सभी ब्लॉगर मित्रों को सादर नमस्कार।।
दो गप्पे बाज हांक रहे थे
अबचलते हैं आज कि बुलेटिन की ओर …………
आज कि बुलेटिन में बस इतना ही कल फिर मिलेंगे।। शुभरात्रि।।
दो गप्पे बाज हांक रहे थे
पहला - वह देखो एक अमरीकन चाँद पर उतर रहा है।
दूसरा - क्या खाक देखूं , चश्मा तो मैं चाँद पर ही छोड़ आया हूँ !!
एक साइकिल सवार लॉरी से टकराने के बावजूद बच गया
फिर भी मुकदमा चला और जज ने लॉरी ड्राइवर से जुर्माना वसूल करते हुए साइकिल सवार से पूछा - " आप हादसे से किस तरह बच गये ? "
साइकिल सवार ने उत्तर दिया - " मेरा भगवान मेरे साथ था। "
जज ने कहा - " साइकिल पर डबल सवारी कानून के खिलाफ है, इसलिये आपको भी जुर्माना भरना पड़ेगा। "
टीचर - राजू समुद्र के बीच एक नींबू का पेड़ लगा है, उस पर कुछ नींबू लगे हैं, उन्हें तुम कैसे तोड़कर लाओगे ?
राजू - चिड़िया बनकर !!
टीचर - बेवकूफ क्या कभी आदमी भी चिड़िया बन सकता है।
राजू - सर,,, तो क्या समुद्र में भी नींबू का पेड़ लगता है भला !!!
संता - यार,,, मुझे अपनी बीवी से तलाक चाहिए।
बंता - लेकिन क्यों आखिर ऐसा क्या हुआ ?
संता - वो छह महीने से मुझसे बात ही नहीं कर रही है।
बंता - एक बार सोच लो, ऐसी बीवी सिर्फ किस्मत वालों को ही मिलती है।
अबचलते हैं आज कि बुलेटिन की ओर …………
आज कि बुलेटिन में बस इतना ही कल फिर मिलेंगे।। शुभरात्रि।।
बढ़िया प्रस्तुति व लिंक्स , हर्ष भाई व बुलेटिन को धन्यवाद !
जवाब देंहटाएंI.A.S.I.H - ब्लॉग ( हिंदी में प्रकार की जानकारियाँ )
सुंदर बुलेटिन हर्ष । 'उलूक' के सूत्र 'हद नहीं होती जब हदों के साथ उसे पार किया जाता है' को स्थान देने के लिये आभार ।
जवाब देंहटाएंअच्छा मनोरंजन , अच्छे लिंक्स |
जवाब देंहटाएंहंसी से दिन बन जाता है सो आपने बना दिया। अब जाते हैं कडियों पर।
जवाब देंहटाएंउलूक के सूत्र ने "पिता" की याद दिला दी , इन दो शब्दों में कितना वज़न है ! आभार बढ़िया चर्चा के लिए, हर्षवर्धन का !
जवाब देंहटाएंबढ़िया।
जवाब देंहटाएंSundar Prstuti
जवाब देंहटाएंसुकून देने वाला है यह बुलेटिन, वरना कभी कभी घबराहट होने लगती है कि पता नहीं लोग क्या लिख रहे हैं, क्या चल रहा है ब्लॉग की दुनिया में...
जवाब देंहटाएंहमें जोड़े रखने के लिए हृदय से आभार
वाह ... बहुत खूब ... रोचक बुलेटिन लगाई हर्ष ... आभार भाई |
जवाब देंहटाएंबहुत खूब :)
जवाब देंहटाएंवैसे आखरी वाला ज्यादा अच्छा है :)