नमस्कार दोस्तो। मैं कुलवंत हैप्पी युवा सोच युवा खयालात लेकर हाजिर हूं ब्लॉग बुलेटिन। आज के इस बुलेटिन में रविश खुद बताएंगे क्यूं नहीं मिली आऊटलुक , आमिर की आंधी में किसी की चांदी हो रही है बताएं खुशदीप देशनामा से, अनिल पुसदकर अपनेब्लॉग पर मदर्स डे को लेकर कुछ प्रतिक्रियाएं व्यक्त कर रहे हैं, वहीं मोनिका शर्मा, संगीता जी, भी मां के बारे में कुछ लिखती हुई मिली। अजय बताएं बॉलीवुड की बातें, और कुलवंत हैप्पी ने क्राइम पैट्रोल की स्टोरी को शब्दों में डालते हुए पूछा एक सवाल। अंत में मनीश करवाएंगे देलवाड़ा के मंदिर की सैर। फिर क्यूं करें देर।
कसबे वाले रवीश बाबु की फेसबुक से आज आउटलुक अंग्रेज़ी की एक कापी नहीं खरीद सका। रात नौ बजे खरीदने गया तो मैगज़ीन वाले ने कहा कि आज आधे घंटे में सारा बिक गया। पूछा क्यों तो जवाब दिया कि आमिर ख़ान का फोटो देख के सब खरीदने लगे। आपकी कापी भी नहीं रख सका। दूसरी पटरी पर गया। वहां सारी पत्रिकाएं पड़ीं थीं मगर आउटलुक नहीं। उसने भी यही कहा। कहा कि टीवी पर बड़ा अच्छा आ रहा है उनका। आज तो आउटलुक लाते ही सारा बिक गया। मैं खाली हाथ लौट आया। कोई सुन रहा है।
आमिर की आंधी से किसकी चांदी...खुशदीप
*कितने पावन हैं लोग यहां,* *मैं नित नित सीस झुकाता हूं,* *भारत का रहने वाला हूं, * *भारत की बात बताता हूं...* वाकई मेरे देश के लोग बहुत भोले हैं...पहले अन्ना की धारा में बह रहे थे......more »
मां के साथ अगर रह रहे हो तो...
मोबाईल बार बार एसएमएस आने के संकेत दे रहा था.देखा तो पता चला आज मदर्स डे है.मुझे तो खैर इसका अंदाज़ा था नही सोचा चलो आई(मां)को बधाई दे दूं.आई के पास गया तो दोनो छोटे भाई उनके पास बैठे थे.मैने सीधे सीधे बधाई देने की बजाये सुनील और सुशील से पूछा कि तुम लोगो ने. more »
तुझसा बनना तो बड़ा कठिन है री माँ
सच माँ सरल नहीं है तुझसा हो जाना समेटना स्वयं को एक नियत परिधि में यूँ और दहलीज़ के भीतरी संसार में खो जाना सात्विक सोच लिए कर्म की क्यारी में नित नए संस्कार बोते हुए सींचना परम्पराओं को बनकर धुरी निभाना संबंधों को सरल-सहज भाव से अनगिनत वचनों में बंधकर रिश्तों का सेतु बनकर घर के more »
माँ की याद .... कुछ हाइकु रचनाएँ ...
माँ का आँचल आज भी लहराता सुखद यादें । ****************** मीठी निबौरी माँ की फटकार गुणी औषध । ************** माँ का लगाया काजल का दिठौना याद है मुझे ***************** राह तकते करती इंतज़ार माँ की नज़र । *************** माँ का आशीष महसूस करूँ मैं यही चाहना । ************ **** *** more »
बाल यौन शोषण : इस यातना की अनदेखी न करें- आमिर खान
बेशकीमती हैं बच्चियां बच्चों के यौन शोषण की घटनाओं पर शोध के दौरान मुझे एक बड़ी सीख तब मिली जब मैंने अपनी विशेषज्ञ डॉ. अनुजा गुप्ता से पूछा कि यौन शोषण का शिकार होने के बाद भी बच्चे अपने मां-बाप से... more »
जूनियर शॉटगन सोनाक्षी सिन्हा
अभिनव सिंह कश्यप की फिल्म दबंग से हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में दमदार दस्तक दे चुकी सोनाक्षी सिन्हा की दूसरी फिल्म अभी तक नहीं आई है। 10 सितंबर 2010 को रिलीज हुई दबंग ने कई मायने में इतिहास रचा और सोनाक्षी more »
दुआ का एक लफ्ज , और वर्षों की इबादत
इस ब्रह्माण्ड को जब भी हम देखते हैं , महसूस करते हैं , इसके रहस्यों को जानने की जब कोशिश करते हैं तो कहीं पर हम सीमित हो जाते हैं. हमारी सोच का दायरा, कल्पना की उड़ान, समझ की सीमा सब छोटा पड़ जाता है.more »
सिर्फ नाम बदला है
वो बारह साल की है। पढ़ने में अव्वल। पिता बेहद गरीब। मगर पिता को उम्मीद है कि उसकी बेटी पढ़ लिखकर कुछ बनेगी। अचानक एक दिन बारह साल की मासूम के पेट में दर्द उठता है। वो अपने मां बाप से सच नहीं बोल पाती, अंदर ही अंदर घुटन महसूस करने लगती है। आखिर अपने पेट की बात, अपनी सहेली को बताती है, और वो मासूम सहेली घर जाकर अपने माता पिता को। More***
पत्थरों पर बहती कविता : दिलवाड़ा (देलवाड़ा) के जैन मंदिर
याद पड़ता है पहली बार माउंट आबू का नाम हमने बचपन में सामान्य ज्ञान की
किताबों में यहाँ दिलवाड़ा मंदिर (Dilwada Temple) होने की वज़ह से ही आया
था था। इसलिए मन में इस शहर का नाम more »
बेहतरीन लिंक्स.
जवाब देंहटाएंअच्छे लिंक्स,सुन्दर प्रस्तुति |
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर प्रस्तुति!!
जवाब देंहटाएंसुन्दर लिंक संयोजन
जवाब देंहटाएंसुंदर बहुत सुंदर लिंक प्रस्तुति,.....
जवाब देंहटाएंMY RECENT POST ,...काव्यान्जलि ...: आज मुझे गाने दो,...
bahut badhiya kulwant bhai....
जवाब देंहटाएंबेहद उम्दा ब्लॉग बुलेटिन कुलवंत भाई ... बढ़िया लिंक्स मिले ... आभार !
जवाब देंहटाएंwaah...lovely links...
जवाब देंहटाएंअच्छा संकलन
जवाब देंहटाएंबढ़िया बुलेटिन
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