गड़ेरिया बन मैं भेड़ों को नहलाता रहा
नुकीले सिंघों का नुकीलापन
सहलाकर कम करता रहा
एक साथ ले जाना घुमाने
इकट्ठे ले आना
आज तक नहीं जान सका
कौन अधिक प्यारा रहा ! …
ब्लॉग जगत में लिखी पढी जा रही पोस्टों , उनमें दर्ज़ की जा रही टिप्पणियां ,बहस ,विमर्श ..सबको समेट कर तैयार है बुलेटिन ... ब्लॉग बुलेटिन ...
बुलेटिन में हम ब्लॉग जगत की तमाम गतिविधियों ,लिखा पढी , कहा सुनी , कही अनकही , बहस -विमर्श , सब लेकर आए हैं , ये एक सूत्र भर है उन पोस्टों तक आपको पहुंचाने का जो बुलेटिन लगाने वाले की नज़र में आए , यदि ये आपको कमाल की पोस्टों तक ले जाता है तो हमारा श्रम सफ़ल हुआ । आने का शुक्रिया ... एक और बात आजकल गूगल पर कुछ समस्या के चलते आप की टिप्पणीयां कभी कभी तुरंत न छप कर स्पैम मे जा रही है ... तो चिंतित न हो थोड़ी देर से सही पर आप की टिप्पणी छपेगी जरूर!
बहुत रोचक बुलेटिन...
जवाब देंहटाएंसुंदर प्रस्तुति ।
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर बुलेटिन.
जवाब देंहटाएंमेरे पोस्ट को शामिल करने के लिए आभार.
hardik dhnyavad ..... sundar post hai
जवाब देंहटाएंsundar buletin..
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