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रविवार, 28 अक्टूबर 2012

चमचे महान हैं... चमचे आलिशान हैं

इसकी टोपी उसके सर, कभी इधर तो कभी उधर का क्या अर्थ है? जी मनमोहन साहब को पूछिए आज उन्होंने यही काम किया है। सरकार की क्षवि बदलने के लिए आज जी तोड़ प्रयास हुए । जिन्होंने जितनी अच्छे से हाई कमान की सेवा की होगी उन्हें उतना और मोटे माल वाला मंत्रालय मिलेगा आखिर चमचा गिरी भी तो कोई चीज है न। चलिए लोक तंत्र का मान रखते हैं और आगे बढ़ते हैं।



चमचातंत्र हिंदुस्तान में एक सफल राजनीतिक मन्त्र है,  कोई भी दल हो कोई भी विचारधारा हो चमचे हिट हैं , हर तरफ चमचों का बोल बाला है।

चमचे महान हैं 
चमचे आलिशान हैं 
चमचो की दुनिया में हर काम आसन है 

चमचे मैडम जी के खास हैं 
चमचे न हों तो सर उदास हैं 
चमचे न हो तो मुद्दे, गुमशुदा की तलाश हैं 

वैसे चमचे हमारे यहाँ हमेशा से होते आ रहे हैं, हर राजा के दरबार में कुछ चमचे होते थे, आज भी होते हैं। जिसके जितने चमचे उसका उतना वर्चस्व.... आज भी देखिये किसी भी छुट-भैया टैप नेता हो या चाहे विधायक/ मंत्री/ अफसर बिना चमचे के किसी का गुज़ारा नहीं होता। 

चलिए इस चमचागिरी को नमस्कार करके अपने बुलेटिन को आगे बढाया जाए।

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चलिए मित्रों आप लोग चमचा गिरी का मजा लीजिये और देव बाबा को कल तक के लिए अनुमति दीजिये

जय हिन्द


5 टिप्‍पणियां:

  1. चमचागिरी जिंदाबाद... :-)
    देव भैया जिंदाबाद... :-)
    ब्लॉग बुलेटिन जिंदाबाद.... :)

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  2. बढ़िया बुलेटिन...चमचागिरी भी अच्छी रही|

    जवाब देंहटाएं
  3. चमचों की महत्ता पर संदर्भ सहित व्याख्या के लिये धन्यवाद !

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  4. जय हो देव बाबा ... क्या खूब बुलेटिन लगाया है ... जय हो !

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  5. चमचाम् शरणम् गच्छामि
    ब्लॉगम् बुलेटिनम् अच्छामि!

    जवाब देंहटाएं

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