Pages

मंगलवार, 3 जनवरी 2012

मुस्कराते - हँसते बीते २०१२ - ब्लॉग बुलेटिन

प्रिय ब्लॉगर मित्रो ,
प्रणाम !


सब से पहले आप सब को नव वर्ष की बहुत बहुत हार्दिक बधाइयाँ औए शुभकामनाएं ! कैसा रहे कि आज के बुलेटिन की शुरआत हँसते मुस्कराते हुए हो ... ???


मालुम है अप सब यही कह रहे हो न  ...



व्हाट एन आईडिया सर जी !!!


तो लीजिये पेश है एक प्यारा सा पर 'शरारती' लतीफा ...


एक दम्पति के दो बच्चे थे एक 8 साल का दूसरा 10 साल का जो काफी शरारती थे वे हमेशा कोई न कोई शरारत करते और मुसीबत में फंस जाते उनकी माँ उनकी शरारतों से बहुत परेशान थी, अगर उनके आस पड़ोस में किसी भी तरह की कोई शरारत या कोई गड़बड़ होती तो उनके माता-पिता को लगता कि ये सब उन दोनों ने ही किया है!

 उन की माँ ने अपने कस्बे में किसी बाबा के बारे में सुना जो बच्चों को अनुशासन सिखाते थे, वो बाबा के पास गयी और अपने बच्चो के बारे में बताया बाबा ने कहा बेटी कोई बात नहीं इस उम्र में बच्चो का यही हाल होता है फिर मैं कोशिश करता हूँ!

 बाबा ने कहा कि मैं तुम्हारे दोनों बच्चों को एक एक कर मिलूँगा इसलिए पहले तुम अपने छोटे बच्चे को मेरे पास भेजना!

 अगले दिन सुबह ही उनकी माँ ने छोटे वाले बच्चे को बाबा के पास भेज दिया और बड़े वाले को दोपहर में भेजना था, जब बच्चा बाबा के सामने पहुंचा तो उसने देखा बाबा बहुत ही रौबदार और लम्बी लम्बी दाड़ी वाले हैं, बाबा ने बच्चे को बहुत प्यार से अपने पास बुलाया और एक कर्कश आवाज में पूछा बताओ भगवान कहाँ है?

 ये सुनकर बच्चे का मुहं खुला का खुला ही रह गया और आँखें बड़ी बड़ी हो गयी!

 बाबा ने फिर पूछा बताओ भगवान कहाँ है?

 बच्चे ने फिर से उसकी बात का कोई उतर नहीं दिया अब बाबा ने और ज्यादा रौब से बच्चे की तरफ ऊँगली करते हुए पूछा बताओ भगवान कहाँ है?

 बच्चा जोर से चिल्लाया और वहां से भागता हुआ सीधे घर पहुँच गया घर जाते ही चुपके से अलमारी के अन्दर छिप गया और जोर से अलमारी के दरवाजे को बंद कर दिया जब उसके भाई ने उसे अलमारी में ढूंढा तो उसने पूछा क्या हुआ?

 तो छोटे भाई ने हांफते हुए बताया कि भाई हम बड़ी मुसीबत में फंस गए है भगवान कहीं खो गए हैं, और वो लोग सोच रहे हैं ये भी हमने किया है!

 =============================================
इसी दुआ के साथ कि आप सब पूरे साल ऐसे ही मुस्कराते रहे ... हँसते रहे ... चलिए चलते है आज की ब्लॉग बुलेटिन की ओर ...
सादर आपका 

 =============================================

posted by shikha varshney at स्पंदन SPANDAN 
बहुत समय से भारत के प्रसिद्द आई आई टी के किसी छात्र से बातचीत करने की इच्छा थी.मन था कि जानू जिस नाम का दबाब बेचारे भारतीय बच्चे पूरा छात्र जीवन झेलते हैं उस संस्था में पढने वाले बच्चे क्या सोचते हैं.कई ...
posted by रश्मि प्रभा... at मेरी भावनायें... 
प्यार यानि मासूमियत मासूमियत यानि बेवकूफी ! जो चाँद चकोर और नमक को सपनाता है वही प्यार करता है ( अमिट , अविरल) जहाँ - किन्तु, परन्तु , मैं , मेरा वक़्त और स्पष्टीकरण आया वहाँ प्यार नहीं ... 'व्यवहार...

