प्रिय ब्लॉगर मित्रों,
प्रणाम |
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तेजाब हमलों को रोकने की मुहिम में शामिल एक भारतीय महिला लक्ष्मी को अमेरिका के
प्रतिष्ठित इंटरनेशनल वुमन ऑफ द करेज अवार्ड से सम्मानित किया गया है । स्टॉप
एसिड अटैक कैंपेन की सदस्य लक्ष्मी खुद तेजाब हमले का शिकार हो चुकी हैं।
विदेश मंत्रालय में आयोजित एक समारोह में लक्ष्मी ने अमेरिका की प्रथम
महिला के हाथों यह पुरस्कार ग्रहण किया। वह महज 16 साल की थी जब नई दिल्ली
के व्यस्त खान मार्किट के बस स्टैंड पर एक व्यक्ति ने उनके चेहरे पर तेजाब
फेंक दिया था। हमलावर और कोई नहीं उसके 32 वर्षीय भाई का एक दोस्त था।
लक्ष्मी ने उसके शादी के प्रस्ताव को ठुकरा दिया था, जिसका बदला लेने के
लिए उसने वर्ष 2005 में इस खौफनाक वारदात को अंजाम दिया। विदेश विभाग ने
बयान में कहा, 'तेजाब हमले की शिकार महिलाएं दोबारा सामान्य जिंदगी शुरू
नहीं कर पाती हैं। वे पूरी जिंदगी विकृत चेहरे को छिपाती रहती है। वे
स्कूल, कॉलेज या नौकरी पर जाना छोड़ देती हैं। सार्वजनिक रूप से लोगों से
घुलना मिलना छोड़ देती हैं। कुछ आत्महत्या का रास्ता चुन लेती हैं। लक्ष्मी
ने इसे नहीं छिपाया। उसने दुनिया का सामना किया।' भारत की शीर्ष अदालत तक
अपनी आवाज पहुंचाने के लिए लक्ष्मी ने एक हस्ताक्षर अभियान चलाया और करीब
27,000 हस्ताक्षरों के साथ एसिड की बिक्री पर रोक लगाने की मांग की। इसके
बाद अदालत ने एसिड की बिक्री को नियमित करने के आदेश दिए। दिल्ली सामूहिक
दुष्कर्म कांड की पीड़िता निर्भया को भी साहस के प्रतिष्ठित पुरस्कार से
सम्मानित किया गया। वर्ष 2007 की शुरुआत के बाद से यह पुरस्कार दुनियाभर
में महिलाओं के अधिकारों, समानता, सामाजिक विकास के लिए लड़ने वाली महिलाओं
को दिया जाता है।
ज्ञात हो कि पिछले कुछ सालों में तेजाब हमले की सैकड़ों वारदातें हो चुकी हैं। तेजाब
हमले की ज्यादातर वारदातें मनचलों की करतूत होती है। तेजाब के ये हमले
इतने भयानक होते हैं कि किसी की हंसती-खेलती जिंदगी बरबाद हो जाती है।
मेरा मानना यह है कि अब समय आ गया है जब संसद भी इस अपराध को पीडि़त और अदालत की निगाह से देखे। साथ ही इस अपराध में जल्द से जल्द कठोर सजा का प्रावधान करे क्यों कि अदालत के आदेश के बावजूद आज भी बड़े आराम से तेजाब खुला बिकता दिखता है |
पूरी ब्लॉग बुलेटिन टीम और हिन्दी ब्लॉग जगत की ओर से मैं लक्ष्मी जी के साहस और जज़्बे को सलाम करता हूँ और उनको हार्दिक मुबारकबाद और शुभकामनायें देता हूँ |
आप अपनी राय दें |
सादर आपका
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एक गुनगुना अहसास -----
शाम के हिस्से उदासी
बसंत जिस गाँव में मारा गया था !!
हम की महती भावना, मानव की पहचान
पानियों पे छींटे उडाती हुई लड़की...-
गूगल मैप से दुनिया को जानिये और भी बेहतर
हम सब इस बच्चे के स्वस्थ होने कि कामना करे
शापित
जा रहा मधुमास है
सड़क संस्कृति की जरूरत
श्रीकृष्ण का सखा भाव
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अब आज्ञा दीजिये ...
जय हिन्द !!!
मैं भी लक्ष्मी के साहस और जज़्बे को सलाम करता हूँ और उसको हार्दिक मुबारकबाद और शुभकामनायें देता हूँ आपके साथ साथ |
जवाब देंहटाएंअच्छी पोस्ट। उनका साहस सलाम के क़ाबिल है।
जवाब देंहटाएंलक्ष्मी सचमुच बहुत बहादुर हैं ! उनके हौसले को शत शत नमन ! मेरी रचना को आज के बुलेटिन में स्थान दिया आपका बहुत-बहुत आभार शिवम जी !
जवाब देंहटाएंलक्ष्मी के साहस और जज़्बे को तो नमन है ही साथ ही साथ आलोक का सहयोग और प्रयास भी स्तुत्य है |
जवाब देंहटाएंलक्ष्मी की बहादुरी और प्रयास को शत शत नमन|
जवाब देंहटाएंमेरी रचना स्थान देने के लिए शुक्रिया !!
uf aese log pata nahi manushya bhi hain ya nahi laxmi ki himmat ke aage sir jhukta hia .ishvar inki himmat banaye rakhe
जवाब देंहटाएंrachana
उस बिटिया के साहस को सलाम!!
जवाब देंहटाएंलक्ष्मी की बहादुरी का शत-शत नमन.....मेरी रचना को शामिल करने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद
जवाब देंहटाएंलक्ष्मी के साहस को नमन, सुन्दर सूत्र।
जवाब देंहटाएंलक्ष्मी की बहादुरी का शत-शत नमन...बहुत अच्छा लिखा आपने
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