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शनिवार, 3 अगस्त 2013

इंतज़ार उसका मुझे


प्रिये ब्लॉगर मित्रों, 

प्रस्तुत कर रहा हूँ आज की बुलेटिन | अचानक बैठे बैठे कुछ भाव दिल में आये और उन्हें अपनी कलम से कागज़ पर यूं ही उतार दिया | ऐसा शायद सभी की साथ कभी ना कभी ज़िन्दगी में ज़रूर हुआ होगा | कोई न कोई ऐसा इंसान ज़रूर होगा जिसका इंतज़ार जीवन भर रहा होगा | उम्मीद है मेरी छोटी सी कोशिश आपको पसंद आएगी | 


वो कहते हैं इश्क नहीं 
होता पहली नज़र में 
मैंने जिस से भी किया
आज भी निभा रहा हूँ 

सुलगते जो दिल में
जज़्बात रहते हैं मेरे
आज लिखकर उन्हें 
दिलसे बतला रहा हूँ 

वो आया था नज़रों में 
फिर दिल को भा गया 
एक निगाह डाल कर 
मुझे अपना बना गया 

रंग ऐसा चढ़ा उसका 
छुड़ाए छुट न सका 
बाद मुददतों के भी 
नाम मिट न सका 

पतंगा बन कर रहा
आग में जलता रहा 
बरसों 'निर्जन' यूँ ही 
बस पिघलता रहा 

इंतज़ार उसका मुझे 
आज भी है ऐ दोस्त 
उम्रभर इश्क को मेरे 
जो बैठा परखता रहा

आज की कड़ियाँ 












अब इजाज़त | आज के लिए बस यहीं तक | फिर मुलाक़ात होगी | आभार

जय श्री राम | हर हर महादेव शंभू | जय बजरंगबली महाराज 

8 टिप्‍पणियां:

  1. सुन्दर लिंक्स से सुसज्जित बढिया बुलेटिन्।

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  2. शुक्रिया दोस्तों | आप सभी को मित्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं |

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