सभी ब्लॉगर मित्रों को मेरा सादर नमस्कार।।
पिछले हफ्ते 4 जून को मणिपुर के चंदेल जिले में उग्रवादियों ने घात लगाकर हमला किया था, जिसमें भारतीय सेना के 18 जवान शहीद हो गए। इसके बाद सरकार ने तय किया कि उग्रवादियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। पांच दिनों से इस पूरे ऑपरेशन को लेकर योजना बना ली गई थी। सेना को खबर मिल ही चुकी थी कि मणिपुर और नगालैंड सीमा पर उग्रवादी फिर से हमले की साजिश रचने में लगे हैं। म्यांमार सरकार के सहयोग से योजनाबद्ध तरीके से सेना ने उग्रवादी कैंपों पर सुबह साढ़े नौ बजे हमला बोल दिया। म्यांमार की सरकार को इस बारे सूचना इस ऑपरेशन की काफी हद तक कार्रवाई पूरी हो जाने के बाद दी गई। सोमवार रात 3 बजे ऑपरेशन शुरू किया गया था। ऑपरेशन के काफी बीत जाने के बाद ही म्यांमार सरकार को बाद में दी गई।
इस पूरे ऑपरेशन के बारे में अहम बात यह रही कि भारतीय सेना के किसी सैनिक को कोई नुकसान नहीं पहुंचा। इंटेलिजेंस से मिली सटीक सूचना से ऑपरेशन संभव हो सका। दो कैंपों में क़रीब 150 उग्रवादी थे। दोनों कैंप पूरी तरह से नष्ट किए, शायद कुछ भागे गए हों। लेकिन यह निश्चित तौर पर 50 से ज्यादा यानी कि 100 से ज़्यादा उग्रवादी ढेर किए गए। ज़्यादातर कैंप में मारे गए। कार्रवाई ख़त्म कर मंगलवार दोपहर को इस खुफिया ऑपरेशन का ऐलान किया गया।
पीएम नरेन्द्र मोदी ने खुद इस ऑपरेशन की हामी भरी। सिचुएशन रूम से खुद पीएम मोदी ने इस पूरे ऑपरेशन को रियल टाइम में देखा। यह गौरतलब है कि यदि राजनीतिक रूप से हरी झंडी नहीं मिली होती तो इतना बड़ा ऑपरेशन अंजाम सेना का देना मुश्किल था।
पिछले हफ्ते 4 जून को मणिपुर के चंदेल जिले में उग्रवादियों ने घात लगाकर हमला किया था, जिसमें भारतीय सेना के 18 जवान शहीद हो गए। इसके बाद सरकार ने तय किया कि उग्रवादियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। पांच दिनों से इस पूरे ऑपरेशन को लेकर योजना बना ली गई थी। सेना को खबर मिल ही चुकी थी कि मणिपुर और नगालैंड सीमा पर उग्रवादी फिर से हमले की साजिश रचने में लगे हैं। म्यांमार सरकार के सहयोग से योजनाबद्ध तरीके से सेना ने उग्रवादी कैंपों पर सुबह साढ़े नौ बजे हमला बोल दिया। म्यांमार की सरकार को इस बारे सूचना इस ऑपरेशन की काफी हद तक कार्रवाई पूरी हो जाने के बाद दी गई। सोमवार रात 3 बजे ऑपरेशन शुरू किया गया था। ऑपरेशन के काफी बीत जाने के बाद ही म्यांमार सरकार को बाद में दी गई।
इस पूरे ऑपरेशन के बारे में अहम बात यह रही कि भारतीय सेना के किसी सैनिक को कोई नुकसान नहीं पहुंचा। इंटेलिजेंस से मिली सटीक सूचना से ऑपरेशन संभव हो सका। दो कैंपों में क़रीब 150 उग्रवादी थे। दोनों कैंप पूरी तरह से नष्ट किए, शायद कुछ भागे गए हों। लेकिन यह निश्चित तौर पर 50 से ज्यादा यानी कि 100 से ज़्यादा उग्रवादी ढेर किए गए। ज़्यादातर कैंप में मारे गए। कार्रवाई ख़त्म कर मंगलवार दोपहर को इस खुफिया ऑपरेशन का ऐलान किया गया।
पीएम नरेन्द्र मोदी ने खुद इस ऑपरेशन की हामी भरी। सिचुएशन रूम से खुद पीएम मोदी ने इस पूरे ऑपरेशन को रियल टाइम में देखा। यह गौरतलब है कि यदि राजनीतिक रूप से हरी झंडी नहीं मिली होती तो इतना बड़ा ऑपरेशन अंजाम सेना का देना मुश्किल था।
हम सबको अपनी भारतीय सेना पर गर्व है, जिसने हमारे दर्द पर जीत की मुस्कान बिखेर दी है । इस मिशन में शामिल सभी सैनिकों की बहादुरी पर हमें गर्व है। जय हिन्द। जय भारत।।
आज की बुलेटिन में बस इतना ही। कल फिर मिलेंगे। सादर … अभिनन्दन।।
उत्तम
जवाब देंहटाएंभारतीय सेना को सलाम । सुंदर बुलेटिन । आभार हर्ष 'उलूक' के सूत्र 'हाय मैगी किसने किया ये हाल तेरा हिसाब नहीं लगा पा रहे हैं' को आज के बुलेटिन में स्थान देने के लिये ।
जवाब देंहटाएंभारतीय सेना सदैव ही तत्पर रही है शत्रुओं को मुंह तोड़ जवाब देने के लिए ... उसे इंतज़ार रहता है तो केवल दिल्ली से मिलने वाली राजनीतिक मंजूरी का जो केवल एक मजबूत और कुशल नेतृत्व वाली सरकार ही दे सकती है |
जवाब देंहटाएंइस से पहले की सरकार ने सेना को वो अपेक्षाकृत समर्थन कभी नहीं दिया जिस की उम्मीद उस से की जाती थी |
हम सब को अपनी सेना और अपनी सरकार पर गर्व है |
जय हिन्द !!!
जय हिन्द की सेना !!!
जुल्मों की दस्ता अब चलने न देगें |
जवाब देंहटाएंअँधेरे को चीरकर रख देंगे ||
नमन देश के इन पहरेदारों को ..
जवाब देंहटाएंहमें अपनी सेना पर गर्व है |
जवाब देंहटाएंकार्टून लिंक को भी सम्मिलित करने के लिए आभार जी.
जवाब देंहटाएंगर्व है हमें अपने जवानों पर। लेकिन इस पर भी कुछ "दिग्गज" कटाक्ष करने से बाज नहीं आए :-(
जवाब देंहटाएंबहुत खुशी हुई इस खबर से....हमें नाज है अपने जवानों पर...
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी लगी बुलेटिन....मेरी रचना शामिल करने के लिए आभार
bahut achhi buletin.
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