ब्लॉग जगत का फैलाव इतना बड़ा है कि एक के बाद एक कड़ी खुलती जाती है, लेकिन खोलने वाला खोलते खोलते टेस्ट क्रिकेट खेलने वाले खिलाड़ियों की तरह थकाकर आउट हो जाता है। मैं कुलवंत हैप्पी, मेरा अडडा; युवा सोच युवा खयालात आपके सामने ब्लॉग बुलेटिन के लिए कुछ कड़ियां खोलकर लाया हूं, जो आपको पसंद आएगी।
अगर आप हरियाणवी बोली के दीवाने हैं, या थोड़ी मोटी भी बोलना या समझना जानते हैं तो आपके लिए एक बेहतरीन पोस्ट कुंवर जी ने ब्लॉगर्स आफ हरियाणा पर डाली है, उन्होंने मानव जीवन में चल रहे अंतरद्वंद पर बेहतरीन लिखा है, यकीन न आए तो खुद चलकर देखें
जिकर करण के लायक नहीं और चुप रहया ना जावै....
जिकर करण के लायक नहीं और चुप रहया ना जावै,
जितना मै चुप रहणा चाहूँ यो रंज जिगर नै खावै!
क्राइम की दुनिया की खबरों को अलग ढंग से दिखाने वाले शम्स ताहिर खान आज तक स्िथत अपने ब्लॉग जुर्म अभी बाकी है पर क्रिकेट से याद आया में क्रिकेट के जन्म से लेकर आजतक की स्थिति पर बाखूबी प्रकाश डालते हुए पाठकों को अंत तक बांधे रखते हैं। मैं फिर आप से यही कहना चाहूंगा कि खुद चलकर देखें तो अच्छा रहेगा
मनोरमा पर श्यामल सुमन को आपने कई दफा पढ़ा होगा, पढ़ा होगा तो आप उनकी लेखनी से अच्छी तरह वाकिफ होंगे, लेकिन इस बार उन्होंने और काबा में राम देखिये के जरिए समाज को एक आइना देखने का कार्य किया है।
धीरे धीरे देश के अन्दर
सुलग रहा संग्राम देखिये
इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि आखिर इस बार वह अपने मन में उठ रहे विचारों को किस तरह के सांचे में डाल रहे हैं। चलो एक दफा उनके भी जहां जा आना बनता है। तो आओ चलें मनोरमा पर श्यामल सुमन से मिलने
अगर आप इन सबके घर जाएंगे तो क्या मेरे घर नहीं आएंगे, यहां पर मैंने आपके लिए विनीत कुमार की किताब मंडी में मीडिया की समीक्षा, जो वाणी प्रकाशन से चोरी की हुई, और एडगर गेस्ट की कविता 'क्या मैं अपने प्रति ईमानदार हूं?' एवं नेताओं की हडबड़ाहट व केजरीवाल को लेकर हो रहे हो हल्ला एक मेरी अपनी प्रतिक्रिया और भी बहुत कुछ।
नमस्ते जी, फिर मिलेंगे किस दिन, किस रोज, किसी और समय पर, तब तक के लिए मुझे यानि कुलवंत हैप्पी को दो इजाजत।
अगर आप हरियाणवी बोली के दीवाने हैं, या थोड़ी मोटी भी बोलना या समझना जानते हैं तो आपके लिए एक बेहतरीन पोस्ट कुंवर जी ने ब्लॉगर्स आफ हरियाणा पर डाली है, उन्होंने मानव जीवन में चल रहे अंतरद्वंद पर बेहतरीन लिखा है, यकीन न आए तो खुद चलकर देखें
जिकर करण के लायक नहीं और चुप रहया ना जावै....
जिकर करण के लायक नहीं और चुप रहया ना जावै,
जितना मै चुप रहणा चाहूँ यो रंज जिगर नै खावै!
क्राइम की दुनिया की खबरों को अलग ढंग से दिखाने वाले शम्स ताहिर खान आज तक स्िथत अपने ब्लॉग जुर्म अभी बाकी है पर क्रिकेट से याद आया में क्रिकेट के जन्म से लेकर आजतक की स्थिति पर बाखूबी प्रकाश डालते हुए पाठकों को अंत तक बांधे रखते हैं। मैं फिर आप से यही कहना चाहूंगा कि खुद चलकर देखें तो अच्छा रहेगा
मनोरमा पर श्यामल सुमन को आपने कई दफा पढ़ा होगा, पढ़ा होगा तो आप उनकी लेखनी से अच्छी तरह वाकिफ होंगे, लेकिन इस बार उन्होंने और काबा में राम देखिये के जरिए समाज को एक आइना देखने का कार्य किया है।
धीरे धीरे देश के अन्दर
सुलग रहा संग्राम देखिये
इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि आखिर इस बार वह अपने मन में उठ रहे विचारों को किस तरह के सांचे में डाल रहे हैं। चलो एक दफा उनके भी जहां जा आना बनता है। तो आओ चलें मनोरमा पर श्यामल सुमन से मिलने
अगर आप इन सबके घर जाएंगे तो क्या मेरे घर नहीं आएंगे, यहां पर मैंने आपके लिए विनीत कुमार की किताब मंडी में मीडिया की समीक्षा, जो वाणी प्रकाशन से चोरी की हुई, और एडगर गेस्ट की कविता 'क्या मैं अपने प्रति ईमानदार हूं?' एवं नेताओं की हडबड़ाहट व केजरीवाल को लेकर हो रहे हो हल्ला एक मेरी अपनी प्रतिक्रिया और भी बहुत कुछ।
नमस्ते जी, फिर मिलेंगे किस दिन, किस रोज, किसी और समय पर, तब तक के लिए मुझे यानि कुलवंत हैप्पी को दो इजाजत।
bahut achche bloggers se milvaya aapne.hardik aabhar.
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर लिंक संयोजन्।
जवाब देंहटाएंआभार
जवाब देंहटाएंरामनवमी की शुभकामनायें|
badhiya.
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर लिंक...आभार
जवाब देंहटाएंरामनवमी की शुभकामनायें!
सवाई सिंह
कुलवंत भाई आपका बहुत बहुत आभार साथ साथ आपका स्वागत है ब्लॉग बुलेटिन के मंच पर ... बेहद उम्दा लिंक्स से सजाया है आपने आज के इस बुलेटिन को ... बधाइयाँ !
जवाब देंहटाएंस्विट, शॉर्ट और सार्थक लिंक्स की बुलेटिन।
जवाब देंहटाएंbadhiya buletin short and crisp
जवाब देंहटाएंbahut khoob
जवाब देंहटाएंसुन्दर लिंक संयोजन्....
जवाब देंहटाएंछोटा पर प्रभावी बुलेटिन।
जवाब देंहटाएं