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सोमवार, 12 अगस्त 2013

याई रे, याई रे, ब्लॉग बुलेटिन आई रे ...

प्रिय ब्लॉगर मित्रों,
प्रणाम !
पप्पू: मैम, May I Go to Washroom (क्या मैं शौचालय जा सकता हूँ?)।

मैडम गुस्से में, "हिंदी नहीं आती? हिंदी के पीरियड में जो भी बात करनी है हिंदी में किया करो।

पप्पू: बहनजी, पेशाब कर आएं?

मैडम: ठीक है जाओ।

दूसरे दिन अंग्रेजी की क्लास में।

पप्पू: बहनजी, पेशाब कर आएं?

मैडम गुस्से में, "अंग्रेजी में नहीं बोल सकते, जब अंग्रेजी का पीरियड हो तो हर बात अंग्रेजी में ही पूछोगे...समझे?

पप्पू: ओके मैम, May I Go to Washroom (क्या मैं शौचालय जा सकता हूँ?)?

मैडम: ओके।

पप्पू ने सीख ले ली कि अब वो किसी मैडम को शिकायत का मौक़ा नहीं देगा और तीसरे दिन संगीत की क्लास में सुसु आने पर शिक्षिका से बोला।

पप्पू गाना गाते हुए ,"याई रे, याई रे, जोर से सुसू आई रे।"

(इस पप्पू की हरकतों का किसी और पप्पू की हरकतों से मेल खाना संयोग मात्र है ... इस के पीछे कोई राजनीतिक कारण नहीं है !)
सादर आपका 
शिवम मिश्रा  
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क्यों बेच रही हो ? कबाड़ी को

बेटी को जन्म दिया तो मै तुम्हे तेज़ाब से नहला दूंगा ।

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अब आज्ञा दीजिये ...
जय हिन्द !!!

16 टिप्‍पणियां:

  1. शिवम् जी हमारे लिखे शब्दों को सम्मान देने का शुक्रिया उम्दा लिनक्स संजोये हैं आपने

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  2. बहुत अच्छी लगी पप्पू की शरारतें, सुन्दर बुलेटिन बेहद शानदार लिंक्स का सयोजन करने पर आपको बधाई शिवम् जी। मेरी पोस्ट को शामिल करने के लिए आपका आभार।

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  3. हा हा हा | भैयाजी बहुत बढ़िया बुलेटिन लगाई | अभी घर पहुंचा और आते ही बुलेटिन चेक किया | बढ़िया लिंक लगाये | जय हो :)

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  4. शिवम् जी मैं पहली बार इस ब्लॉग पर आई हूँ |यह ब्लॉग बहुत अच्छा लगा |मेरी रचना शामिल करने के लिए धन्यवाद और आभार |
    आशा

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  5. बढ़िया चर्चा… समयचक्र की पोस्ट को शामिल करने के लिए हार्दिक आभार

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