सभी चिट्ठकार मित्रों को सादर नमस्कार।।
आज महापंडित राहुल सांकृत्यायन जी का जन्म दिवस है। राहुल जी ने हिन्दी को अपनी कई विधाओं से समृद्ध किया है। विषय की दृष्टि से देखा जाय तो उपन्यास, कहानी, नाटक, जीवनी, यात्रा - वर्णन, कोश, दर्शन, इतिहास, विज्ञान आदि कोई भी विषय उनकी लेखनी से अछूता नहीं रहा है। राहुल जी का जन्म इनके ननिहाल आजमगढ़ ( उत्तर प्रदेश ) जिले के पदहा ग्राम में 9 अप्रैल, सन 1893 ई. में था। राहुल जी का जन्म नाम "केदार पाण्डे" था। इनके पिता का नाम श्री गोवर्धन पाण्डे तथा माँ श्रीमती कुलवंती देवी थी। चार भाईयों और एक बहन के बीच में राहुल जी सबसे बड़े थे। राहुल जी स्वभाव से कोमल और दयावान थे। राहुल जी मूलरूप से घुमक्क्ड़ थे इन्होंने एशिया महाद्वीप के साथ - साथ भारतीय महाद्वीप के लगभग हर देश में प्रवास किया था जैसे - तिब्बत, श्रीलंका, इंग्लैंड, जापान, कोरिया, सोवियत संघ, चीन आदि। राहुल जी को भारत का तीसरा सर्वोच्च नागरिक सम्मान "पदमभूषण" भी प्राप्त हुआ था। राहुल जी कि कुछ महत्वपूर्ण कृतियाँ हैं :- बुद्धचर्या, घुमक्क्ड़ - शास्त्र, हिन्दी काव्य धारा, मध्य एशिया का इतिहास, मेरी लद्दाख यात्रा, तिब्ब्त में सवा वर्ष, रूस में पच्चीस मास, वोल्गा से गंगा आदि। 11 दिसंबर, सन 1961 ई. में राहुल जी की स्मृति - नाश हो गई उन्हें कुछ भी याद नहीं रहा जिसके बाद राहुल जी बीमार रहने लगे। उनकी ये दशा उनके जीवन के अन्तिम क्षणों तक रही। 14 अप्रैल, सन 1963 ई. को राहुल जी का देहान्त हो गया।
आज हम सब महापंडित राहुल सांकृत्यायन जी के 121वे जन्म दिवस पर उन्हें याद करते हुए उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करते है। सादर।।
अब चलते हैं आज कि बुलेटिन की ओर ……
गोमती तट पर खड़ा बैजनाथ मंदिरक
आभार बंगलुरू
तुम बहुत याद आओगे …………
हौसलें कि कहानी - बिना हाथ पैरों के फतह कर ली 14 हजार फीट से अधिक ऊंची चोटी
ट्विटर ने बदला अपना फेसलुक, बनने लगा फेसबुक
कौआ , मोबाइल और काँव काँव
निर्धारित शब्द ...
जीवन : पानी का बुलबुला !
कभी किसी बेखुदी में ऐसा भी हो जाता है
थप्पड़ों का इलाज़
युवराज़ सिंह का गुनाह....
आज कि बुलेटिन में बस इतना ही कल फिर मिलेंगे। शुभरात्रि।।
आज महापंडित राहुल सांकृत्यायन जी का जन्म दिवस है। राहुल जी ने हिन्दी को अपनी कई विधाओं से समृद्ध किया है। विषय की दृष्टि से देखा जाय तो उपन्यास, कहानी, नाटक, जीवनी, यात्रा - वर्णन, कोश, दर्शन, इतिहास, विज्ञान आदि कोई भी विषय उनकी लेखनी से अछूता नहीं रहा है। राहुल जी का जन्म इनके ननिहाल आजमगढ़ ( उत्तर प्रदेश ) जिले के पदहा ग्राम में 9 अप्रैल, सन 1893 ई. में था। राहुल जी का जन्म नाम "केदार पाण्डे" था। इनके पिता का नाम श्री गोवर्धन पाण्डे तथा माँ श्रीमती कुलवंती देवी थी। चार भाईयों और एक बहन के बीच में राहुल जी सबसे बड़े थे। राहुल जी स्वभाव से कोमल और दयावान थे। राहुल जी मूलरूप से घुमक्क्ड़ थे इन्होंने एशिया महाद्वीप के साथ - साथ भारतीय महाद्वीप के लगभग हर देश में प्रवास किया था जैसे - तिब्बत, श्रीलंका, इंग्लैंड, जापान, कोरिया, सोवियत संघ, चीन आदि। राहुल जी को भारत का तीसरा सर्वोच्च नागरिक सम्मान "पदमभूषण" भी प्राप्त हुआ था। राहुल जी कि कुछ महत्वपूर्ण कृतियाँ हैं :- बुद्धचर्या, घुमक्क्ड़ - शास्त्र, हिन्दी काव्य धारा, मध्य एशिया का इतिहास, मेरी लद्दाख यात्रा, तिब्ब्त में सवा वर्ष, रूस में पच्चीस मास, वोल्गा से गंगा आदि। 11 दिसंबर, सन 1961 ई. में राहुल जी की स्मृति - नाश हो गई उन्हें कुछ भी याद नहीं रहा जिसके बाद राहुल जी बीमार रहने लगे। उनकी ये दशा उनके जीवन के अन्तिम क्षणों तक रही। 14 अप्रैल, सन 1963 ई. को राहुल जी का देहान्त हो गया।
आज हम सब महापंडित राहुल सांकृत्यायन जी के 121वे जन्म दिवस पर उन्हें याद करते हुए उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करते है। सादर।।
अब चलते हैं आज कि बुलेटिन की ओर ……
गोमती तट पर खड़ा बैजनाथ मंदिरक
आभार बंगलुरू
तुम बहुत याद आओगे …………
हौसलें कि कहानी - बिना हाथ पैरों के फतह कर ली 14 हजार फीट से अधिक ऊंची चोटी
ट्विटर ने बदला अपना फेसलुक, बनने लगा फेसबुक
कौआ , मोबाइल और काँव काँव
निर्धारित शब्द ...
