प्रिय ब्लॉगर मित्रो ,
प्रणाम !
सर्दी के मौसम में स्वास्थ्य के प्रति बरती गई जरा सी भी लापरवाही आपको भारी पड़ सकती है। खास तौर पर बुजुर्गो, दिल और अस्थमा के मरीजों को अधिक ख्याल रखने की आवश्यकता होती है।
इन बातों का रखें ख्याल :
बुजुर्ग :
ढलती उम्र के साथ शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता घटने लगती है। बुजुर्गो को एंटी-ऑक्सीडेंट तत्व वाले फल जैसे संतरा, सेब, पपीता आदि का सेवन करना चाहिए, जिससे प्रतिरक्षा तंत्र मजबूत होता है। इसके अलावा सूप को रोजाना अपने भोजन में शामिल करें।
हाई ब्लड प्रेशर के मरीज :
सर्दियों में ब्लड प्रेशर बढ़ने की वजह वजन का बढ़ना भी होता है। ज्यादा से ज्यादा ताजे फलों और सब्जियों का सेवन करें, इससे वजन नहीं बढ़ता। भोजन में नमक का प्रयोग कम करें और जहां तक संभव हो तली-भुनी चीजों, नॉनवेज डिब्बाबंद खाद्य पदार्थो, अल्कोहल और सिगरेट से दूर रहने की कोशिश करें। प्रतिदिन आधे घंटे धूप में अवश्य बैठें। इससे प्राप्त होने वाला विटामिन डी दिल के दौरे के खतरे को घटाता है। सर्दियों में अकेलेपन और तनाव से बचें।
अस्थमा के मरीज :
इस मौसम का शुष्क वातावरण अस्थमा के मरीजों के लिए बहुत नुकसानदेह साबित होता है। नमी के अभाव में उन्हें सांस लेने में कठिनाई होती है। रात को कमरे की सभी खिड़कियां बंद करके न सोएं और कमरे में रूम हीटर या ब्लोअर न चलाएं। इससे वातावरण की स्वाभाविक ऑक्सीजन नष्ट होती है और सांस लेने में अधिक परेशानी हो सकती है।
वैसे मुझे यकीन है और पूरा भरोसा भी ... कि आप सब अपना अपना ख्याल बखूबी रखेंगे ... आइये अब आपको लिए चलता हूँ आज की ब्लॉग बुलेटिन की ओर ... वैसे भी आज बुलेटिन देर से लग रही है ... ;-)
सादर आपका
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अब आज्ञा दीजिये ...
जय हिंद !!
अजी सिर्फ़ सर्दी क्यों बुलेटिन तो हमारे सभी मौसम के स्वास्थ्य का ख्याल रखता है। जब तक हम दो-चार-दस अच्छे ब्लोग पर घूम न आएं हमारी तो तबियत ही खराब हो जाए, और बुलेटिन चुन-चुन कर अच्छे लिंक्स हमे दे जाता है।
जवाब देंहटाएंकोटिशः आभार शिवम् जी...
जवाब देंहटाएंकोई करता है बातें मुहब्बत की खुलकर रुआब से
जिनकी बातों में मुहब्बत नहीं होती वो अकसर तनहा रहता है...
अनुशील को शामिल करने के लिए आभार!
जवाब देंहटाएंबुलेटिन पढ़ते हैं अभी इत्मीनान से!
ये तो अच्छा हुआ कि आपने इस बुलेटिन में हम जैसे बुजुर्गों के स्वास्थ्य का ध्यान रखा है.. और लिंक कमाल के हैं.. कुछ जगह घूम आये हैं..कुछ देखते हैं!!
जवाब देंहटाएंbade bhaiyya bahut bahut dhanywaad hamari post ko shamil karne ke liye...aur baaki padh rahe hain...jaldi batayenge kaisi lagi
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छे मिसर जी । एकदम इको फ़्रैंड्ली साटे हैं बुलेटिन ।लिंक सब चकाचक हईये है आ पोस्ट सब उहो से कमाल ,धईले रहिए चुहट के
जवाब देंहटाएंकमाल के लिंक,.बढ़िया संयोजन,..
जवाब देंहटाएंएक अनुरोध बुलेटिन का पोस्ट बैक ग्राउंड कलर बदल दे,
"काव्यान्जलि":
जानकारी ज्ञानवर्धक !! बधाई !!
जवाब देंहटाएंबढ़िया !
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया और शानदार लगा! नये अंदाज़ के साथ लाजवाब प्रस्तुती! ढेर सारे लिंक्स मिले और साथ ही महत्वपूर्ण जानकारी भी मिली! मेरी कविता शामिल करने के लिए धन्यवाद!
जवाब देंहटाएंशानदार प्रस्तुती के लिए आभार,शिवम् जी !
जवाब देंहटाएंबहुत ज़रूरी है ... पुणे में तो ठण्ड का आभास है , फिर भी सर्दी ने पकड़ ही लिया ...शानदार बुलेटिन
जवाब देंहटाएंवैसे सावधानी की बचाव है, और हम लोग उसी नियम पर चलें तो अच्छा है, ठंड मुम्बई में बहुत अच्छी और गुनगुनी है....
जवाब देंहटाएंपिछले आठ सालो से मुम्बई की आदत नें उत्तर भारत की ठंड सहन करने की शक्ति को कमज़ोर कर दिया है.... बहुत अच्छा और शानदार बुलेटिन लिखा भईया...
बहुत ही अच्छी प्रस्तुति दी है आपने ..आभार ।
जवाब देंहटाएंbahut badhiya laga blog buletin. samandar ke nishan, shamil karne ke liye shukriya.
जवाब देंहटाएंविस्तृत बुलेटिन है...
जवाब देंहटाएंinformative bulletin with great links--thanks.
जवाब देंहटाएंवैसे इधर कुछ घटनाओं के कारण मैं नेट और ब्लॉग से दूर रही हूँ लेकिन ब्लोग्बुलेतीं पहली बार देख रही हूँ. इससे अवगत करने के लिए धन्यवाद. इसमें आलेख की लिंक देने के लिए भी आभार.
जवाब देंहटाएंस्वास्थ्य सम्बन्धी उपयोगी जानकारी के लिये धन्यवाद!
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