बता दिया जाये
कि गुनाह किसे कहते हैं
तो तुम गुनाह करना बंद कर दोगे ?
या नए तर्क लिए खुद को बेगुनाह ही कहोगे ?
सोचते हुए इन्हें पढ़िए - सोच की परिधि बढती जाएगी =
ब्लॉग जगत में लिखी पढी जा रही पोस्टों , उनमें दर्ज़ की जा रही टिप्पणियां ,बहस ,विमर्श ..सबको समेट कर तैयार है बुलेटिन ... ब्लॉग बुलेटिन ...
बुलेटिन में हम ब्लॉग जगत की तमाम गतिविधियों ,लिखा पढी , कहा सुनी , कही अनकही , बहस -विमर्श , सब लेकर आए हैं , ये एक सूत्र भर है उन पोस्टों तक आपको पहुंचाने का जो बुलेटिन लगाने वाले की नज़र में आए , यदि ये आपको कमाल की पोस्टों तक ले जाता है तो हमारा श्रम सफ़ल हुआ । आने का शुक्रिया ... एक और बात आजकल गूगल पर कुछ समस्या के चलते आप की टिप्पणीयां कभी कभी तुरंत न छप कर स्पैम मे जा रही है ... तो चिंतित न हो थोड़ी देर से सही पर आप की टिप्पणी छपेगी जरूर!
शानदार बुलेटिन!!
जवाब देंहटाएंहमारी रचना को सम्मलित करने के लिए बहुत बहुत आभार!!!
बहुत सुदर संकलन !
जवाब देंहटाएंजो वो करता है वो होता है गुनाह
मैं करता हूं जब कभी मांफी भी
मांग लेता हूं साथ में !
सुंदर पठनीय सूत्र ...!
जवाब देंहटाएंRECENT POST : अपनी राम कहानी में.
शानदार बुलेटिन..मेरी रचना शामिल करने के लिए आभार...
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर बुलेटिन प्रस्तुति में मेरी पोस्ट शामिल करने हेतु आभार!
जवाब देंहटाएंपोस्ट को शामिल करने के लिए धन्यवाद.
जवाब देंहटाएंबहुत छाँट छाँट कर नगीने लाई है आप ... आभार दीदी !
जवाब देंहटाएंपठनीय बुलेटिन
जवाब देंहटाएंबहुत खूब बुलेटिन | जय हो
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