आत्मविश्वास और बाह्य क्षेत्र की भयानकता - विपरीत स्थिति
थोड़ी सकारात्मक थोड़ी नकारात्मक
किसका पलड़ा भारी होगा, कौन जाने !
घर के बाहर असुरक्षा है
तो घर के अंदर भी
हर सीख हर जगह काम नहीं आती
जो जी गया, वह समझदार
जो मर गया, उसका दुर्भाग्य
और अनगिनत कहानियाँ …।
आपका बहुत आभार ।
जवाब देंहटाएंकुछ लिंक्स पढ़ चुके थे कुछ नये मिले..ब्लॉग बुलेटिन में शामिल करने के लिए आभार...
जवाब देंहटाएंबढ़िया बुलेटिन रश्मि दी आभार |
जवाब देंहटाएंमेरी कहानी को ब्लॉग बुलेटिन में शामिल करने के लिए आपका आभार। लिंक देखता हूँ..
जवाब देंहटाएंहर सीख हर जगह काम नहीं आती
जवाब देंहटाएंअति सुंदर सीख के साथ सुंदर बुलेटिन। आभार।
बहुत सुंदर सूत्र सुंदर बुलेटिन !
जवाब देंहटाएंब्लॉग बुलेटिन के क्या कहने। देखकर आनंद आ गया। अब लिंक्स पर जाता हूँ।
जवाब देंहटाएंमेरी ताजा पोस्ट का लिंक यह रहा-
माइक, कैमरा, एक्शन और आम आदमी
http://www.satyarthmitra.com/2014/01/blog-post.html
आभार रश्मि जी ....
जवाब देंहटाएंसुंदर सूत्र ......... !!
जवाब देंहटाएंशामिल करने के लिए आभार! अच्छे लिंक्स.
जवाब देंहटाएंविपरीत स्थितियों में जीना ही दुष्कर है ...
जवाब देंहटाएंअच्छे सूत्र ... आभार मेरी गज़ल शामिल करने का ...
बड़े ही सुन्दर और पठनीय सूत्र।
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