प्रिय ब्लॉगर मित्रो ,
प्रणाम !
क्या आप बदहजमी से परेशान है ? अगर आपका जवाब हाँ मे है तो आगे पढ़ते जाइए ... नहीं तो सीधे नीचे जा कर आज की ब्लॉग बुलेटिन का जाएजा लीजिये !
बदहजमी की तमाम वजहें हो सकती हैं ... मसलन भूख से ज्यादा खाना, खाने को सही तरीके से नहीं चबाना, नींद पूरी न होना, खाना सही तरह से पका न होना या फिर एक्सरसाइज न करना। इसके अलावा तेज मसालेदार भोजन और जीवनशैली में बदलाव के कारण भी पाचन की समस्या पैदा हो सकती है। बदहजमी होने पर इन घरेलू नुस्खों को आजमाएं :
-एक चम्मच अजवाइन के साथ नमक मिलाकर खाने से बदहजमी से तुरंत छुटकारा मिलता है।
-एक गिलास पानी में पुदीने के रस की दो-तीन बूंदें डालकर हर तीन-चार घंटे के अंतराल पर पीएं।
-एक गिलास गुनगुने पानी में एक चम्मच नींबू, अदरक का रस और दो छोटे चम्मच शहद भी मिला लें। इसे पीने से पाचन संबंधी परेशानी दूर होगी।
-अगर एसिडिटी से परेशान हैं, तो एक गिलास पानी में नींबू निचोड़कर पीएं।
-अगर चाय पीना नहीं छोड़ सकते, तो हर्बल टी का प्रयोग करना शुरू कर दें।
-कॉफी, अल्कोहल और धूम्रपान से बचें। इनसे भी पाचन खराब होने की आशंका होती है।
-अधिक टाइट कपड़े और जींस न पहनें।
-डिनर सोने से कम से कम दो-तीन घंटे पहले कर लें।
- एक चम्मच धनिए के भुने हुए बीज को एक गिलास छाछ में मिलाकर पीएं।
-खाने के बाद एक चम्मच सौंफ अवश्य चबाएं।
-अगर आपके मुंह का जायका खराब हो रहा है तो अदरक के टुकड़े में काला नमक लगाकर खाएं।
-अपने भोजन में रेशेदार फल-सब्जियों को शामिल करें। मैदा से बनी चीजों का सेवन न करें।
उम्मीद है इन घरेलू नुस्खों से आप लाभ उठाएंगे !
सादर आपका
शिवम मिश्रा
प्रणाम !
क्या आप बदहजमी से परेशान है ? अगर आपका जवाब हाँ मे है तो आगे पढ़ते जाइए ... नहीं तो सीधे नीचे जा कर आज की ब्लॉग बुलेटिन का जाएजा लीजिये !
बदहजमी की तमाम वजहें हो सकती हैं ... मसलन भूख से ज्यादा खाना, खाने को सही तरीके से नहीं चबाना, नींद पूरी न होना, खाना सही तरह से पका न होना या फिर एक्सरसाइज न करना। इसके अलावा तेज मसालेदार भोजन और जीवनशैली में बदलाव के कारण भी पाचन की समस्या पैदा हो सकती है। बदहजमी होने पर इन घरेलू नुस्खों को आजमाएं :
-एक चम्मच अजवाइन के साथ नमक मिलाकर खाने से बदहजमी से तुरंत छुटकारा मिलता है।
-एक गिलास पानी में पुदीने के रस की दो-तीन बूंदें डालकर हर तीन-चार घंटे के अंतराल पर पीएं।
-एक गिलास गुनगुने पानी में एक चम्मच नींबू, अदरक का रस और दो छोटे चम्मच शहद भी मिला लें। इसे पीने से पाचन संबंधी परेशानी दूर होगी।
-अगर एसिडिटी से परेशान हैं, तो एक गिलास पानी में नींबू निचोड़कर पीएं।
-अगर चाय पीना नहीं छोड़ सकते, तो हर्बल टी का प्रयोग करना शुरू कर दें।
-कॉफी, अल्कोहल और धूम्रपान से बचें। इनसे भी पाचन खराब होने की आशंका होती है।
-अधिक टाइट कपड़े और जींस न पहनें।
-डिनर सोने से कम से कम दो-तीन घंटे पहले कर लें।
- एक चम्मच धनिए के भुने हुए बीज को एक गिलास छाछ में मिलाकर पीएं।
-खाने के बाद एक चम्मच सौंफ अवश्य चबाएं।
-अगर आपके मुंह का जायका खराब हो रहा है तो अदरक के टुकड़े में काला नमक लगाकर खाएं।
-अपने भोजन में रेशेदार फल-सब्जियों को शामिल करें। मैदा से बनी चीजों का सेवन न करें।
उम्मीद है इन घरेलू नुस्खों से आप लाभ उठाएंगे !
