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गुरुवार, 3 जनवरी 2013

मेरा भारत महान.... ब्लॉग बुलेटिन

सभी ब्लागर मित्रों को देव बाबा की राम राम, नये साल में अजीब वाक्या दिखा.... लीजिए आप भी देखिए... मुंबई का लक्ष्मी नगर बना 'छोटा पाकिस्तान', 'लादेन नगर'; लोगों की शिकायत पर जांच के आदेश। इस खबर के लिए इस लिंक पर ध्यान दिया जाए.... मुंबई का लक्ष्मी नगर बना 'छोटा पाकिस्तान', 'लादेन नगर'; लोगों की शिकायत पर जांच के आदेश

देखकर हैरानी भी हुई और उससे भी ज्यादा क्रोध आया... मामला आसानी से लेने वाला नहीं है क्योंकि सरकारी तंत्र और पुलिसिया मिली भगत के बिना यह होना सम्भव नहीं.... बहरहाल भूल सुधार लेनें और कार्यवाही के वादे किये गये हैं... लेकिन मामला इतनी आसानी से ठंडा होता दीख नहीं रहा। जो भी हो... भारत महान था और रहेगा.. हिन्दुस्तानी नित नये कारनामें करते रहेंगे... 



बहरहाल पूरी खबर देखिए... और अपनी प्रतिक्रिया दीजिए... हम अपने बुलेटिन को आगे बढाते हैं.... 

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पाक ने धोनी ब्रिगेड को 85 से धो डाला

कोलकाता। भारत पाकिस्‍तान के बीच चल रही तीन मैचों की वनडे क्रिकेट सीरीज भारत आज की हार के साथ गंवा चुका है। अगला मैच केवल खानापूर्ति से अधिक कुछ नहीं होगा, क्‍यूंकि आज की जीत के साथ पाकिस्‍तान सीरीज में 2-0 से आगे निकल चुका है। ईडन गार्डन्स में पाकिस्तान के खिलाफ खेले गए दूसरे वनडे में भारत को 85 रनों से शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा। भारत की ओर से सबसे ज्यादा रन कप्तान महेंद्र सिंह धोनी (नाबाद 54) ने बनाए। पहले बल्‍लेबाजी करते हुए नासिर जमशेद (106) एवं मोहम्मद हफीज (76) की शानदार बल्लेबाजी की मदद से पाकिस्तान ने ईडन गार्डन्स में खेले जा रहे दूसरे वन-डे में भारत को 251 रनों का ... more »

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छत्तीसगढ मित्र का पुन: प्रकाशन

ब्लॉ.ललित शर्मा at ललितडॉटकॉम 
पं माधवराव सप्रे विगत दिनों एक कार्यक्रम के दौरान मुझे "छत्तीसगढ़ मित्र" पत्रिका मिली। इसका प्रकाशन माधवराव सप्रे जी 111 वर्ष पूर्व करते थे। किसी पत्रिका का 111 वर्षों के बाद पुन: प्रकाशन अनूठा अनुभव है। 1871 में जन्मे माधवराव सप्रे जी प्रख्यात कहानीकार एवं पत्रकार थे। इसके साथ ही उन्होने अनुवाद का कार्य भी किया। हिन्दी की प्रथम कहानी एक "टोकरी भर मिट्टी" के शिल्पी माधवराव सप्रे जी ने जनवरी माह सन 1900 में रायपुर से सुदूर कस्बे पेंड्रा से "छत्तीसगढ मित्र" का सम्पादन एवं प्रकाशन प्रारंभ किया। उपनिवेशवाद के विरुद्ध संघर्ष के लिए उन्होने इसे अपना अस्त्र बनाया। उन्होने पत्र-पत्रिका के ... more »


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बलात्कार मामले में कंग्रेस नेता गिरफ्तार.

Kusum Thakur at आर्यावर्त 
असम के चिरांग इलाके में एक कांग्रेस नेता की स्थानीय लोगों ने जमकर धुनाई कर दी। आरोप है कि कांग्रेस के इस नेता विक्रम सिंह ब्रह्मा ने एक महिला के साथ उसके घर में घुसकर बलात्कार किया। पीड़ित महिला ने शोर मचाया तो लोगों ने आरोपी नेता विक्रम सिंह ब्रह्मा को धर दबोचा और उसकी जमकर धुनाई की। पुलिस ने इसके बाद मौके पर पहुंचकर महिला का बयान लिया और आरोपी नेता के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया। गौरतलब है कि अगले महीने ही इलाके में पंचायत चुनाव होने वाले हैं। ऐसे में कांग्रेस के लिए ये शर्मिंदगी की स्थिति बन गई है क्योंकि विक्रम सिंह ब्रह्मा बोडोलैंड टेरिटोरियल काउंसिल के कांग्रेस कमेटी का मुख्य सं... more »

