प्रिय ब्लॉगर मित्रो,
प्रणाम !
पिछले एक हफ्ते से कलकत्ते में था सो आप सब से मिलना न हो पाया ... कल शाम ही लौटा हूँ सो आज हाज़िर हूँ आप सब की सेवा में ... आज नेट पर एक आलेख पढ़ा तो सोचा आप सब के साथ भी साँझा किया जाए ...
श्रीमती अनिता रस्तोगी इस बात को लेकर बहुत चितित रहती हैं कि उनका बेटा शुभम स्नैक्स (हल्का नाश्ता) में मौसमी फलों जैसे ककड़ी आदि को नहींखाता। इनके स्थान पर उसे बर्गर, मैगी या चाउमिन पसद है। दरअसल यह श्रीमती अनिता रस्तोगी के बेटे की ही समस्या नहीं है, बल्कि देश के तमाम बच्चों और उनके अभिभावकों की भी यही समस्या है। आखिर कैसे निपटा जाए, इस समस्या से?
जंक फूड्स स्वास्थ्यकर नहीं
गुड़गाव स्थित मेदात दि मेडिसिटी की चीफ डाइटीशियन डॉ.काजल पड्या का कहना है कि अगर हम स्नैक्स में समोसा, चाट, बर्गर, नूडल्स आदि जंक फूड्स को स्थान देते हैं, तो हम एक तरह से अपने स्वास्थ्य के साथ ज्यादती कर रहे हैं, क्योंकि इन खाद्य पदार्थो में पोषक तत्व नगण्य होते हैं।
इनके बजाय अगर हम स्नैक्स में मौसमी फलों जैसे ककड़ी, खीरा, सतरा अंकुरित अनाजों , दलिया, लाई व भुने चने और फ्रूट चाट आदि में से किसी एक को स्थान दें, तो इससे हमें शरीर के लिए आवश्यक पोषक तत्व मिलेंगे, जिससे हमारा स्वास्थ्य दुरुस्त रहेगा।
कब लें स्नैक्स
आहार विशेषज्ञों के अनुसार लच से दो घटे पहले यानी ब्रेकफास्ट व लच के बीच स्वास्थ्यकर स्नैक्स लेना चाहिए। जैसे आप यदि 2 बचे लच लेते हैं, तो 11 से 11.30 बजे के दौरान स्नैक्स ले सकते हैं। वहींदूसरा स्नैक्स लच और डिनर के मध्य 4 से 5 बजे के मध्य लिया जा सकता है।
हाजिर है समाधान
* बच्चों को समझाएं कि जंक फूड्स, नूडल्स, चाउमिन आदि कभी-कभार खाना तो ठीक है, लेकिन इन्हें प्रतिदिन के खान-पान में शामिल करना सेहत के लिए ठीक नही हैं। जो वयस्क जंक फूड्स के शौकीन हैं, उन्हें भी उपर्युक्त सुझाव की गभीरता को समझना चाहिए।
* बच्चों को यह समझाएं कि हरी सब्जियों और फलों में विटामिस और मिनरल्स पाए जाते हैं, जो तुम सब के शरीर का कई बीमारियों से बचाव कर तुम्हें स्वस्थ रखने में सहायक हैं।
* उन्हें अमुक खाद्य पदार्थ खाने के लिए मना न करें। उनसे यह कहें कि अगर यूनिट टेस्ट या एग्जाम में तुम्हारे अच्छे नबर आएंगे, तो तुम्हारा पसदीदा पिज्जा या अन्य खाद्य पदार्थ खिलाएंगे।
* बच्चों के साथ वयस्कों को भी स्वास्थ्य से सबधित शिक्षा देने की जरूरत है। इस सदर्भ में बच्चों के अभिभावकों को अपने फैमिली डॉक्टर या फिर डाइटीशियन से परामर्श लेना चाहिए।
* घर में स्वास्थ्यकर खाद्य पदार्र्थो जैसे मौसमी फलों आदि को रखें।
तो है न यह काम की जानकारी ... कुछ ऐसी ही काम की जानकारी ब्लॉग जगत की अलग अलग पोस्टो में भी मिल सकती है तो चलता हूँ खोजने ... और फिर लाता हूँ उन जानकारियों को आज की ब्लॉग बुलेटिन के रूप में आप सब के सामने ...
सादर आपका
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सिलसिला ज़ख्म ज़ख्म जारी है
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आज मेरे बेटे कार्तिक का जन्मदिन था इस अवसर पर 2 पोस्ट
आज मेरे बेटे कार्तिक का जन्मदिन था इस अवसर पर 2 पोस्ट
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अब आज्ञा दीजिये ...
जय हिंद !!
वाह ककड़ी खाकर कर ककड़ी जैसा कोई नहीं होता..सेहत भी बनी रहती है..स्वास्थ्य के लिए जरुरी है कि परहेज किया जाए..इलाज से ज्यादा यही बेहतर है..
जवाब देंहटाएंसही कहा है आपने, हमारा बचपन तो ऐसे ही गुजरा...
जवाब देंहटाएंमेरी पोस्ट को शामिल करने के लिए धनयवाद
जवाब देंहटाएंअच्छा लिंक सर्जन है
आभार
स्वास्थ्य बनाइये ... :) अच्छे लिंक्स
जवाब देंहटाएंकार्तिक को शुभकामनाएं और आपको आभार।
जवाब देंहटाएंएक स्वस्थ बुलेटिन स्वास्थ के विषय पर!! सुपुत्र चि.कार्तिक को आशीष!!
जवाब देंहटाएंhappy birthday kartik.......... !! aaj to kakri day ho gaya:)
जवाब देंहटाएंसमझाने से यदि कोई समझता तो समस्या ही क्या थी :)
जवाब देंहटाएंअच्छे लिंक्स अच्छा बुलेटिन और कार्तिक और उसकी मम्मा को ढेरों बधाई .
लीक से हटकर
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर
...लगता है ककड़ी को हम ही भूल गए हैं,बच्चे क्या जानेंगे ?
जवाब देंहटाएंहमसे यारी निभाने के लिए आभार !
कार्तिक को जन्मदिन की बहुत बहुत बधाई।
जवाब देंहटाएंहमे इस बुलेटिन का हिस्सा बनाने के लिए शुक्रिया भैया।
सादर
कार्तिक को हार्दिक स्नेह और आशीष
जवाब देंहटाएंलिंक्स के साथ खबरों का मिक्स अच्छा लगा।
जवाब देंहटाएंआप सब का बहुत बहुत आभार !
जवाब देंहटाएंहमने तो बर्गर अब देखा है और खाया है, नहीं तो हम तो रेत वाली ककड़ी और बालम ककड़ी, लाल गाजर खाकर ही बड़े हुए हैं।
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