प्रिय ब्लॉगर मित्रों ,
प्रणाम |
प्रणाम |
आज मिज़ाज कुछ शायराना सा हो रहा है ...
सोच रहा हूँ आप सब को कुछ बढ़िया सा सुना ही दूँ ...
हाँ तो जनाब अर्ज़ किया है कि ...
एक अजीब सी हालत हैं तेरे जाने के बाद;
भूख ही नहीं लगती खाना खाने के बाद;
मेरे पास ८ समोसे थे जो मैंने खा लिए;
४ तेरे आने से पहले ४ तेरे जाने के बाद;
नींद ही नहीं आती मुझे सोने के बाद;
नज़र कुछ नहीं आता आँखे बंद होने के बाद;
डॉक्टर से पूछा इसका इलाज़ दी ४ टैबलेट;
बोला खा लेना २ जागने से पहले २ सोने के बाद।
एक अजीब सी हालत हैं तेरे जाने के बाद;
भूख ही नहीं लगती खाना खाने के बाद;
मेरे पास ८ समोसे थे जो मैंने खा लिए;
४ तेरे आने से पहले ४ तेरे जाने के बाद;
नींद ही नहीं आती मुझे सोने के बाद;
नज़र कुछ नहीं आता आँखे बंद होने के बाद;
डॉक्टर से पूछा इसका इलाज़ दी ४ टैबलेट;
बोला खा लेना २ जागने से पहले २ सोने के बाद।
बताइएगा जरूर कैसी रही हमारी यह कोशिश ... आपका दिल बहलाने की !!
सादर आपका
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भारत और रेल का जनरल डब्बा
मेरे अपने......
क्या हुआ अगर खुद लिख कर खुद ही कोई समझ रहा है
सुशील कुमार जोशी at उल्लूक टाईम्सकार्टून :- आप के पंगे आप के अंदाज़ हैं
गुलमर्ग , और पत्थरबाजी में मुश्किल से बची जान
कोशिश
चेहरा तेरा
कि.....मैं तुम्हें......
सर्व धर्म हिताय Kavita 182
सुप्रभात
जवाब देंहटाएंब्लॉग बुलेटिन पर अपनी रचना की लिंक देखी अच्छा लगा |मेरी रचना को शामिल करने के लिए धन्यवाद |
सुन्दर सूत्रों का संकलन।
जवाब देंहटाएंलिंक्स बढ़िया हैं ....!!
जवाब देंहटाएंआपकी कविता बहुत बढ़िया लगी शिवम ....एक गहरा कटाक्ष है आज की स्थिती पर ....!!लिखते रहें शुभकामनायें .
links badhiya hain n yes man khus hua :)
जवाब देंहटाएंआभार शिवम भाई :-)
जवाब देंहटाएंअच्छे लिंक्स !
जवाब देंहटाएंWaah Bhai bahut achche links aapne diye, sabhi to nahi padh paya, din bhar padta rahunga. Bahut Bahut Abhar.
जवाब देंहटाएंक्या जिंदगी थी
जवाब देंहटाएंशादी से पहले
क्या जिंदगी हो गई
शादी हो जाने के बाद
हिसाब नहीं मिलता था
पहले भी कभी बटुऐ का
अब भी नहीं मिलता है
तेरे आ जाने के बाद :)
बहुत सुंदर था
कुछ मैने भी जोड़ दिया
बताइयेगा कैसा किया :)
और साथ में आभार दिया
उल्लूक का लिखना पढ़ना
भी जब शामिल दिखाई दिया !
टिप्पणी पढ़ लेना आँख मूंदने के बाद। बढिया है जी।
जवाब देंहटाएंsundar links.....meri rachna ko shamil karne kay liye dhanyavad
जवाब देंहटाएंआप सब का बहुत बहुत आभार |
जवाब देंहटाएंशुक्रिया आपने मेरी रचना को स्थान दिया यहाँ....!
जवाब देंहटाएंसाथ ही कई नए-पुराने लोगों से मिलने और उन्हें पढ़ने का मौका भी दिया...!
पुन: धन्यवाद...!
badi khushi hui.....mujhe bhi liye.sare links achche lage.
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