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कल्पना और एक और कल्पना

रश्मि प्रभा... at परिकल्पना 
कल्पना और एक और कल्पना ........ एक और क्यारी नए बीजों की खोज रोपण - सिंचन - प्रस्फुटन समय पर आलोचनात्मक काट-छांट प्रशंसा के खाद और .............. कई नाम कई चेहरे कई आयाम ............. न कल्पना रूकती है, नहीं रुकता उसमें से उगता सूरज उम्मीदों का रथ करता जाता है परिक्रमा ......... उत्सव समाप्त हुआ, पर कल्पनाएँ समाप्त नहीं हुई हैं - तो अपनी कल्पनाओं का सूत्र देते जाइये - किसान की तरह हम उसे परिकल्पना के विस्तृत मैदान में लगायेंगे - काश्मीर से कन्याकुमारी तक के विचारों को हम आपस में बांटेंगे . तो बदाइये कदम -------
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महिलाओं के विरूद्ध अपराध

रणधीर सिंह सुमन at लो क सं घ र्ष !
*क्या कड़े कानून ही एकमात्र उपाय है * दिल्ली में सामूहिक बलात्कार की शिकार महिला की सिंगापुर में मौत (28 दिसम्बर 2012) ने गुस्से और विरोध की एक शक्तिशाली राष्ट्रव्यापी लहर को जन्म दिया है। लगभग दो सप्ताह पहले घटित इस अपराध के बाद से ही लोग सड़कों पर निकल आए थे और उन्होंने इस लोमहर्षक घटना के प्रति अपने रोष व वितृष्णा का इजहार किया। प्रदर्शनकारियों के विरूद्ध पुलिस की कार्यवाही दुर्भाग्यपूर्ण थी। सामूहिक बलात्कार की यह घटना इतनी भयावह और दिल को दहला देने वाली थी कि इसने समाज के सभी वर्गों का ध्यान आकर्षित किया और आमजनों के आक्रोश की कोई सीमा ही न रही। लोगों के निशाने पर थी सरकार और ... more »

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तीसरी पुण्यतिथि पर शत शत नमन

शिवम् मिश्रा at बुरा भला 
मेरे मामा जी स्व॰ श्री कुमुदनाथ मिश्रा जी मामा जी की गोदी मे मैं यकीन नहीं होता कि 3 साल हो गए आप को गए हुये ... *बहुत याद आते हो !!*

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एक साइकिल यात्रा- जयपुर- किशनगढ- पुष्कर- साम्भर- जयपुर

नीरज कुमार ‘जाट’ at मुसाफिर हूँ यारों -
इस यात्रा वृत्तान्त को शुरू से पढने के लिये यहां क्लिक करें। नवम्बर 2012 में की गई इस यात्रा की सम्पूर्ण जानकारी पहले लिखी जा चुकी है। यह भी बताया जा चुका है कि किस तरह अचानक कच्छ दर्शन को छोडकर राजस्थान के इस इलाके में आना हुआ। पुष्कर, साम्भर लेक, शाकुम्भरी माता, भानगढ, नीलकण्ठ महादेवऔर अजबगढ के वृत्तान्त भी लिखे जा चुके हैं। आज देखिये सम्पूर्ण साइकिल यात्रा का वृत्तान्त: 21 नवम्बर की सुबह जयपुर से निकला तो दिमाग में बूंदी था। साइकिल चलाने का अनुभव नहीं था, इसलिये मालूम भी नहीं था कि एक दिन में कितना चला लूंगा। फिर भी प्रथम-दृष्ट्या 100 किलोमीटर रोजाना का लक्ष्य रखा गया। बूंदी जाने क... more »

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लंदन में चंद्रमा की अवस्थाएं

मनोज पटेल at पढ़ते-पढ़ते 
*जार्डन के कवि अमजद नसीर की एक कविता... * * * * * * * * * * * * * * * * * * * * * * * * * * * *लंदन में चंद्रमा की अवस्थाएं : अमजद नसीर * (अनुवाद : मनोज पटेल) हम दोनों मौसम के बारे में बात कर रहे थे, वही ज़ंग खाई हुई कुंजी जिससे यहाँ लंदन में बातचीत के दरवाजे खुलते हैं. हमारी पुरानी पड़ोसन मिसेज मारिसन अब हमारी सड़क पर आखिरी अंग्रेज औरत बची हैं क्योंकि जैसे-जैसे इधर एशियाई आप्रवासियों की संख्या बढ़ती गई, वैसे-वैसे अंग्रेज यहाँ से अपना बोरिया-बिस्तर समेटते गए. वे बोलीं: "पहले लंदन का आसमान ऐसा नहीं बल्कि वैसा ही हुआ करता था जैसा कि आपके हिन्दुस्तान का आसमान होता होगा." मैंने उन्हें ... more »

