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मंगलवार, 4 जून 2013

काला दिवस

आदरणीय ब्लॉगर मित्रों, 
सादर नमस्कार,

आज ४ जून है और यह दिन सदैव भारत के इतिहास में काले दिवस के रूप में जाना जाएगा. आज ही के दिन सरकार ने कालाधन और भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज़ उठाने वाले लाखों देश भक्तों को खत्म करने का घिनौना षड्यंत्र रचा था | आज से २ वर्ष पहले २०११ में आज ही के दिन रामलीला मैदान में भ्रष्टाचार के खिलाफ आन्दोलन करते बाबा रामदेव और उनके सह कर्मियों और सहयोगियों पर रात के अँधेरे में बिना सूचित किये लाठी चार्ज किया गया था | इस लाठी चार्ज में बाबाजी के साथ, राज बाला और एनी बहुत से लोग घायल हुए थे और इस दिन बहुत कुछ बदल गया था तथा बहुत कुछ पता चला था | जैसे:
  • यह पता चला के पुलिस सरकार के इशारे पर कुछ भी कर सकती है, वह जनता के लिए नहीं है |
  • यह भी पता चला कि सभी जन आन्दोलनकर्ता स्वामी रामदेव की तरह नहीं है | वक़्त बदलते ही वे भी पाला बदलते है | 
  • यह भी पता चला के महिलाएं दिल्ली में सुरक्षित नहीं है |
  • यह भी पता चला के सरकार काला धन वापस नहीं लाएगी , क्योंकि ये तो उन्ही का प्रताप है के आज कला धन स्विस बैंकों में है | 
  • यह भी स्पष्ट हुआ के व्यवस्था परिवर्तन बिना काला धन वापस आना संभव नहीं है |
  • यह भी ज्ञात हुआ के विदेशी फंड द्वारा चलने वाले एनजीओ संचालकों पर कभी भरोसा नहीं करना चाहिए |
  • एक बहुत बड़ी और ज़रूरी बात से पर्दा उठा के मीडिया का कोई भरोसा नहीं है | यह मीडिया वाले कवरेज दे रहे होते हैं, पर कब आपकी कमज़ोर नस पकड़ कर आप पर उलट वार करने लग जायेंगे आपको खुद भी पता नहीं चलेगा | 
  • सीबीआई सरकार की पालतू है जिसका का दुरुपयोग कभी भी, कहीं भी, कैसे भी, हो सकता है |
  • एक बात और स्पष्ट हुई के कौनसा राजनीतिक दल विशवास करने योग्य है और कौनसा नहीं |
  • काश!! राजीव भाई भी उस समय होते, तो उनमे भी ये सब बदलाव आते, जो उनके आगे व्याख्यानों में दिखाई देते | जो काम अब हम आगे बढ़ाना चाहते है | आज हमें भी उन्ही की तरह सोचना है और भारत को आगे बढ़ाना है और भ्रष्टाचार, चोर उचक्कों और जयचंदो से बचाना है | 
  • हम यह भी सोचने को मजबूर हुए के आज की परिस्थिति में यदि राजीव भाई जीवित होते तो वे व्यवस्था परिवर्तन के लिए किसका साथ देते |  















मुद्दे और भी है पर सभी तरह के मुद्दों को इस समय उठाना संभव नहीं है | परन्तु यदि हर भारतीय अपने ह्रदय में प्रण कर ले के भ्रष्टाचार का सफाया करना है और इस गूंगी, बहरी और चोर सरकार को जड़ से उखाड़ फेंकना है तब ही मैं समझता हूँ के भारत के सुनहरे दिन वापस आ पाएंगे | जागो भारत वासियों जागो | अब निर्णय लेने का समय आ गया है | 

आज की कड़ियाँ 












आज के लिए बस इतना ही | कल फिर मुलाक़ात होगी | धन्यवाद् | 

जय हो | जय श्री राम | हर हर महादेव | जय बजरंगबली 

19 टिप्‍पणियां:

  1. भारत के सुनहरे दिन वापस आ पाएंगे ?? ...लगता नहीं. विभा..

