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सोमवार, 3 सितंबर 2012

मोहब्बत यह मोहब्बत - ब्लॉग बुलेटिन

प्रिय ब्लॉगर मित्रो ,
प्रणाम !

आज मोहब्बत के बारे मे 2 बिलकुल ही अजीब बातें पता चली ... लीजिये आप भी पढ़ लीजिये ...

मोहब्बत एक से हो, तो भोलापन है;
 2 से हो, तो अपना पन है;
 3 से हो, तो दीवानापन है;
 4 से हो, तो पागलपन है;
 फिर भी गिनती ना रुके तो 'कमीनापन' है!

और 

मोहब्बत भी अजीब चीज बनायीं खुदा तूने!
 तेरे ही मंदिर में;
 तेरी ही मस्जिद में;
 तेरे ही बंदे;
 तेरे ही सामने रोते हैं!
 तुझे नहीं, किसी और को पाने के लिए!

सादर आपका 


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कौन आप या हम 
 
अरे न जी न 
 
शुभकामनाएं 
 
आजकल हर ब्लॉगर परेशान सा क्यूँ है 
 
बाकी सब थल्ले थल्ले 
 
जिस तरफ से जायेंगे वह रास्ता हो जाएगा 
 
है या नहीं 
 
यहाँ हाल होता है 
 
बस एक दिन 
 
अनोखी 
 
मोहब्बत यह मोहब्बत 
 
कलम भी हो अब धारदार 
 
आओ घूमें 
 
कौन से वाले 
 
आप भी घनघोर सियाने लगते हो 
 
जी जरूर 
 
अरे तेरी ... भूला 
 
काहे कि आप नखलऊ मे है 
 
अच्छा 
 
किस ने कही 
 
पर मानती नहीं 
 
काहे कलम का लखनऊ मे रह गया 
 
जो हर कोई करता है 
 
हिप हिप हुर्रे 
 
जय हो 
 
==========================================

अब आज्ञा दीजिये ...

जय हिन्द !!

 

26 टिप्‍पणियां:

  1. अरे शिवम जी ये तो हम ने लखनऊ में ही बता दिया था कि ग़ज़ल लिखने में समस्या क्या है ,,,,,चलिये कोई बात नहीं रचना का लिंक यहाँ देने के लिये धन्यवाद :)

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  2. तन्हा निकल पडा है अपने सफ़र में राही ,
    मुड़ मुड़ के देखता है शायद कोई पुकारे |

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  3. अरे वाह!!!
    आज के बुलेटिन का शीर्षक हमारी रचना के लिंक से जुड़ा...
    सोने पे सुहागा...
    :-)
    आभार.. आभार.. शिवम जी.
    लिंक्स भी बढ़िया...खट्टे मीठे...

    शुक्रिया
    अनु

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  4. बहुत बढ़िया लिंक्स मिलें हैं यहाँ आ के शिवम्. बधाई शानदार बुलेटिन के लिए.

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  5. लिंक तो अच्छे हैं ही, पर ऊपर जो आपने मुहब्बत की परिभाषाएं दी हैं, वह लाजवाब है।

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  6. लिंक्स सहित मुहब्बत की दो बातें
    वाह वाह

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  7. सुमन जी सार्थक पोस्ट लायें हैं आप .सही समीक्षा
    सुमन जी सार्थक पोस्ट लायें हैं आप .सही समीक्षालम्पट ब्लॉगर
    कौन आप या हम मोहब्बत एक से हो, तो भोलापन है;
    2 से हो, तो अपना पन है;
    3 से हो, तो दीवानापन है;
    4 से हो, तो पागलपन है;
    फिर भी गिनती ना रुके तो 'कमीनापन' है!
    सोमवार, 3 सितम्बर २०१२" मोहब्बत में कोई मुसीबत नहीं है ,मुसीबत तो ये है ,मोहब्बत नहीं है "शिवम् साहब !
    स्त्री -पुरुष दोनों के लिए ही ज़रूरी है हाइपरटेंशन को जानना
    स्त्री -पुरुष दोनों के लिए ही ज़रूरी है हाइपरटेंशन को जानना

    What both women and men need to know about hypertension

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  8. अच्छा बुलेटिन ...अब अगले संस्मरण की तैयारी ....

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  9. वीरेंद्र जी <
    ब्लॉगर महाराज इन दिनों खासी दिक्कत दे रहे हैं , टिप्पणी कभी स्पैम में चली जाती हैं तो कभी चार चार बार छप जाती हैं । इसलिए उन तीनों को सहेज़ लिया गया है , वैसे भी हमारा काम तो आप सबको एक लिंक से दूसरे लिंक और इस बुलेटिन से खूबसूरत पोस्टों तक ले जाना है । शुक्रिया और आभार । आपको चार बार टिपियाना पडा , क्या करें गूगल बाबा जो न करें :)

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  10. मेरे ब्लॉग के लिंक को शामिल करने के लिए शुक्रिया :)

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  11. मुझे भी इन लिनक्स अच्छे लिनक्स में जगह दी...थैंक यू

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  12. ढंग से परिभाषित किया है शब्दों को।

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  13. किसिम किसिम की मुहब्बतें ..
    अच्छे लिंक्स !

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  14. पहली मुहब्बत ... आँखों की मुस्कुराहट
    दूसरी - घबराहट
    तीसरी- रहस्यात्मक
    बार बार - मुहब्बत नहीं होती

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  15. बढ़िया लिंकों को समेटे अच्छा बुलेटिन...

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  16. बहुत ही अच्‍छी प्रस्‍तुति ... आभार

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  17. आज की बुलेटिन विविध रंगी रही बहुत अच्छा लगा, स्तरीय चयन के लिया आप बधाई के पात्र हैं मिश्रा जी !

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