प्रिय ब्लॉगर मित्रों,
प्रणाम |
आज का ज्ञान :-
सादर आपका
शिवम मिश्रा
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आज का ज्ञान :-
सादर आपका
शिवम मिश्रा
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साथ क्या दोगे मेरा तुम उस ठिकाने तक(ग़ज़ल )
'हमलोग' उपन्यास के रूप में आ रहा है
वो काँच का दरवाजा
तलाशी
सृजन की प्राथमिकता, ब्लॉगिंग और हम
खबर खबर वालों की ( मीडिया की बात ) डा लोक सेतिया
जब कीचड़ में कमल खिला
भाषा शहरी हो गयी है -
आर टी आई में किसी उस्ताद की ज़रूरत हो तो क्या करें ...
18 फरवरी की ग्रहस्थिति सामान्य तौर पर सुखद है .. पढिए किन लग्नवालों को किन मामलों में
अन्धविश्वासों का दायरा
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अब आज्ञा दीजिये ...
जय हिन्द !!!
आभार शिवम जी ...
जवाब देंहटाएंबहुत शॉर्ट कट में निपटा दिये हैं!! लेकिन याद रखिए... तुझको चलना होगा!!
जवाब देंहटाएंरोचक और पठनीय सूत्र..
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर बुलेटिन । सुंदर सूत्र ।
जवाब देंहटाएंबढ़िया है .
जवाब देंहटाएंआप सब का बहुत बहुत आभार |
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत आभारी हूँ शिवम् जी मेरी ग़ज़ल को सभी सुन्दर सूत्रों के मंच पर साझा किया ,नेटवर्क डाउन होने के कारण आज पोस्ट पर आना हुआ ,तहे दिल से शुक्रिया
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