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शनिवार, 21 अप्रैल 2012

ज्ञान संभालिएगा या ब्लॉग बुलेटिन ?

प्रिय ब्लॉगर मित्रो ,
प्रणाम !

लीजिये आज एक बेहद जरूरी ज्ञान लीजिये ... 

मंजिल की तरफ बढ़ते चलो;
 जो दिल कहे उसी राह को चुनो;
 पीछे वालों को आगे न आने दो;
 और जो आगे हैं उनसे आगे निकलो;
 तभी एक अच्छे ट्रक ड्राईवर बनोगे!

 हाँ तो साहब है न यह बेहद जरूरी ज्ञान ... अब आप इसको संभालो ... हम बुलेटिन संभालते है !

सादर  आपका

शिवम मिश्रा 

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*कभी कभी कोई रिश्ता ऐसे टूटता है मानों मुट्ठी से रेत फिसलती जाती हो.........लाख सम्हाले नहीं सम्हालता....और सारा कसूर इस दिल का होता है,जो प्यार करता है तो टूट कर और नफरत करता है तो भी पूरी शिद्दत से.....त...

posted by अमित श्रीवास्तव at "बस यूँ ही " .......अमित
तुम जब लिखते हो, दर्द,दिल,आंसू, इश्क,मोहब्बत, यादें,लम्हे, और कभी, नजदीकियों के बारे में, महसूस भी करते होगे , उन्हें अपने भीतर, कुरेदते होगे खुद को, भीतर तक, या बस यूँ ही , उलीच देते हो , सारी कश-म-कश, ब...
posted by गगन शर्मा, कुछ अलग सा at कुछ अलग सा
*कलकत्ता/कोलकाता से संबंधित चौरंगी, विक्टोरिया मेमोरियल के बाद यह तीसरी किस्त है. शहीद मीनार भी कोलकाता में अपनी विशिष्ट पहचान रखती है तथा अच्छे-बुरे समय की गवाह रही है. * कलकत्ता/कोलकाता की पहचान बता...

posted by Sunita Sharma at कशिश
दिल तो बच्चा है .. एक जिद्दी बच्चा है.. जिद पर आ जाये तो .. दे देता गच्चा है.. वो चाहे जो खिलौना , न मिले तो . . हो बिलख जाता है,, अड़ जाता है ,, मचल जाता है.. अपना खिलौना .. किसी और के हाथ में ...

posted by "रुनझुन" at रुनझुन 
*हैप्पी बर्थडे टू यू......* *हैप्पी बर्थडे टू यू......* अरे! ये किसका बर्थडे है.....?........... क्या हुआ फ्रेंड्स ?..... कन्फ्यूज़ हो गए न !.... कि आज किसका बर्थडे है ?..... सोचिये.....सोचिये........

posted by अभिषेक प्रसाद at नया सहर...
रोज सोंचता था कि आज तो कुछ लिखूंगा. पर रोज यही होता कि एक भी शब्द नहीं मिलते. परन्तु आज तो जिद ठान ही ली मैंने लिखना तो है. चाहे जैसा भी लिखूं, पर लिखना है... पता नहीं क्या लिखूंगा पर लिखूंगा... बस बैठ ग...

posted by सुमित प्रताप सिंह Sumit Pratap Singh at सुमित प्रताप सिंह 
पवन कुमार जी ऑडिटोरियम के मुख्य दरवाजे पर पहुंचे ही थे कि दरवाजा बंद कर दिया गया. काफी देर दरवाजा खटखटाया तो चौकीदार बाहर निकला व बोला, "साब ऑडिटोरियम में घुसने का समय समाप्त हो गया है और वैसे भी अंदर बह...

posted by Kailash Sharma at एक ब्लॉग सबका
*दुर्घटना में घायल आदमी* *पड़ा था बीच सड़क पर* *सना अपने ही खून में.* *दौड़ती कारें* *बचकर निकल गयीं,* *स्कूटर से उतर कर लोग* *तमाशाइयों की भीड़ में* *घुस कर देखते * *और आगे बढ़ जाते.* *तड़पता रहा घायल* *पर...

posted by रश्मि प्रभा... at मेरी भावनायें... 
हम लिखते कुछ और हैं लोग बिना पढ़े कहते कुछ और हैं ... मूल्याँकन हम करने लगते हैं अपना पढ़ने लगते हैं खुद से खुद को कहाँ चूक हुई ! पढ़ते पढ़ते जाना कि रचनाओं की सीढ़ियाँ तो मजबूत ही बनाई हमने दरअसल वे चढ़े...

posted by मनोज पटेल at पढ़ते-पढ़ते 
*राबर्तो हुआरोज़ की 'वर्टिकल पोएट्री' के सिलसिले से एक और कविता... * * * * * *राबर्तो** हुआरोज़ की कविता * (अनुवाद : मनोज पटेल) क्या गुलाब को लौटा देनी चाहिए अपनी पंखुड़ियाँ? मनुष्य को वापस कर देने चाहिए...

posted by अजय कुमार झा at गोलू गाए, बुलबुल नाचे 
हमारे आंगन की बुलबुल , एक ऐसा प्राणी है कि यदि वो सोई नहीं है तो फ़िर , यकीनन किसी न किसी प्रयोग , उपयोग , जादू या चमत्कार में लगी मिलेगी , और उसे देख कर बस आप करते रह सकते हैं जश्ट इमैजिन .....आज बारी ह...

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अब आज्ञा दीजिये ...
 
जय हिंद !!

12 टिप्‍पणियां:

  1. *भाई मेरे* ,अच्छे ट्रक ड्राईवर के गुण ब्लोगर मित्रों को .... मोटी बुद्धि को हजम *****

    आपके चुने लिंक्स की प्रस्तुति लाजबाब है .... :):)))))))))))

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  2. जय हो मिसर जी की । बुलेटिन चकाचक है । टिरक डरेवर त बन जाएंगे मुदा सुने हैं टरकवे सब घटिया आ रहा है हो आजकल । टटरा टिरक का नाम नय सुने हैं

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  3. बढ़िया बुलेटिन शिवम जी....

    हमारी रचना शामिल करने का बहुत बहुत शुक्रिया.....

    सादर
    अनु

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  4. ट्रक ड्राइवर द्वारा दिया ज्ञान भी
    जीवन में आ सकता है काम
    इस बुलेटिन को दिया है
    शिवम जी ने बढ़िया अंजाम
    शुभ्भ्भ्भ्भ्काम्म्म्म्म्नाएं....

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  5. अच्छा ज्ञान.. और बेहतरीन चुनिन्दा लिंक्स!!

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  6. बड़े प्यारे प्यारे लिंक्स हैं ..बढ़िया बुलेटिन है जी.

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  7. बढ़िया बुलेटिन शिवम जी..बेहतरीन चुनिन्दा लिंक्स !

    MY RECENT POST...काव्यान्जलि ...:गजल...

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  8. अब तो आगे निकलने के पहले सोचना होगा।

    जवाब देंहटाएं

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