सभी ब्लॉगर मित्रों को सादर नमस्कार।।
भारत में इस वक़्त आम चुनाव चल रहे। लोग वोट भी कर रहे और पहले से भी ज्यादा अपना कीमती वोट देकर पिछले कई चुनावों के वोटिंग रिकॉर्ड को तोड़ रहे। लेकिन फिर भी देश के कुछ ऐसे नागरिक है जो अपने वोट की कीमत को नहीं समझते है।
मुरादाबाद में वोटिंग के एक दिन मेरी बात एक सज्जन हुई। मैंने उनसे पूछा - " इस बार वोट दिया क्या ?? "
उन सज्जन का जवाब ऐसा था कि जिसे सुनकर मैं इस सोच में पड़ गया कि क्या वाकई ये इस देश का नागरिक है ?
उनका जवाब था - " वोट देने का क्या फायदा ? वोट देने से हम कौन - सा देश के नेता या प्रधानमन्त्री बन जाएंगे। अगर वोट देने की कुछ कीमत मिले तो आदमी वोट दे भी !! "
उन सज्जन का ये प्रत्युत्तर सुनकर मैं एकदम निःशब्द हो गया। मैं मन ही मन ये मंथन करने लगा कि क्या हमारी देश जनता ऐसी ही सोच रखती है ? या फिर ये केवल उन जैसे सज्जनों की बीमार मानसिकता है ?
मैंने भी अपने जीवन में पहली बार इस चुनाव में वोट दिया। लेकिन अधेड़ उम्र के उन सज्जन का ये प्रत्युत्तर 19 वर्षीय नवयुवक यानि मुझपर काफी चोट कर गया।
सोचा क्यों ना एक लेख के माध्यम से अपने अंतर्जाल के मित्रों तक अपनी बात पहुँचायी जाएँ।
सादर
हर्षवर्धन श्रीवास्तव
अब चलते हैं आज कि बुलेटिन की ओर ……
भारत में इस वक़्त आम चुनाव चल रहे। लोग वोट भी कर रहे और पहले से भी ज्यादा अपना कीमती वोट देकर पिछले कई चुनावों के वोटिंग रिकॉर्ड को तोड़ रहे। लेकिन फिर भी देश के कुछ ऐसे नागरिक है जो अपने वोट की कीमत को नहीं समझते है।
मुरादाबाद में वोटिंग के एक दिन मेरी बात एक सज्जन हुई। मैंने उनसे पूछा - " इस बार वोट दिया क्या ?? "
उन सज्जन का जवाब ऐसा था कि जिसे सुनकर मैं इस सोच में पड़ गया कि क्या वाकई ये इस देश का नागरिक है ?
उनका जवाब था - " वोट देने का क्या फायदा ? वोट देने से हम कौन - सा देश के नेता या प्रधानमन्त्री बन जाएंगे। अगर वोट देने की कुछ कीमत मिले तो आदमी वोट दे भी !! "
उन सज्जन का ये प्रत्युत्तर सुनकर मैं एकदम निःशब्द हो गया। मैं मन ही मन ये मंथन करने लगा कि क्या हमारी देश जनता ऐसी ही सोच रखती है ? या फिर ये केवल उन जैसे सज्जनों की बीमार मानसिकता है ?
मैंने भी अपने जीवन में पहली बार इस चुनाव में वोट दिया। लेकिन अधेड़ उम्र के उन सज्जन का ये प्रत्युत्तर 19 वर्षीय नवयुवक यानि मुझपर काफी चोट कर गया।
सोचा क्यों ना एक लेख के माध्यम से अपने अंतर्जाल के मित्रों तक अपनी बात पहुँचायी जाएँ।
लेकिन आप लोग उन सज्जन की तरह अपने वोट की गलत कीमत कभी मत लगाइएगा। क्योंकि आपका एक वोट देश को बेहतर बना सकता है और देश का भविष्य सुरक्षित हाथों में पहुँचा सकता है। इसीलिए वोट ज़रूर करें। जय हिन्द। जय भारत।।
हर्षवर्धन श्रीवास्तव
अब चलते हैं आज कि बुलेटिन की ओर ……
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आज कि बुलेटिन में बस इतना ही कल फिर मिलेंगे। शुभरात्रि।।
Harsh, thanks to link my post at your bulletin. Really your work is appreciable.
जवाब देंहटाएंI wish this year people more and more involve in voting.
बेहतरीन बुलेटिन व लिंक्स , हर्ष भाई व बुलेटिन को धन्यवाद !
जवाब देंहटाएंनवीन प्रकाशन - जिंदगी हँसने गाने के लिए है पल - दो पल !
I.A.S.I.H ब्लॉग ( हिंदी में समस्त प्रकार की जानकारियाँ )
सार्थक एवं पठनीय सूत्रों से सजा बुलेटिन ! 'इन्द्रधनुष के रंग' को भी सम्मिलित किया आभारी हूँ !
जवाब देंहटाएंसुंदर सूत्र सुंदर बुलेटिन हर्ष । 'उलूक' का सूत्र 'गजब की बात है वहाँ पर तक हो रही होती है' शामिल किया आभार ।
जवाब देंहटाएंहर्ष जी ने बड़ी सामयिक प्रस्तुति के साथ जनता को उनके सबसे महत्वपूर्ण अधिकार की ओर इंगित किया है!! सुन्दर कड़ियाँ..!!
जवाब देंहटाएंहर्षवर्धन जी बड़ी समसामयिक और महत्व के विषय पर आपने ब्लॉग बुलेटिन तैयार की है.... वोट जरूरी है देश हित में... आखिर हम अपनी सरकार नहीं चुनेंगे तो कौन चुनेगा...
जवाब देंहटाएंजय हो हर्ष बाबू ... जय हो ... बेहद सार्थक संदेश दिया बुलेटिन के माध्यम से ... आप जैसे युवाओं पर ही अब ज़िम्मेदारी आ गई है कि मतदान के माध्यम से मिली शक्ति को जनता अपने अधिकार के रूप मे समझे और उस का पूरा लाभ उठाए |
जवाब देंहटाएंइस सार्थक पोस्ट के लिए साधुवाद |
हर्ष जी, जब आम आदमी देखता है कि उसी के वोट का सहारा लेकर कोई अपनी पीढ़ियों को तारने में लग जाता है तो आक्रोश वश वह भी अपने इस अधिकार से विमुख हो जाता है और यही वह भूल है जो सामने वाले को सजा दिलाने से बचा लेती है।
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