प्रिय ब्लॉगर मित्रों ,
प्रणाम !
प्रणाम !
४ साल पहले आज ही के दिन मुंबई घायल हुई थी ... वो घाव आज भी पूरी तरह नहीं भरे है ...
केवल सैनिक ही नहीं ... हर एक इंसान जिस ने उस दिन ... 'शैतान' का सामना किया था ... नमन उन सब को !
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NICE
जवाब देंहटाएंसभी वीरों को नमन..
जवाब देंहटाएंjay hind ...
जवाब देंहटाएंमैं नहीं जानता कि हमारे मुल्क़ पर अक्सर होने वाले आतंकवादी हमलों के पीछे वजह क्या है? क्या वाकई बौद्ध एवं जैन धर्मों ने हमारे देश को हद से ज्यादा उदार देश बना दिया है? क्या कारण है कि गाँधीजी को व्यापक जनसमर्थन मिलता है; जबकि नेताजी जब फौज लेकर अँग्रेजों से युद्ध कर रहे थे, तब नेताजी के समर्थन में देश में कोई बग़ावत नहीं होती है? क्या देश की आम जनता व राजनेता- दोनों- भीरू हो गये हैं?
जवाब देंहटाएं***
अरविन्द केजरीवाल और भाजपा समर्थकों के बीच का मनमुटाव नेट पर अक्सर दीखता है. दो-एक वर्षों में ही साबित हो जायेगा कि कौन कितने पानी में है. मुझे लगता है- भाजपा "उदारीकरण" की समर्थक है, तो केजरीवाल भी कोई "समाजवाद" के समर्थक नहीं है- इस प्रकार, आर्थिक नीतियों में आमूल-चूल परिवर्तन लाना दोनों के बस की बात नहीं है.
हमें एक "क्रान्तिकारी" राष्ट्रनायक (स्टेट्समैन) की जरुरत है, जो लगभग डिक्टेटर के समान कम-से-कम दस वर्षों तक देश का नेतृत्व करे- चीन-अमेरीका-बहुराष्ट्रीय कम्पनियों-विश्व बैंक- इत्यादि की परवाह न करते हुए.
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मैं खुद को कविताओं पर टिप्पणी करने योग्य नहीं समझता.
हाँ तेजाब से लड़कियों को जलाये जाने वाली कविता की बात अलग है. मैं बता दूँ कि मैंने जीवनसाथी के रुप में तेजाब की शिकार अंशु सक्सेना (मेरठ) को अपनाया है- आज हमदोनों बिलकुल खुश है- हमारा 15 साल का बेटा है. यह जिक्र इसलिए कि किसी युवा को प्रेरणा मिल सके. (http://jaydeepshekhar.blogspot.in/2012/02/blog-post_14.html)
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मेरा एक आलेख शामिल करने के लिए धन्यवाद.
ईति.
आपका आभार शिवम् जी!
जवाब देंहटाएंकेवल सैनिक ही नहीं ... हर एक इंसान जिस ने उस दिन ... 'शैतान' का सामना किया था ... नमन उन सब को !
जवाब देंहटाएंआभार सहित
सादर
mera naman maere desh kae har saenik ko
जवाब देंहटाएंशहीदों को नमन है।
जवाब देंहटाएंआप सबका बहुत बहुत आभार !
जवाब देंहटाएं26/11 के शहीदों को शत - शत नमन ।
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