प्रिय ब्लॉगर मित्रों,
प्रणाम |
एक लड़के ने अपने पास की ही सीट पर बैठी एक सुंदर सी लड़की को देख रहा था।
थोड़ी देर बाद उसने एक पेपर निकाला और लिखा- I LOVE YOU, क्या तुम भी मुझे प्यार करती हो ? और उस लड़की को दे दिया।
लड़की ने पढ़ कर मना कर दिया और पेपर उसे लौटा दिया।
थोड़ी देर मायूस होने के बाद उस लड़के ने ये पेपर पास में ही बैठी एक दूसरी लड़की को दे दिया और उसने हां कर दी।
इस कहानी का सार- जैसा आप सोच रहे हो वैसा बिल्कुल नहीं।
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लड़की ने पढ़ कर मना कर दिया और पेपर उसे लौटा दिया।
थोड़ी देर मायूस होने के बाद उस लड़के ने ये पेपर पास में ही बैठी एक दूसरी लड़की को दे दिया और उसने हां कर दी।
इस कहानी का सार- जैसा आप सोच रहे हो वैसा बिल्कुल नहीं।
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"धरती को बचाओ, एक ही पेपर को कई बार इस्तेमाल करो।"
सादर आपका
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अब आज्ञा दीजिये ...
जय हिन्द !!!
Very sweet :)Will see links now
जवाब देंहटाएंachhi katha,achhe sandesh....hamesha ki tarah pathniy link....
जवाब देंहटाएंबढिया सूत्रीय बुलेटिन व प्रस्तुति , शिवम भाई व बुलेटिन को धन्यवाद !
जवाब देंहटाएंI.A.S.I.H - ब्लॉग ( हिंदी में समस्त प्रकार की जानकारियाँ )
बहुत खूब एक पेपर इस्तेमाल करें कईबार
जवाब देंहटाएंयहाँ ना सही कहीं जा कर तो करेगा वार :)
सुंदर बुलेटिन ।
सही, एक ही हांडी को बार-बार चढ़ाओ, काठ की हो तो भी!!
जवाब देंहटाएंnice links......:-)
जवाब देंहटाएंकहानी का सार समझ आया....
जवाब देंहटाएं:-)
बहुत बढ़िया बुलेटिन है....बड़े दिनों बाद आज आना हुआ यहाँ...हमारी पोस्ट शामिल करने का शुक्रिया शिवम्...
सस्नेह
अनु
बहुत बढ़िया बुलेटिन,हमारी पोस्ट शामिल करने का आभार।
जवाब देंहटाएंकहानी का सार अच्छा लगा। अब जाते हैं सूत्रों पर।
जवाब देंहटाएंआप सब का बहुत बहुत आभार |
जवाब देंहटाएंलगभग सभी लिंक्स देखलीं । अच्छी हैं । और काफी अच्छी है आपकी कहानी । कागज को बचाना भी पेडों को बचाने की दिशा में एक कदम है । मेरी रचना को शामिल करने का धन्यवाद ।
जवाब देंहटाएंBahut achhi lagi aapki kahnai...meri rachna ko shamil karne ke liye aabhar
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