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रविवार, 12 अगस्त 2012

विजयी विश्व तिरंगा प्यारा, झंडा ऊंचा रहे हमारा - ब्लॉग बुलेटिन

प्रिय ब्लॉगर मित्रो ,
प्रणाम !

क्या आपको जानकारी है कि हमारा झंडा गीत कैसे रचा गया था ??

क्या कहा नहीं ... कोई बात नहीं ... हम बताते है ...

झंडा गीत को 1938 के कांग्रेस अधिवेशन में स्वीकार किया गया था। इस गीत की रचना करने वाले श्यामलाल गुप्त पार्षद कानपुर में नरवल के रहने वाले थे। उनका जन्म 16 सितंबर 1893 में वैश्य परिवार में हुआ था। गरीबी में भी उन्होंने उच्च शिक्षा हासिल की थी। उनमें देशभक्ति का जज्बा था, जिसे वह अपनी कविताओं में व्यक्त करते थे। कांग्रेस का सक्रिय कार्यकर्ता रहने के बाद वह 1923 में फतेहपुर के जिला कांग्रेस अध्यक्ष बने। वह 'सचिव' नाम का अखबार भी निकालते थे।
जब यह लगभग तय हो गया था कि अब आजादी मिलने ही वाली है, उस वक्त कांग्रेस ने देश के झंडे का चयन कर लिया था। लेकिन एक झंडा गीत की जरूरत महसूस की जा रही थी।
इधर, गणेश शंकर विद्यार्थी पार्षद जी के काव्य कौशल के कायल थे। विद्यार्थी जी ने पार्षद जी से झंडा गीत लिखने का अनुरोध किया। पार्षद जी कई दिनों तक कोशिश करते रहे, पर वह झंडा गीत नहीं लिख पाए। जब विद्यार्थीजी ने पार्षदजी से साफ-साफ कह दिया कि मुझे हर हाल में कल सुबह तक झंडा गीत चाहिए, तो वह रात में कागज कलम लेकर बैठ गए। आधी रात तक उन्होंने झंडे पर एक गीत तो लिखा, लेकिन वह उन्हें जमा नहीं। निराश होकर दो बजे जब वह सोने के लिए लेटे, अचानक उनके भीतर भाव उमड़ने लगे। वह उठकर लिखने बैठ गए। पार्षद जी को लगा जैसे कि कलम अपने आप चल रही हो और भारत माता उनसे गीत लिखा रही हों। यह गीत था- विजयी विश्व तिरंगा प्यारा, झंडा ऊंचा रहे हमारा। यह गीत लिखकर उन्हें बहुत संतोष मिला। सुबह होते ही पार्षद जी ने यह गीत विद्यार्थी जी को भेज दिया, जो उन्हें बहुत पसंद आया। जब यह गीत महात्मा गांधी के पास गया, तो उन्होंने गीत को छोटा करने को कहा। आखिर में, 1938 में कांग्रेस के अधिवेशन में नेताजी सुभाषचंद्र बोस ने इसे देश के झंडा गीत की स्वीकृति दे दी। यह हरिपुरा का ऐतिहासिक अधिवेशन था। नेताजी ने झंडारोहण किया और वहां मौजूद करीब पांच हजार लोगों ने झंडागीत को एक सुर में गाया। 

यह तो हो गई बात झंडा गीत की ... आइये अब आपको मिलवाता हूँ उन 6 विजयी खिलाड़ीयों से जिन्होने इस झंडा गीत के बोलो को इस बार के ओलंपिक मे सार्थकता दी !
विजयी विश्व तिरंगा प्यारा, झंडा ऊंचा रहे हमारा।
  पूरे ब्लॉग जगत की ओर से इन सभी विजेताओ को बहुत बहुत हार्दिक बधाइयाँ और शुभकामनाएं ! इन लोगो न केवल अपना बल्कि हर एक भारतवासी का सर गर्व से ऊंचा कर दिया है ! इन लोगो की जितनी तारीफ की जाये कम है !

सादर आपका 


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अब आज्ञा दीजिये ...

जय हिन्द !!

19 टिप्‍पणियां:

  1. झंडा गीत के विषय में बहुत अच्छी जानकारी दी है शुभकामनाएं जय हिंद

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  2. उन सभी विजेताओ को बहुत बहुत हार्दिक बधाइयाँ और शुभकामनाएं .... !!
    एक अच्छी जानकारी देने के लिए ,धन्यवाद भाई .... :)

    जवाब देंहटाएं
  3. भाई कृतार्थ हुए यह भूमिका पढके देश भक्ति का कितना ज़ज्बा और छटपटाहट थी लोगों में .झंडा गीत का प्रसव आधी रात को हुआ फ्रीडम एट मिडनाईट की तरह .

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  4. बहुत बढ़िया बुलेटिन शिवम जी...
    सार्थक लिंक्स...

    स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं -एडवांस में.
    जय हिंद!!

    अनु

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  5. @ वीरुभाई

    आप आए ... अपनी राय दी आभार आपका पर व्यंग्य हर मामले मे शोभा नहीं देता यह तो आप भी जानते ही होंगे ... खास कर मामला जब अपने देश की आज़ादी का हो ! शुक्र है उन लोगो मे देशभक्ति की छटपटाहट थी ... तभी आप और हम आज खुली हवा मे सांस ले रहे है !

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  6. आपके बुलेटिन की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि आप बेहद ज़रूरी जानकारी के साथ उपयोगी लिंक्स देते हैं। एक और बेहतरीन बुलेटिन।

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  7. बडे जतन से लिंक संजोए हैं शिवम भाई। बहुत बहुत शुक्रिया, हिन्‍दी के बदलाव को जगह देने का।

    ............
    कितनी बदल रही है हिन्‍दी !

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  8. भारत ने पहली बार छः पदक प्राप्त कर रिकॉर्ड बनाया ...हर वर्ष यह रिकोर्ड टूटता रहे , यही दुआ है !

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  9. सबसे आगे हम .... देश , कवि, लेखक , फिल्म , गीत .........यह भावना बनी रहे -
    विजयी विश्व तिरंगा प्यारा, झंडा ऊंचा रहे हमारा।

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  10. सभी विजेताओ को बहुत बहुत बधाइयाँ और शुभकामनाएं........तिरंगे के बारे मे अद्भुत जानकारी उपलब्ध करवायी………आभार

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  11. झंडा ऊंचा रहे हमारा ... तिरंगे की लाजवाब जानकारी ...
    अच्छे लिंक्स ...

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  12. झंडा ऊंचा रहे हमारा ...बढ़िया पोस्ट, सुंदर लिंक्स।

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  13. बचपन का झंडा वंदन गीत और आपकी बुलेटिन.. कमाल!!

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