प्रिय ब्लॉगर मित्रों,
प्रणाम |
एक आदमी अपने परिवार के साथ जंगल में रहता था।
एक दिन उसे जंगल में एक शीशा मिला।
इस से पहले उसने या उसके परिवार मे किसी ने भी शीशा नहीं देखा था ...
शीशे में उसने खुद को देखा तो उसको लगा कि यह उस के पिता की तस्वीर है।
वो उस शीशे को अपने घर ले आया और उससे रोज़ बातें करने लगा।
यह देख उसकी बीवी को शक हुआ।
एक दिन उसने शीशा निकाला और अपना अक्स देख कर बोली," अच्छा तो ये है वो चुड़ैल जिससे मेरा शौहर बातें करता है।"
उसने शीशा अपनी सास को दिखाया तो सास ने कहा, "कोई बात नहीं, बूढी है जल्दी मर जायेगी।"
आशा करता हूँ ... आप तक बात पहुँची !!
सादर आपका
शिवम् मिश्रा
प्रणाम |
एक आदमी अपने परिवार के साथ जंगल में रहता था।
एक दिन उसे जंगल में एक शीशा मिला।
इस से पहले उसने या उसके परिवार मे किसी ने भी शीशा नहीं देखा था ...
शीशे में उसने खुद को देखा तो उसको लगा कि यह उस के पिता की तस्वीर है।
वो उस शीशे को अपने घर ले आया और उससे रोज़ बातें करने लगा।
यह देख उसकी बीवी को शक हुआ।
एक दिन उसने शीशा निकाला और अपना अक्स देख कर बोली," अच्छा तो ये है वो चुड़ैल जिससे मेरा शौहर बातें करता है।"
उसने शीशा अपनी सास को दिखाया तो सास ने कहा, "कोई बात नहीं, बूढी है जल्दी मर जायेगी।"
आशा करता हूँ ... आप तक बात पहुँची !!
सादर आपका
शिवम् मिश्रा
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सुसाइड नोट-एक लघु कथा
राजनीतिक व्यंग्य के दोहे
कुछ हंसगुल्ले हो जाएँ ?
सत्याग्रह फिर आरम्भ
मम्मा ज़रा रूह-रफ्ज़ा बनाना—जादू डायरी
और आ गए प्रभु जी
पुरुष के रूप....
विज्ञान से सम्बंधित रोजगारपरक पाठ्यक्रम।
पंगु को पंगु बना दिया
2014 चुनाव में मोदी की जीत पर मजेदार पोस्ट और टवीटस
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अब आज्ञा दीजिये ...
जय हिन्द !!!
बात तो पहुँच गई
जवाब देंहटाएंशीशा अभी तक
भी नहीं पहुँचा
बुढ़िया ने लगता है
अपने पास ही रख लिया :)
बहुत सुंदर सूत्र सुंदर बुलेटिन शिवम ।
आप तक बात पहुँची !!
जवाब देंहटाएंG bahut achche se pahuchi.......
mujhe jagah dene ke lie bahut-2 shukriya sir.....:-)
सार्थक संकलन, आभार।
जवाब देंहटाएंसुंदर संदेश देती बोध कथा..सुंदर सूत्र..आभार !
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