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मंगलवार, 22 जनवरी 2013

वन लाइनर बुलेटिन



आज सिर्फ़ वनलाइनर ही पेशे खिदमत है , झेलिए


आज बधाइयां स्वीकार की जाएंगी :  अच्छा फ़िर तो भर भर के दी जाएंगी


टक्कर का उपाध्यक्ष : और घनचक्कर अध्यक्ष


वाह रे वाह : क्या पोस्ट है


ठहराव बिल्कुल अच्छा नहीं : इसलिए अनवरत चलते रहना चाहिए


काश मेरा देश एक तस्वीर होता : तो फ़्रेम में जड के कहीं टांग देते


हैरां हूं मैं :और परेशान भी


इस पार , और उस पार :एक जैसे पिरधान जी हैं


बिना शीर्षक :भी इत्ती धांसू पोस्ट लिखी जा सकती है


इतवार की वह शाम :जब अचानक ठंड बढ गई


श्रद्धा कब तक आखिर निष्ठावान रहेगी : शरीर  में जब तक जान रहेगी


मिडनाइट क्लब :  ए सी पी ढोबले ने सारे बंद करा दिए जी


मां और बेटा :एक अटूट , अनोखा रिश्ता


पधार रहे हैं : स्वागत किया जाए


अंधी सरकार , अंधा कानून :जनता भई मुर्गी , भून भाई भून


आसमां पर कोई सितारा है :मगर इसे किसने जमीं पर उतारा है


उसके बाद : किसके बाद


प्रेमकथा जारी है :बांकी सबपे भारी है


चिंताशिविर में आउल बाबा का इमोशनल अत्याचार : सहन करते ही अम्मी रो पडीं


वेलसर गांव का हर्रा टोला :   यायावर ने पोटला खोला


इसमें मेरा प्यार मिला हुआ है :तब्बे फ़ूल की तरह खिला हुआ है ।


शुभ रात्रि । अपना ख्याल रखें , खूब लिखें और खूब पढें ।

9 टिप्‍पणियां:

  1. बढियां -पहुँचते हैं आप कितने ही ब्लागों पर !

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  2. शुभ रात्रि । अपना ख्याल रखें , खूब लिखें और खूब पढें :))

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  3. कुछ झेली ,कुछ झेलनी बाकी है ...

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  4. जय हो महाराज ... पिछला कसर पूरा कर दिये आज ... जय हो !

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