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शोभना काव्य सृजन पुरस्कार प्रविष्टि संख्या - 17

संगीता तोमर Sangeeta Tomar at सादर ब्लॉगस्ते! 
*विषय: पर्यावरण समस्या* सांझ के धुधलाते सायों में, सूरज का वो रक्तिम वर्ण हो जाना वृक्षों की लावारिस लाशों से लिपटी मैंने देखा है प्रकृति का वो अश्रु बहाना, कटते वृक्ष, दूषित जल, बंजर भूमि की बेबसी मुद्धत हुई मुझे सुने चंचल झरने की स्वच्छन्द हँसी वीरान अम्बर से फुहारों का वो रूठ कर चले जाना बहुत दूर तक देखा मैंने प्यासी धरती का तड़फड़ाना रौंदे घौसलों में डरी सहमी जि़दगी इन्द्रधनुष का सदा के लिए छिप जाना मैंने देखा है नैसर्गिकता-परोपकार का स्वार्थ के हाथों मारे जाना भयावह फैलती कलँकारिमा यह विकास की निशानी है मानव ने तबाह कर डाला जिसे परोकारिणी, यह प्रकृति दीवानी है, प्रदूषण, शोर, धु... more »

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हार का ठीकरा

अपनी हार का ठीकरा दूसरों पर फोड़ते हो तुम जीत का सेहरा खुद के सर पर बांधते हो तुम क्यों सच से दूर भागते हो तुम खुद को धोखा देते हो तुम जीतना ही चाहते हो तो तो पहले अपने झूठ को जीत लो सच कहना सीख लो नहीं तो ज़िन्दगी भर हार का ठीकरा दूसरों के सर पर फोड़ते रहोगे तुम ज़िन्दगी भर हारते रहोगे तुम निराशा में जीते रहोगे तुम रोते रोते संसार से चले जाओगे तुम 876-60-28-11-2012 हार,जीत,निराशा,जीवन Dr.Rajendra Tela"Nirantar"

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ता-जिन्दगी ये दिल न कोई आरज़ू करे.....

'आप' से 'तुम' और फिर तुम से 'तू' करे हमसे वो इस तरह से कभी गुफ्तगू करे इक बार आ कर बस लगे यूँ ही सीने से ता-जिन्दगी ये दिल न कोई आरज़ू करे ये वो शय है जो के मिलती है नसीबों से मोहब्बत की कोई कभी ना जुस्तजू करे सारे ऐब-ओ-हुनर आ जाएंगे फिर नज़र कभी आईने को जो तू खुद से रु-ब-रु करे कुछ नहीं हासिल है रंजिश से मेरे दोस्त बढाये नफरतें को ये और जाया लहू करे बड़ा दुखे है दिल फिर इस प्यारे शहर का तार-तार जब कोई दिल्ली की आबरू करे उस को दिल से है "राज़" निकालना ऐसे फूलों से जुदा जैसे कोई के रंग-ओ-बू करे
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मित्रों आशा है आपको आज का बुलेटिन पसन्द आया होगा.. तो फ़िर मिलते हैं एक छोटे से ब्रेक के बाद

जय हिन्द
देव



6 टिप्‍पणियां:

  1. अपने ही देश मे अपने लोगो को पराया बनाया जा रहा है ... हद है !
    सार्थक बुलेटिन देव बाबू !

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  2. सार्थक बुलेटिन ..और हिन्दुस्तान - अब तो भगवान ने भी मालिक बनने से मना कर दिया है शायद.

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  3. कलाकारों के देश में रहते रहते कारनामे देखने की आदत जो पड़ गयी है।

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  4. तितर बितर कर देने से कोयल कौआ नहीं होती
    पर पहचान ???

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  5. बहुत बढ़िया...
    नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएँ।

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  6. हद्द है!! मगर इसके पीछे दूसरा मनोविज्ञान भी है देव बाबू!! हालांकि मैं उसका ज़िक्र नहीं करने जा रहा, क्योंकि अगर मैंने अपनी बात रखी तो मेरे अपने ही मेरे पीछे पड़ जायेंगे!!

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