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शनिवार, 23 फ़रवरी 2013

ऐसे ऐसे कैसे कैसे !!!



अर्चना चावजी ने क्या सत्य दिखाया है :)

टाईम-पास वार्तालाप
कुछ समय पहले एक फ़िल्म "वक्त "(नई )देखी थी उसमे एक किरदार था जो बहुत सवाल करते रह्ता है,ऐसे किरदारों से हम जिन्दगी में कई बार टकराते है -----
आज मै एक ऐसे टाईम-पास वार्तालाप की चर्चा करना चाहती हूँ जिसका सामना मैने करीब साल भर तक किया है -------आपको भी कई बार इनका सामना करना पडता होगा,जिसमे पुछने वाला ही सब कुछ बताते रहता है ------

---अरे!!!! आप!!!! नमस्ते ।
---नमस्ते !
---और ?,कैसे हैं?
---बढिया !
---कहाँ हैं आजकल ?
---यहीं !
---कोलंबिया में ही ?
---हाँ !
---अच्छा-अच्छा ,और सब अच्छे हैं ?
---हाँ ,एकदम बढिया !
---बच्चे कैसे हैं ?
---बढिया !
---कहाँ है आजकल ?---बाहर ही पढ रहे हैं ?
---हाँ !
---बेटा बडा है ना आपका ?
---हाँ !
---नोएडा में पढ रहा है ना ?
---हाँ !
---इंजिनियरिंग कर रह है ना ?
---हाँ !
---आखरी साल होगा ना उसका ?
---हाँ !
---चलो बढिया ।---और एक बेटी भी थी ना ?
---हाँ !
---वो कहाँ है ?
---पूना !
---क्या कर रही है ?
---बी.बी.ए.!
---पूना से ?
---हाँ !
---क्यों ?
---ऐसे ही !
---बी.बी.ए. तो इंदोरे मे ही हो जाता है ना?
---हाँ !
---पुणे युनिवर्सिटी लगती होगी ना वहाँ ?
---हाँ !
---चलो बढिया ,ऐम.पी।से तो बढिया होगा ?
---हाँ ,देखो!!!
---तो फ़िर आप यहाँ अकेले ?
---नही,मेरी भतिजी है !
---यहीं एड्मिशन लिया है?
---हाँ !
---कौनसी क्लास में?
---इलेवन्थ !
---चलो बढिया,ये आपकी भतिजी है ?
---हाँ !
---क्या नाम है ?
---प्रान्जली !
---क्या सब्जेक्ट लिया है ?
---मेथ्स !
---अच्छा!! ,फ़िर कोचिंग-वोचिंग ?
---हाँ ,लगाई है !
---कहाँ ?
---पलासिया !
---अरेरे,तो वो तो दूर पडता होगा ?
---हाँ !
---फ़िर गाडी ?
---नहीं मै छोडती हूँ !
---अरे तो आपको तो चार राउंड हो जाते होंगे ?
---हाँ !
---चलो फ़िर भी अच्छा है ,आपको साथ तो है !!!
---हाँ!
---अपका खाना तो स्कूल में ही होता होगा ?
---हाँ !
---फ़िर इसका ?,ये भी वहीं खाती है ?
---नही ,इसका टाईम अलग है !
---फ़िर ?
---मेरी मम्मी भी है साथ में ।इसी के लिए आई है !
---चलो बढिया ,फ़िए तो आपको मदद मिल जाती होगी ?
---हाँ !
--- दिन में तो वो अकेले रहती होगी ?
---हाँ !
---फ़िर क्या करती है ?दिन भर बोर हो जाती होगी ?
---हाँ !
---उनको गाँव की याद आती होगी ,जाती होगी कभी-कभी ?
---हाँ ,जाती रहती है !
---अकेले चली जाती है ?
---हाँ !
---इसकी मम्मी ? खरगोन मे रहती है ?-------(*। *)--------
---और इस तरह अनवरत प्रश्नों का सिलसिला चलता रहता है -----
---

---कहीए--- आपको भी तो किसी ऐसे परिचित कि याद नहीं आ रही है ? - http://archanachaoji.blogspot.in/2009/03/blog-post_23.html


होता है न ऐसा ........ ? मुस्कुराइये और बोलिए, साथ ही कुछ और पढ़ लीजिये -





10 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत से ऐसे मिलते हैं, सुन्दर सूत्र..

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  2. अरे वाह वाह ... ऐसे ऐसे ... कैसे कैसे ... लिंक ... जय हो रश्मि दीदी !

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  3. इन बातूनीयों की सोहबत में आपको विषय नहीं सोचना पड़ता , यह भी तो अच्छा ही है :)

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