posted by अन्तर सोहिल at मुझे शिकायत है. Mujhe Sikayaat Hay. 
श्री पद्मसिंह जी स्मृति चिन्ह भेंट करते हुये अन्तर सोहिल इंदु मां को स्मृति चिन्ह भेंट संजय जी (मंजे) द्वारा श्री राजीव तनेजा जी को स्मृति चिन्ह भेंट अश्वनी जी द्वारा श्री राज भाटिया जी को स्मृति चिन्ह भें...

posted by देव कुमार झा at मेरी दुनिया मेरा जहाँ....
वैसे तो देव बाबा और मनीषा जी लगभग हर वीक एंड कहीं न कहीं निकल लेते हैं.... पिछले सप्ताह छुट्टी का दिन और फिर साल का अंत.... बस फिर क्या.... मौज करने का कोई न कोई बहाना तलाशने वाले हम दोनों घुमक्कड़ लोग निक...

posted by मनोज पाण्डेय at मंगलायतन 
जी हाँ हिंदी ब्लॉग जगत में एक व्यक्ति है रवीन्द्र प्रभात किन्तु लोग कहते हैं कि वह व्यक्ति नहीं विश्व है । रवीन्‍द्र प्रभात ब्‍लॉग जगत में सिर्फ एक कुशल रचनाकार के ही रूप में नहीं जाने जाते हैं, उन्‍होंन...

posted by दिलीप at दिल की कलम से...
रेल की पटरी, सड़क, फुटपाथ पर भी, भूख अक्सर दौड़ती देखी है मैने... बंदगी, अच्छाइयाँ, ईमान जैसी, नीयतें दम तोड़ती देखी हैं मैने... वो लकीरें जिनके जालों मे कहीं पर, क़ैद है किस्मत बदलते हिंद की, कल.. चाय की ...
posted by Udan Tashtari at उड़न तश्तरी .... 
उसकी आँखों में एक किताब रहती थी. एक कहानी की किताब-- लाल डोरे वाली. जिसकी कहानियों में होती थी एक खारे पानी की झील, जिसमें तैरती रहती थी कड़वी यादों की छोटी-बड़ी मछलियाँ. बड़ी मछली छोटी मछली का पीछा करती...

posted by (कुंदन) at AAWAZ 
पिछली रात यमराज से मुलाक़ात हुई गुजरे साल के बारे मे भी उनसे बात हुई यमराज से मैने पूंछा, इस साल आप कईयों को ले गये बताओ कुछ कमीने नेताओं को कब ले जायेंगे वो बोले नर्क मे यातनाएं बहुत है नर्क वासियों...

posted by Deepak Shukla at Deepak Jyoti 
नमस्कार..... सर्वप्रथम सभी पाठकों को नव वर्ष २०१२ की हार्दिक शुभकामनायें...ईश्वर आप सबके जीवन में सुख, शांति, समृधि और खुशियाँ लाये..... इसी मंगलकामना को संजोये मेरी यह कविता आप सबको समर्पित है.... न...

posted by शिवम् मिश्रा at पोलिटिकल जोक्स - Political Jokes
एक नेता मरने के बाद यमपुरी पहुँच गया वहां यमराज ने उसका भव्य स्वागत किया, यमराज ने कहा इससे पहले कि मैं आपको स्वर्ग या नरक भेजूं पहले मैं चाहता हूँ कि आप दोनों जगहों का मुआयना कर लें कि आपके लिए कौन सी जगह...

posted by महेन्द्र श्रीवास्तव at आधा सच...
*मुं*बई से दिल्ली की उड़ान में क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर से मुलाकात हो गई। संयोगवश मेरी बगल वाली सीट सचिन की थी, वो आए और बगल में ही बैठ गए। सचिन को लग रहा था कि अगर लोग उन्हें पहचान लेगें तो सब आटोग्राफ ले...

posted by यशवन्त माथुर (Yashwant Mathur) at जो मेरा मन कहे 
नये साल पर दीवारों से उतर जाते हैं पुराने कैलेंडर और टंग जाते हैं नये जिन पर बने होते हैं कुछ चित्र मन भावन कुछ चित्र जो जुड़े होते हैं आस्था से विश्वास से कुछ चित्र जिन पर ठहर सी जाती हैं नज़रें सुकून क...