जीवन : पानी का बुलबुला !
कभी किसी बेखुदी में ऐसा भी हो जाता है
थप्पड़ों का इलाज़
युवराज़ सिंह का गुनाह....
आज कि बुलेटिन में बस इतना ही कल फिर मिलेंगे। शुभरात्रि।।
राहुल जी को शत-शत नमन। आपको भी। पुस्तक सूची में वोल्गा से गंगा भी शामिल कीजिये। मेरी दृष्टि में यह राहुल सांकृत्यायन की श्रेष्ठ तम रचना है।
जवाब देंहटाएंबढ़िया बुलेटिन , सूत्र भी अच्छे हर्षवर्धन भाई व बुलेटिन को धन्यवाद !
जवाब देंहटाएंInformation and solutions in Hindi ( हिंदी में समस्त प्रकार की जानकारियाँ )
महापंडित राहुल सांकृत्यायन जी के जन्म दिवस पर नमन । सुंदर बुलेटिन ।
जवाब देंहटाएंआज के बुलेटिन में 'उलूक' के सूत्र 'कभी किसी बेखुदी में ऐसा भी हो जाता है' को शामिल करने पर आभार हर्ष ।
जवाब देंहटाएंShukriya Dost...
जवाब देंहटाएंparmeshwari जी,,, "वोल्गा से गंगा" पुस्तक बताने के लिए आपका सादर धन्यवाद। इसे पुस्तक सूची में शामिल कर लिया गया है।
जवाब देंहटाएंराहुल जी को नमन।
जवाब देंहटाएंराहुल जी ने अपनी पूरी ज़िंदगी घुमक्क्डी में बिताई थी। इसलिए उनके जन्म दिवस पर सभी घुमक्कड़ों के लिए एक शेर
सैर कर दुनिया कि गाफिल ज़िंदगानी फिर कहा
ज़िंदगानी गर रही तो ये ज़वानी फिर कहा
( यह शेर किसका है मुझे पता नहीं, कही पे पढ़ा था कि खुद राहुल जी का है , एक जगह पढ़ा था कि ग़ालिब का है, एक जगह इस्माइल मेरठी का नाम था। यदि किसी पाठक को पता हो कि वास्तव में यह शेर किसका है तो सुचित करे। )
हमारी पोस्ट शामिल करने के लिए धन्यवाद।
राहुल जी उन्हें नमन ! आपको धन्यवाद कि आपने इसा दिन को याद रखा। लिंक बहुत बेहतर लगे। मुझे जगह देने के लिए आभार !
जवाब देंहटाएंमहापंडित राहुल सांकृत्यायन जी को शत शत नमन |
जवाब देंहटाएंइस शानदार बुलेटिन के लिए आप को साधुवाद ... हर्ष |
Rahul ji ko naman....behud achhi buletin par aapko badhai....
जवाब देंहटाएंशुक्रिया मेरी पोस्ट को इस बुलेटिन में जगह देने के लिये....
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर सूत्र संकलन, मेरी रचना को स्थान देने का आभार..
जवाब देंहटाएंघुमक्कड़ी को प्रणाम, आभार।
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर
जवाब देंहटाएंhttps://www.gyanmanthan.net/shocking-secrets-story-from-mahabharata/
सुप्रभात
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर लिंकों का सार्थक संयोजन। रचनाकार को मेरी हार्दिक शुभकामनाएँ।
मैंने भी 15 August Status or Independence DAy Status with Images पर लिखा है. पसंद आये तो जरूर पढ़े.
कृपया मुझे भी पढ़े व अच्छा लगे तो follow करे मेरा blog है Inspiringbyte.
Very Nice thanks for sharing Also Check Best Good Morning wishes
जवाब देंहटाएंone of the best artical i am reading your articale http://rojgarupdate.com
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