सभी मित्रो को देव बाबा की राम राम... आज कल हम निजी कार्यक्रमों के लिए यात्रा प्रवास मे हैं और पिछले दस दिनों में लगभग साढ़े तीन हज़ार किलोमीटर की यात्रा कर चुके हैं। अपनी यात्राओ को एक विशेष पोस्ट के रूप मे आपके सामने बाद मे पेश करूंगा फिलहाल आज का पड़ाव है मैनपुरी....
आदि बाबा और कार्तिक बाबू के संग देव बाबा और शिवम भैया |
आज का बुलेटिन आपकी नज़र करने से पहले पेश है एक लतीफा ...
एक रात, चार कॉलेज विद्यार्थी देर तक मस्ती करते रहे और जब होश आया तो
अगली सुबह होने वाली परीक्षा का भूत उनके सामने आकर खड़ा हो गया। परीक्षा से
बचने के लिए उन्होंने एक योजना बनाई। मैकेनिकों जैसे गंदे और फटे पुराने
कपड़े पहनकर वे प्रिंसिपल के सामने जा खड़े हुए और उन्हें अपनी दुर्दशा की
जानकारी दी।
उन्होंने प्रिंसिपल को बताया कि कल रात वे
चारों एक दोस्त की शादी में गए हुए थे। लौटते में गाड़ी का टायर पंक्चर हो
गया। किसी तरह धक्का लगा-लगाकर गाड़ी को यहां तक लाए हैं। इतनी थकान है कि
बैठना भी संभव नहीं दिखता, पेपर हल करना तो दूर की बात है। यदि आप हम चारों
की परीक्षा आज के बजाय किसी और दिन ले लें तो बड़ी मेहरबानी होगी।
प्रिंसिपल
साहब बड़ी आसानी से मान गए। उन्होंने तीन दिन बाद का समय दिया।
विद्यार्थियों ने प्रिंसिपल साहब को धन्यवाद दिया और जाकर परीक्षा की
तैयारी में लग गए। तीन दिन बाद जब वे परीक्षा देने
पहुंचे तो प्रिंसिपल ने बताया कि यह विशेष परीक्षा केवल उन चारों के लिए ही
आयोजित की गई है। चारों को अलग-अलग कमरों में बैठना होगा।
चारों विद्यार्थी अपने-अपने नियत कमरों में जाकर बैठ गए। जो प्रश्नपत्र उन्हें दिया गया उसमें केवल दो ही प्रश्न थे:
प्र.1 आपका नाम क्या है? (2 अंक)
प्र.2 गाड़ी का कौन सा टायर पंक्चर हुआ था? (98 अंक)
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अब चलते है आज की बुलेटिन की ओर ...अब हम को आज्ञा दीजिये ... शिवम भैया से बतियाना भी है भाई !!नाइट्रोजन बेहतर है कार के टायर में
वह घर मुझे आज भी अपनी ओर खींचता है ।
खाना स्वादिष्ट ही नहीं खूबसूरत भी होता है
देख लो, आज हमको जी भर के
साँप जहर और डर किसका ज्यादा कहर
तुमने कहा था ......
(लघुकथा) डर
मूंग की सूखी दाल का हलवा
मुलाकात हो गयी !!
डॉ० श्यामाप्रसाद मुखर्जी की ११३ वीं जयंती
याद शहर....
फ़रेब की स्लेट पर !!!
रंगों से खेलो
तुम चुप रहो
करतब...
देखें हम कब मिलते हैं। एन्जॉय!!!
जवाब देंहटाएंचारों टायर पंक्चर हो गये । बहुत सुंदर बुलेटिन ।'उलूक' के सूत्र 'साँप जहर और डर किसका ज्यादा कहर' को जगह देने के लिये आभार देव ।
जवाब देंहटाएंहमें कहा कि 4 - 8 जुलाई के बीच मिलाने आयेंगे और खुद जा बैठे मैनपुरी ! देख लूँगा !!
जवाब देंहटाएंअभी तो बाक़ी लिंक्स देखते हैं :)
बहुत सुंदर सूत्र ! आभार !
जवाब देंहटाएंसुन्दर लिंक्स हैं..... शामिल करने का आभार
जवाब देंहटाएंअच्छे पठनीय सूत्र मिल गए ,पढते है ....... आभार :)
जवाब देंहटाएंबहुत सही देव बाबू ... हमारी नगरी मे आ कर खूब रंग जमा गए आप ... जय हो महाराज |
जवाब देंहटाएंहिंदी ब्लॉगर / चिट्ठाकार संबंधी एक विशिष्ट और बेहद मजेदार शोध-सर्वे में अपना अभिमत प्रदान करें
जवाब देंहटाएंhttp://raviratlami.blogspot.in/2014/07/blog-post_7.html
dhanywaad meri is contest entry ko shamil karne ke liye ...
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