प्रिय ब्लॉगर मित्रो ,
प्रणाम !
एक बार झा जी को उनके दोस्त मिश्रा जी ने रात के खाने पर आमन्त्रित किया, जहाँ उन्होंने ग़ौर किया कि उनके दोस्त अपनी पत्नी से कुछ कहने के बाद उसे कुछ खास शब्दों से सम्बोधित करते है जैसे: हनी, डार्लिंग, स्वीटहार्ट, जानू इत्यादि!
वह उनसे बहुत प्रभावित हुए , क्योंकि उन दोनों की शादी को २५ साल हो चुके थे और वे दोनों विवाहित जीवन बिता रहे थे!
जब मिश्राजी की पत्नी रसोई में थी तो झा जी ने कहा, मुझे लगता है कि यह कमाल की बात है कि इतने सालों के बाद भी तुम अपनी पत्नी को इतने प्यारे नामों से बुलाते हो!
मिश्रा जी ने अपना सिर झटकते हुए कहा, अरे ऐसा नहीं है यार मैं तुम्हें सच्चाई बताता हूँ वास्तव में मुझे पिछले दस सालों से मुझे यही याद नहीं है कि उसका नाम क्या है?
वह उनसे बहुत प्रभावित हुए , क्योंकि उन दोनों की शादी को २५ साल हो चुके थे और वे दोनों विवाहित जीवन बिता रहे थे!
जब मिश्राजी की पत्नी रसोई में थी तो झा जी ने कहा, मुझे लगता है कि यह कमाल की बात है कि इतने सालों के बाद भी तुम अपनी पत्नी को इतने प्यारे नामों से बुलाते हो!
मिश्रा जी ने अपना सिर झटकते हुए कहा, अरे ऐसा नहीं है यार मैं तुम्हें सच्चाई बताता हूँ वास्तव में मुझे पिछले दस सालों से मुझे यही याद नहीं है कि उसका नाम क्या है?
यह तो हुयी मिश्रा जी और झा जी की बात ... आप अपनी कहिये ... आप क्या करते है ... ;-)
सादर आपका
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जय हिंद !!
अब आज्ञा दीजिये ...
जय हिंद !!
प्रिय शिवम जी अपने को तो फिलहाल अच्छे से याद है। एक ही साल तो बीता है।
जवाब देंहटाएंअति उत्तम,सराहनीय ब्लॉग बुलेटिन,......
जवाब देंहटाएंNEW POST..काव्यान्जलि...चिंगारी.
शिवम्(मिश्रा) भाई की यादाश्त की दिलखोलकर प्रशंसा करनी होगी ,है न अजय(झा)भाई.... :) इतने अच्छे-अच्छे लिंक्स जुटाने के परेशानी में कुछ तो गम(गुम)होजाना स्वाभाविक है.... ?? दुल्हन आपको माफ करे.... ?? शिवम् भाई अगर आपको बुरा लगे तो आप मुझे माफ करे.... :):)
जवाब देंहटाएंरहें तैयार मिलें पुस्तक मेले में इस बार
जवाब देंहटाएंहाल नंबर 6,सम्मेलन कक्ष 2, समय 3 बजे से
हिंदी चिट्ठाकार जहां जुट रहे हैं
प्रगति मैदान में आपस में भर भर कर बेशुमार प्यार
तारीख दूर नहीं कल 27 फरवरी और अपने अपने
हथियार अवश्य ले आना, बिल्कुल मनाही नहीं है
कैमरे, मोबाइल जैसे गैजेट्स की दरकार यही हैं
अंतर्जाल पर पूरा माहौल बनाना है
सारी खबरों को खबरदार करते हुए अपनी खबर को
जमाने को दिखाना है
फिल्म से भी अलग अब न्यू मीडिया का जोरदार जमाना है।
हा हा हा ..अच्छा अच्छा होलियाने लगे आप । ई विभा दीदी देख पढ ली हैं ...जबले कभियो मिसराईन आ झजियाईन से रूबरू हुई न ..त उसके बाद नेम सरनेम के साथ ..अता पता सब बिसरा जाएगा । लिंक्स सब बेहतरीन हैं
जवाब देंहटाएं:) बेनाम से नाम भला , भ्रम तो जिंदा है ! बेबी स्टेप्स - पर बहुत कुछ
जवाब देंहटाएंयह बुलेटीन अच्छा लगा।
जवाब देंहटाएंसंक्षिप्त व प्रभावी बुलेटिन...किसका था...
जवाब देंहटाएंबढ़िया बुलेटिन...
जवाब देंहटाएंसादर आभार.
बढ़िया बुलेटिन...
जवाब देंहटाएंसादर आभार.
शिवम मिश्रा भैया बुलेटिन तो जबरदस्त लगाई
जवाब देंहटाएंखुद को यहाँ देख आपकी कलम घिस्सी मुस्काई...
नाम गुम जाएगा अपना तो पहले ही गुमा हुआ है :) बढ़िया बुलेटिन
जवाब देंहटाएंआप सब का बहुत बहुत आभार !
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