प्रणाम मित्रगण,
सादर आभार और प्यार,
शुक्रिया....नमस्कार....आदाब |
सादर आभार और प्यार,
फागुन मास और होली की परवाज़ | प्रियतम पास तो होली हो खास | करता हूँ प्रस्तुत कुछ ऐसे जज़्बात |माहौल आजकल बहुत ही रूमानी है | फिजां में इश्क और मोहब्बत के रंगों के साथ ही होली की मस्ती भी कुछ सर चढ़ रही है | सौगात-ए-इश्क आपके सामने पेश कर रहा हूँ आज | ऐसे में दिल नादान बन जाये तो क्या गिला कीजे | मौसम-ए-इश्क में अरमान मचल जाएँ तो क्या गिला कीजे | थोड़ी बेखुदी दिल पे छाये तो क्या गिला कीजे | हो जाये फिर कमाल-ए-इश्क और धमाल-ए-होली साथ में | लीजिये आप भी मेरी इश्किया होली का लुत्फ़ उठाइए |
इश्क़िया होली पर तुझे दिल पेश करूँ
इश्क़िया होली पर तुझे जां पेश करूँ
इश्क़िया होली पर तुझे जहां पेश करूँ
जो तू कहे नगमा-ए-जज़्बात तुझे
मेरी जानिब-ए-मंजिल पेश करूँ
गर मालूम हो तेरी नियाज़-ए-इश्क
फ़िर नगमात-ए-इश्क गाकर वही
दिलनवाज़ दिल्साज़ मैं पेश करूँ
जो तेरी नम हसरतों को हवा दे
जज़्बात वही सजाकर पेश करूँ
या कोई तेरी ग़ज़ल, कविता, किस्सा
तेरे ही अल्फाजों में तुझे पेश करूँ
तू जो एक बार मिल जाये होली पर
अपने नवरंग प्यार की बौछार से भीगा
सराबोर कर, तुझको तुझे ही पेश करूँ
अबके होली....
आज के बुलेटिन के टिमटिमाते सितारे .....
उम्मीद है आपको आजके बुलेटिन का आगाज़ और अंदाज़ पसंद आया होगा | आप प्यार टिप्पणियों के रूप में चाहूँगा | मेरी और ब्लॉग बुलेटिन के सभी सदस्य मित्रों की तरफ से आप सभी को आने वाली होली की हार्दिक शुभकामनायें | आप सभी की होली शुभ हो, मंगलमय हो, हुडदंगी हो |
शुक्रिया....नमस्कार....आदाब |
होली की बहुत-बहुत आशीष और ढेरों शुभकामनायें !!
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर प्रस्तुतीकरण,सभी पठनीय लिंक्स.
जवाब देंहटाएंइस अंक में मुझे स्थान देने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद!
जवाब देंहटाएंwaah bahut badhiya ...
जवाब देंहटाएंबहुत खूब अंदाज ...
जवाब देंहटाएंभोर तक मेरी यात्रा में साथ निभाने के लिए ....सुनहरी किरणों सा धन्यवाद
जवाब देंहटाएंबढ़िया है भाई तुषार जी -
जवाब देंहटाएंबढ़िया है ..
जवाब देंहटाएंबहुत खूब
जवाब देंहटाएंगुज़ारिश : ''..होली है ..''
होली की शुभकामनायें!
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत शुक्रिया तुषार जी......जज़्बात की पोस्ट को ब्लॉग बुलेटिन में शामिल करने का ।
जवाब देंहटाएंबहुत बेहतरीन, शुभकामनाएं.
जवाब देंहटाएंरामराम.
मेरी रचना को ब्लॉग बुलेटिन पर स्थान देने के लिए हार्दिक आभार तुषारजी
जवाब देंहटाएंइश्क़ का रंग तो जिस पर चढ़े ... कभी न उतरे ... ऊपर से इश्किया होली मतलब सोने पर सुहागा ... जय हो तुषार बाबू !
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