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गुरुवार, 10 अप्रैल 2014

दिखावे पे ना जाओ अपनी अक्ल लगाओ - ब्लॉग बुलेटिन

प्रिय ब्लॉगर मित्रों,
प्रणाम |

एक लड़की हर रोज़ जब कॉलेज से घर आती तो एक लड़के को अपने घर के आगे खड़ा देखती। जब लड़की उस लड़के की तरफ देखती तो लड़का या तो इधर-उधर देखने लग जाता या फिर अपने मोबाइल पर देखता।

 हर रोज़ ऐसा होता और ऐसा होते-होते पूरा एक साल बीत गया।

 लड़की को यकीन हो गया कि लड़का उससे प्यार करता है पर कुछ कह नहीं पा रहा। इसलिए लड़की ने एक दिन खुद ही अपने घर वालों से बात कर ली। घर वाले भी बात समझ गए और उनकी शादी के लिए तैयार हो गए।

 अगले दिन लड़की ने हिम्मत करके लड़के से कहा, "तुम लगातार एक साल से हर रोज़ मेरे घर के आगे खड़े हो जाते हो। मुझे पता है कि तुम मुझ से बहुत प्यार करते हो और मैं भी तुमसे शादी करने के लिए तैयार हूँ।"

 यह सुनकर लड़का डर गया और कांपते-कांपते बोला, "आप गलत समझ रही हैं बहन जी, दरअसल आपके Wi-Fi पर पासवर्ड नहीं लगा हुआ और मैं तो हर रोज़ मुफ्त में Wi-Fi का इस्तेमाल करने के लिए आपके घर के आगे खड़ा होता हूँ!"

इसी लिए कहा जाता है कि ... 

"दिखावे पे ना जाओ अपनी अक्ल लगाओ!"

सादर आपका

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चुनना है खास



क्या ? क्यों ? किसके लिए ?

shikha varshney at स्पंदन SPANDAN


वोट भी देने चलो

ऋता शेखर मधु at मधुर गुंजन


हम लाये हैं तूफान से कश्ती निकाल के

आशा जोगळेकर at स्व प्न रं जि ता


दहशत के बीच : दोषी कौन ?

रेखा श्रीवास्तव at मेरा सरोकार 


भानमती चुप थी..

प्रतिभा सक्सेना at लालित्यम् 


सूफी और कलंदर

राजीव कुमार झा at देहात


कारोबार-ए-सेमीनार

SKT at Tyagi Uwaach


फलसफा

Amod Kumar Srivastava at अभिव्यक्ति


एक मतदाता

Asha Saxena at Akanksha


सियार चरित्र


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अब आज्ञा दीजिये ...

जय हिन्द !!!

13 टिप्‍पणियां:

  1. मुफ्त में Wi-Fi.........बढ़िया बुलेटिन ...आभार !!

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  2. बहुत सुंदर बुलेटिन.
    मेरे पोस्ट को शामिल करने के लिए आभार.

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  3. आपका श्रम हमें बहुत से रंग दिखा गया ,कुछ नई पहचानें करवा गया -आभार !

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  4. wi-fi के उपयोग के लिए अपनाई गयी ट्रिक बहुत अच्छी लगी |उम्दा बुलेटीन
    मेरी रचना शामिल करने के लिए धन्यवाद शिवम् जी

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  5. बहुत बढ़ियां ब्लॉग बुलेटिन शिवम जी ...

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  6. देर से आई क्षमा प्रार्थी हूँ। सभी रचनाएं अचछी लगीं। मेरी रचना को स्थान देने के लिये धन्यवाद।

    जवाब देंहटाएं

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