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  2. व्यवस्था को बदलने के लिए बहुत कुछ सहना होगा और जो इसको आसानी से बदलने के ख्वाहिशमंद है उनको अपने रास्ते बदलने होंगे !!
    सुन्दर बुलेटिन !!
    आभार !!

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  3. काश ये तारीख याद होती सबको और करते एक आह्वान ऐसा कि सत्ता का तख्ता पलट हो जाता ।बहुत सुन्दर बुलेटिन लगाया है।

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  4. आप सभी का आभार |

    @विभा माँ - क्रांति ज़ोरों पर है एक न एक दिन तो सुनहरे दिन आयेंगे| आभार

    @अज़ीज़ भाई - शुक्रिया भाई |

    @पूरन ताउजी - व्यस्था ज़रूर बदलेगी एक दिन बस थोडा समय लगेगा |आपका शुक्रिया |

    @वंदना - आपकी हौसलाफ्जाही का शुक्रिया |

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  5. खूबसूरत बुलेटिन
    पुरानी यादें न कह कर
    यह कहूँ कि......
    गड़े मुर्दे उखाड़ दिया तुषार
    क्योंकि जितने भी आन्देलनकारी उस समय थे
    उन सभी को विवादों में उलझा दिया था सरकार नें
    और मुआमले की जड़ मे ही दही डाल दिया......
    सादर...

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  6. भारत के सुनहरे दिन वापस आ पाएंगे ??

    भारत के सुनहरे दिन वापस आ पाएंगे ?? ...लगता नहीं. विभा..

    सुनहरे दिन आते नहीं है.....
    लाया जाता है....
    पुलिस मे दम नहीं कि वो एनकाउन्टर करे..क्योंकि वो भी करप्ट है
    सारे रिश्वतखोरों और काला बाजारियों का एनकाउन्टर करे आम जनता
    पूरे देश में.... एक साथ....एक ही दिन में

    वो सुनहरा दिन,,,, उसे लौटना पड़ेगा...

    सादर

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  7. शुरू से ही भारत का दुर्भाग्य रहा है कि हम अपने बीच मौजूद भीतरघातयों और गद्दारों को कभी पहचान नहीं पाये जिस कारण हमने समय समय पर चोट खाई है ... एक बार इन जैसों से छुटकारा मिल जाये तो फिर भारत के सुनहरे दिन वापस आ जाएंगे !

    आज के दिन ऐसी ही बुलेटिन की जरूरत थी ... आभार तुषार !

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  8. अस्वस्थ होने के कारण जल्दी ब्लॉग पर ना आ सकी |मेरी रचना शामिल करने के लिए आभार |

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  9. बहुत सुन्‍दर बुलेटिन.मेरी रचना शामिल करने के लिए आभार

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  10. हालिया 'ऐतिहासिक' घटना को समेटे हुए यह बुलेटिन सचमुच बेहतरीन है!! और सारे लिंक्स भी!!

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  11. वाह तुषार भाई क्या खूब लिखा है काला दिवस पर
    वर्तमान के चेहरे पर कालख तो पुती हुई है,आपने
    इसे और उजागर कर दिया
    बहुत खूब
    बेहतरीन ब्लॉग बुलेटिन
    शानदार संग्रह


    आग्रह है
    गुलमोहर------

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  12. विविध रंगों से सजी चर्चा रही ,क्या-क्या हो गया और क्या-क्या हो सकता है चेता दिया आपने पर कौन कान देगा !

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  13. काला दिवस पर प्रभावी जानकारी देता बुलेटिन, बहुत बहुत आभार !

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  14. कला दिवस पर जानकारी बढियां लगा ...और सारे लिंक्स बहुत बढियां हैं..!

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