सादर आपका
शिवम मिश्रा
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posted by yunus at जादू की पुड़िया*आजकल जादू की स्कूल की summer vacations हो गयी हैं। * *जादू आज सुबह जब उठा तो उसने फिर कहा कि एक दिन उसके स्कूल में ऋतिक रोशन आया था। थोड़े दिन पहले जब उसने ये बात पहली बार कही थी तो पापा ने टीचर से प...
posted by "रुनझुन" at रुनझुनहेलो फ्रेंड्स! पिछले कुछ दिनों से मैं आप सबसे सिर्फ़ अपनी घूमने की ही बातें की जा रही हूँ.... आप सब सोच रहे होंगे कि मैं सिर्फ़ घूमती ही रहती हूँ..लेकिन ऐसी बात नहीं है... मैं घूमने के साथ-साथ पढ़ने-लिखन...
posted by नीरज गोस्वामी at नीरजबात जयपुर की है. सन 1980-90 की. हमारे घर में बरसों से चले आ रहे जयपुर के एक प्रसिद्द समाचार पत्र के साथ साथ हमने 'नव भारत टाइम्स'' जो जयपुर से तब प्रकाशित होना शुरू हुआ था को दो कारणों से मंगवाना शुरू कर ...
posted by अमित श्रीवास्तव at "बस यूँ ही " .......अमित'त्वचा' ही एकमात्र ऐसी इन्द्रिय है जो मनुष्य का साथ मृत्यु तक देती है । 'आँख' ,'कान','जिह्वा' और 'नाक' तो अपने दायित्वों में असफल हो सकते हैं परन्तु 'त्वचा' जो एक प्रकार से मनुष्य का प्राकृतिक आवरण भी है...
posted by यशवन्त माथुर (Yashwant Mathur) at जो मेरा मन कहेसरे आम पिटते देखा उसे मालिक के हाथों चाय की दुकान पर क़ुसूर सिर्फ इतना था उन मासूम हाथों से गरम चाय छलक गयी थी साहब के जूतों पर और मैं चाह कर भी बना रहा कायर क्योंकि उसकी नौकरी बचानी थी उसे घर जाकर माँ के ह...
posted by रवीन्द्र प्रभात at ब्लॉग परिक्रमाविश्व में बोली जाने वाली अनेक भाषाओं में इंटरनेट के माध्यम से अभिव्यक्ति की बात की जाये तो एक ही शब्द जेहन में आता है और वह है ब्लॉग। इस शब्द को 1999 में पीटर मरहेल्ज नाम के शख्स ने ईजाद किया था। सबसे पहले...
posted by RITU at कलमदान*हवा में उड़ने को जी करता है* *कभी पाँव रोकते हैं कभी ख्वाब रोकते हैं* *तस्सलिबक्ष जीवन में क्यों हम **आसमां **टटोलते हैं* * * *दरख़्त कांटो के कितने हमने सींचे* *सख्त बबूल पे पलाश देख हम क्यों रीझे* *फिर...
posted by सुमित प्रताप सिंह Sumit Pratap Singh at सुमित प्रताप सिंहप्यारे गूगल बाबा सादर खोजस्ते! आपके खोजूपन को नमन करते हुए पत्र प्रारंभ करता हूँ. वैसे आपके मन में यह उधेड़बुन चल रही होगी कि मैं तो आपसे रोज ही तो मिलता हूँ फिर भला यह पत्र लिखने की जरूरत कै...
