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शुक्रवार, 15 फ़रवरी 2013

बसंत और .... माँ सरस्वती


पीले सरसों के परिधान में धरती विद्या की देवी सरस्वती का उल्लसित स्वागत कर रही है, ऋतुराज बसंत अपने कर कमलों से माँ सरस्वती के लिए श्वेत पुष्पों की माला पिरो रहे, फागुन की पहली आहट अबीर-गुलाल से माँ के आगमन पर सबकी हथेलियों से बरस रही - कलम भी बासंती राग में है ............. कुछ नया,कुछ पुराना - पर लहराता हुआ, पढने से पूर्व आइये निराला जी की वंदना गा लें -

वरदे, वीणावादिनि वर दे।
प्रिय स्वतंत्र रव, अमृत मंत्र नव भारत में भर दे।
काट अंध उर के बंधन स्तर
बहा जननि ज्योतिर्मय निर्झर
कलुष भेद तम हर प्रकाश भर
जगमग जग कर दे।
नव गति नव लय ताल छंद नव
नवल कंठ नव जलद मंद्र रव
नव नभ के नव विहग वृंद को,
नव पर नव स्वर दे।
********
सूर्य कांत त्रिपाठी, निराला



http://madhurgunjan.blogspot.in/2013/02/blog-post_15.html


|| आकाश के उस पार ||: बसन्त चाचा








बासंती रंग में रंगे मन के साथ आखिर में फिर निराला के साथ हो लें -


मेरे मन का मृदुल बसंत
सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’

अभी न होगा मेरा अन्त। 
अभी-अभी ही तो आया है 
मेरे वन में मृदुल बसन्त- 
अभी न होगा मेरा अन्त। 
हरे-हरे ये पात 
डालियां, कलियां कोमल गात । 
मैं ही अपना स्वप्न मृदुलकर 
फेरूंगा निद्रित कलियों पर  
जगा एक प्रत्युष मनेहर। 
पुष्प-पुष्प से तन्द्रालस लालसा खींच लूंगा मैं 
अपने नवजीवन का अमृत सहर्ष सींच दूंगा मैं  
द्वार दिखा दूंगा फिर उनको 
हैं मेरे वे जहां अनन्त – 
अभी न होगा मेरा अन्त। 
मेरे जीवन का यह प्रथम चरण, 
इसमें कहां मृत्यु 
है जीवन ही जीवन 
अभी पड़ा है आगे सारा यौवन 
स्वर्ण-किरण-कल्लोलों पर बहता रे यह बालक मन 
मेरे ही अविकसित राग से 
विकसित होगा बन्धु दिगन्त 
अभी न होगा मेरा अन्त।

14 टिप्‍पणियां:

  1. http://youtu.be/2gGEH9pXOMo


    vasant utsav ki shubh kaamnayein _/|\_ shubh din

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  2. बहुत खूब
    बसंत पंचमी की अनंत शुभकामनाएँ

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  3. बसंत पंचमी की अनंत शुभकामनाएँ ...

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  4. बसन्त पञ्चमी की सभी को हार्दिक शुभकामनाये |
    ज्ञान चतुर्वेदी जी का व्यंग्य विशेष पसन्द आया |

    सादर

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  5. सभी को इस पावन दिन की हार्दिक बधाइयाँ और शुभकामनाएं !
    बढ़िया बुलेटिन !

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  6. वसंतपंचमी की हार्दिक शुभकामनाएं रश्मिप्रभा जी ! निराला जी की सरस्वती वन्दना पढ़ कर आत्मा पुलकित हो गयी ! स्कूल के दिनों में यह वन्दना अनिवार्य रूप से हर सरस्वती पूजा पर गाई जाती थी और स्टेज के कोरस पर हम भी हुआ करते थे ! आज भी वे स्वर कानों में गूँजते रहे हैं ! आभार आपका !

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  7. बसन्त पंचमी की हार्दिक शुभ कामनाएँ!

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  8. बसंत हम सबके जीवन में खुशियों का आवाहन करे...इसी प्रतीक्षा में...हमेशा की तरह अनुपम लिंक्स

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