प्रिय ब्लॉगर मित्रों,
प्रणाम !
आज १ जुलाई है ... एक तरफ़ जहाँ आज डाक्टर्स डे है ... दूसरी ओर आज जोक डे भी है ... ऐसे मे आज एक लतीफ़ा सुनता हूँ जो इन दोनों अवसरों को सार्थक करेगा |
सोचिए अगर डॉक्टर फिल्म बनाते तो फिल्मों के नाम क्या होते ...
कभी खांसी कभी जुखाम।
कहो न बुखार है।
कहो न बुखार है।
डाक्टर नंबर 1।
हम ब्लड दे चुके सनम।
रहना है अब हॉस्पिटल में।
बचना ए मरीजों।
दिल तो कमजोर है।
एक बोतल दो किडनी।
अजब मरीजों की गजब बीमारी।
आइये अब इस मुस्कान को बनाए रखते हुये ... धरती के भगवान यानि डाक्टर्स को तहे दिल से शुक्रिया कहे कि उनके कारण आज की इस भागम भाग वाली दुनिया मे हम अपनी मुस्कान बनाए रख पाते हैं !!
हम ब्लड दे चुके सनम।
रहना है अब हॉस्पिटल में।
बचना ए मरीजों।
दिल तो कमजोर है।
एक बोतल दो किडनी।
अजब मरीजों की गजब बीमारी।
आइये अब इस मुस्कान को बनाए रखते हुये ... धरती के भगवान यानि डाक्टर्स को तहे दिल से शुक्रिया कहे कि उनके कारण आज की इस भागम भाग वाली दुनिया मे हम अपनी मुस्कान बनाए रख पाते हैं !!
तो मुसकुराते रहिए ... और स्वस्थ रहिए ...इसी कामना के साथ चलते है आज की बुलेटिन की ओर ...
सादर आपका
शिवम् मिश्रा
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सही सही है या गलत सही है पिताजी भी ना जाने किसको सिखा गये
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HARSHVARDHAN at गौरेया
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अब आज्ञा दीजिये ...
जय हिन्द !!!
डाक्टर्स डे और जोक डे
जवाब देंहटाएंतो समझ में आता है
अच्छा लगता है देखकर
कि 'उलूक' उवाच भी
इन दोनो के बीच
में कहीं आता है
आभारी होता है और
बहुत होता है
उसका सूत्र
'सही सही है या गलत सही है पिताजी भी ना जाने किसको सिखा गये'
जब सूत्रों के बीच में
से कहीं मुँह चिढ़ाता
हुआ दिख जाता है
बहुत मेहनत करता है
छाँट कर लाने वाला
सूत्रों को कुछ इधर से
और कुछ उधर से भी
जितने सूत्र कम से कम
उतनी टिप्प्णीयों को
मगर ढूँढना एक बड़ा
काम जरूर हो जाता है
चुटकुला इतना सा ही
कुछ समझ में जैसा आता है ।
बहुत खूब जोशी साहब ... बस यह तुरंत कविता करना ही नहीं आया कभी ... टिप्प्णीयों की लालसा तो वैसे भी कभी नहीं रही ... ब्लॉग जगत से बहुत स्नेह मिला है ... ब्लॉग बुलेटिन के माध्यम से केवल कर्ज़ उतार रहा हूँ |
जवाब देंहटाएंऐसे ही स्नेह बनाए रखें |
सादर |
वाह! आज ज़ोक दिवस भी है... ग्रेट!
जवाब देंहटाएंसुन्दर संयोजन!
आभार!
डॉक्टर डे पर रोचक वार्ता के साथ बहुत बढ़िया बुलेटिन प्रस्तुति में मेरी ब्लॉग पोस्ट शामिल करने हेतु आभार!
जवाब देंहटाएंधन्यवाद ! मेरी पोस्ट शामिल करने के लिये शुक्रिया।
जवाब देंहटाएंजमकर भ्रमण किया आज तो! मज़ा आ गया!
जवाब देंहटाएंमिश्रा सर, बहुत रोचक पोस्ट.. उम्दा लिंक्स.. मेरी रचना शामिल करने के लिए आभार..
जवाब देंहटाएंrochak or pathniy buletin...
जवाब देंहटाएंआप सब का बहुत बहुत आभार |
जवाब देंहटाएंआभार भाई।
जवाब देंहटाएंआभार भाई।
जवाब देंहटाएंसमय की नब्ज को पकड़ता बेहतरीन बुलेटिन
जवाब देंहटाएंसुंदर संकलन
मुझे सम्मलित करने का आभार
सादर