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posted by कृष्णमोहन at रेडियो प्लेबैक इंडिया*स्वरगोष्ठी – ६६ में आज* उस्ताद अली अकबर खाँ के सरोद में गूँजता राग मारवा *नौ वर्ष की आयु में उन्होने सरोद वाद्य को अपना मुख्य लक्ष्य बनाया और साधनारत हो गए। एक दिन अली अकबर बिना किसी को कुछ बताए मुम्ब...
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अब आज्ञा दीजिये ...
जय हिंद !!
चुनिंदा लिंक्स! बेहतरीन बुलेटिन!!
जवाब देंहटाएंबेहतरीन चुनाव... ज़बरदस्त प्रस्तुति.. आभार मेरी पोस्ट को शामिल करने का!!
जवाब देंहटाएंसुन्दर संयोजन..
जवाब देंहटाएंकलमदान को स्थान देने के लिए धन्यवाद..
बहुत बहुत धन्यवाद भैया मेरी पोस्ट को यहाँ शामिल करने के लिए।
जवाब देंहटाएंसादर
बढ़िया नुस्खे। बढ़िया लिंक।
जवाब देंहटाएंबेहतरीन लिंक्स
जवाब देंहटाएंbahut badhia buletin
जवाब देंहटाएंयह तो जलन नहीं, शीतल फुहार है।
जवाब देंहटाएंबदहजमी से बचने का एक और उपाय है हमारी तरह कसरत के बाद ताज़ा नारियल का पानी और उसकी मलाई प्रयोग करें...
जवाब देंहटाएंबाकी इन लिंकों से बदहजमी का तो सवाल ही नहीं है, बल्कि हाजमा ठीक हो जाएगा... :)
achha bahut achha
जवाब देंहटाएंबेहतरीन चुनाव... सुन्दर संयोजन.
जवाब देंहटाएंशिवम जी,
जवाब देंहटाएंबहुत-नहुत आभार!
बहुत बढिया लिंक संयोजन्।
जवाब देंहटाएंअंकल, मेरी पोस्ट को यहाँ शामिल करने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद !!!
जवाब देंहटाएंअंकल, मेरी पोस्ट को यहाँ शामिल करने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद !!!
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छे लिंक्स मिले. बिलकुल बदहजमी नहीं हुई.
जवाब देंहटाएंचुनचुन कर सजायें है लिंक्स गुलदस्ते में। बेहतरीन चुनाव।
जवाब देंहटाएंचुनिन्दा लिंक्स बढ़िया हैं . आभार .
जवाब देंहटाएंशिवम् बहुत अच्छी तरह से प्रस्तुत किया है बुलेटिन और इससे बहुत सारे अच्छे अच्छे लिनक्स भी मिले .
जवाब देंहटाएंअटल जी के लिए हम कामना करते हें कि वे स्वस्थ रहें और चिरायु हों. वो स्तम्भ जो अकेले हिम्मत रखता था कि एक दल उसके नाम पर चले और अपने देश के शेष्ठ प्रतिनिधि के रूप में जिसे विपक्षी सत्ता ने स्वीकार कर आगे किया . ऐसे देश के कर्णधार बार बार पैदा नहीं होते.
इन बेहतरीन चुनिन्दा पोस्ट्स में खाकसार की पोस्ट का चयन बाइसे फक्र है... बहुत बहुत शुक्रिया...इनायत बनाये रखें...
जवाब देंहटाएंनीरज