ, 'सरकारी जमीन पर कब्जा करो आवास योजना मे लोन लो और फिर मकान बेच कर फिर जमीन कब्जा कर पट्टा ले लो'।"

मुझे तो कुछ समझ नहीं आया। अब आप ही बताइये... यह किस प्रदेश का निवासी है? .
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दरअसल यह भारत के किसी भी राज्य का निवासी हो सकता है क्यूँ कि हमारे देश मे आज के राजनेता आज के युवाओं को उनके वोट के लालच मे स्वाभिमानी नहीं बल्कि सरकारी योजनों का मोहताज बना रहे हैं | ऊपर से आरक्षण का शगुफा भी अपना कमाल दिखाता है| ऐसे मे युवा पथभ्रष्ट  नहीं होंगे तो क्या होगा !!??

सादर आपका
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मेरी राखी नागपूर में

अर्चना चावजी Archana Chaoji at नानी की बेटी - Aristocrat Lady - "मायरा"

हर्ष के जन्मदिन पर सप्रेम [दोहे]

सरिता भाटिया at गुज़ारिश

श्रीयुत धीरेन्द्र वर्मा जी के साथ खिंची यह सेल्फी

डॉ0 अशोक कुमार शुक्ल at कोलाहल से दूर

शहर बंजर हो जाए

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क्या जायज़ है क्या नाजायज़ ? हमको कुच्छ नहीं पता ।

शेफाली पाण्डे at कुमाउँनी चेली

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दांतों का पीलापन : सरल उपचार

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यह प्राचीन शिवालय है बाबू, इधर कोई वीआईपी नहीं

नारदमुनि at नारदमुनि जी
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 अब आज्ञा दीजिये ...

जय हिन्द !!!

7 टिप्‍पणियां:

  1. हा हा हम उस देश के वासी है जिस देश में गंगा बहती है ।
    बहुत सुंदर प्रस्तुति ।

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  2. बहुत मुश्किल है.... बच्चों को आत्मनिर्भर होना सिखाना ...महत्वपूर्ण जिम्मेदारी हो गई है ....

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  3. वाह....
    अनायास ही पहुंच गई यहाँ
    आनन्द आ गया
    सांध्य बुलेटिन पढ़कर
    अब रोज इन्तजार करूँगी
    इस बुलेटिन का
    सादर

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