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सोमवार, 17 फ़रवरी 2014

राय का लेन देन ब्लॉग बुलेटिन

प्रिय ब्लॉगर मित्रों,
प्रणाम |

आज का ज्ञान :- 
 सादर आपका
शिवम मिश्रा
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साथ क्या दोगे मेरा तुम उस ठिकाने तक(ग़ज़ल )

'हमलोग' उपन्यास के रूप में आ रहा है

वो काँच का दरवाजा

तलाशी

सृजन की प्राथमिकता, ब्लॉगिंग और हम

खबर खबर वालों की ( मीडिया की बात ) डा लोक सेतिया

जब कीचड़ में कमल खिला

भाषा शहरी हो गयी है -

आर टी आई में किसी उस्ताद की ज़रूरत हो तो क्या करें ...

18 फरवरी की ग्रहस्थिति सामान्य तौर पर सुखद है .. पढिए किन लग्नवालों को किन मामलों में

अन्‍धविश्‍वासों का दायरा

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अब आज्ञा दीजिये ...

जय हिन्द !!!

7 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत शॉर्ट कट में निपटा दिये हैं!! लेकिन याद रखिए... तुझको चलना होगा!!

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  2. बहुत सुंदर बुलेटिन । सुंदर सूत्र ।

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  3. बहुत बहुत आभारी हूँ शिवम् जी मेरी ग़ज़ल को सभी सुन्दर सूत्रों के मंच पर साझा किया ,नेटवर्क डाउन होने के कारण आज पोस्ट पर आना हुआ ,तहे दिल से शुक्रिया

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बुलेटिन में हम ब्लॉग जगत की तमाम गतिविधियों ,लिखा पढी , कहा सुनी , कही अनकही , बहस -विमर्श , सब लेकर आए हैं , ये एक सूत्र भर है उन पोस्टों तक आपको पहुंचाने का जो बुलेटिन लगाने वाले की नज़र में आए , यदि ये आपको कमाल की पोस्टों तक ले जाता है तो हमारा श्रम सफ़ल हुआ । आने का शुक्रिया ... एक और बात आजकल गूगल पर कुछ समस्या के चलते आप की टिप्पणीयां कभी कभी तुरंत न छप कर स्पैम मे जा रही है ... तो चिंतित न हो थोड़ी देर से सही पर आप की टिप्पणी छपेगी जरूर!