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बुधवार, 23 अप्रैल 2014

सपनों की दस्तक के नाम लिंक्स पढ़ें



कभी अकेले में तुम्हारे चेहरे पर भी मुस्कान उतरी होगी 
बेवजह खिलखिला कर चौंककर देखा होगा 
किसी ने देखा तो नहीं !
आँखों में शब्दों का काजल लग गया होगा 
कानों में किसी की आवाज मिश्री सी घुलने लगी होगी 
कई सपने दस्तक दे गए होंगे  … 
कितना कुछ सिर्फ तुम्हारा रहा होगा !

आज उस मुस्कान,उस मिश्री सी आवाज,सपनों की दस्तक के नाम लिंक्स पढ़ें 

15 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत सुन्दर बुलेटिन प्रस्तुति!

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  2. खूबसूरत लिंक ... शुक्रिया मेरी रचना को शामिल करने का ...

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  3. अच्छे सूत्र .. शुक्रिया मुझे शामिल करने का ...

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  4. बिल्‍कुल सच .... बेहतरीन लिंक्‍स एवं प्रस्‍तुति
    सादर

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  5. बेहद उम्दा लिंकों से सजी है आज की बुलेटिन ... जय हो दीदी |

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  6. बहुत अच्‍छी प्रस्‍तुति‍...सुंदर लिंक्‍स

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  7. बहुत सुंदर बुलेटिन सुंदर सूत्रों के साथ :)

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  8. खूब भालो बुलेटिन - सुन्दर कड़ियाँ - जय हो - मंगलमय हो

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