posted by हरकीरत ' हीर' at हरकीरत ' हीर' 
आये थे कुछ वादों के साथ ....लौट गए ख़ामोशी से ...इस बार की ये तेरी ख़ामोशी खूब खलेगी वर्ष ..... ऐसा लगता है ये वर्ष जल्द बीत गया ...कई वादे थे ....उम्मीदें थी ..चाहतें थी ...पर सब की सब अधूरी ..... नए वर्ष क...

posted by noreply@blogger.com (shekhar suman.. शेखर सुमन..) at खामोश दिल की सुगबुगाहट... 
कल रात उसकी बेटी का कुछ इज्जतदार घराने के लड़कों ने बलात्कार कर दिया, कहते हैं कल नया साल जो शुरू हो रहा था, जश्न मनाना तो बनता था न... अब वो पगली लड़की क्या जाने जश्न क्या होता है, उसने बात अपन...

posted by Padm Singh पद्म सिंह at पद्मावलि 
सर सर चलती हवा रात दिन तन उठता है काँप जाड़े मे है कठिन नहाना बम्बा लगता साँप…. सर्दियाँ अपने चरम पर हैं। ऐसे मे लिहाफ मे घुस कर फेसबुक और ब्लाग पर राष्ट्र हित की लड़ाई लड़ते समय पत्नियाँ कभी भी विषय और समय ...

posted by गगन शर्मा, कुछ अलग सा at कुछ अलग सा 
वह अपने तीनों पैरों से दौडने, कूदने, सायकिल चलाने, स्केटिंग करने के साथ-साथ बाल पर बेहतरीन ‘किक’ लगाने में पारांगत हो गया था। आज जब किसी इंसान के हाथ या पैर में एक छोटी सी छठी उंगली भी हो तो उसे प्रकृति ...

posted by अरुण चन्द्र रॉय at सरोकार 
* *करते हुए विदा पुराना कैलेण्डर कुछ नहीं बदला बस कुछ हिसाब नोट कर लिए नए कैलेण्डर पर कुछ जरुरी तिथियाँ नए कैलेण्डर पर आ गईं जो यादों में नहीं रह सकती थी बाकी जो तिथियाँ यादों में, स्मृतियों में हैं...

posted by डॉ टी एस दराल at अंतर्मंथन 
एक और वर्ष भूतकाल की गर्त में चला गया । रह गई तो बस यादें , कुछ खट्टी , कुछ मीठी । अब आशा भरी नज़र से देखते हैं वर्ष २०१२ की ओर । शुभकामनाओं का दौर ज़ारी है । कोई तहे दिल से , कोई दिल की उपरी सतह से महज़ ...

posted by Lalit Kumar at दशमलव
जब से हिन्दी सिनेमा का स्वर्णिम युग ख़त्म हुआ है तभी से कर्णप्रिय फ़िल्मों गीतों का दौर भी चला गया। अब ना तो रफ़ी, मुकेश, मन्ना डे, किशोर और महेन्द्र कपूर जैसे गायक हैं और ना ही नौशाद, रवि, मदन-मोहन, लक्ष्मी-...

posted by mridula pradhan at mridula's blog 
यह महानगर की धूप है, गांवों,कस्बों की तरह भर-भर आँगन नहीं आती, तार पर फैले बीसियों कपड़े, नहीं सुखाती...... अट्टालिकाओं के पीछे से नपी-तुली छनी हुई,कट-छंट कर आती है, आरी -तिरछी होती हुई, कहीं से भी निकल...

posted by नीरज गोस्वामी at नीरज 
*आप सब को नव वर्ष की हार्दिक शुभ-कामनाएं. * हजारों में किसी इक आध के ही गैर होते हैं वगरना दुश्मनी करते हैं जो होते वो अपने हैं कभी मेरे भी दिल में चांदनी बिखरा जरा अपनी सुना है लोग तुझको चौदहवीं का चाँद...

============================================= 

जय हिंद !!

26 टिप्‍पणियां:

  1. जबर्दस्त्त बुलेटिन और मस्त चुटकुला.

    जवाब देंहटाएं
  2. यह ब्लॉग बुलेटिन तो रेडियो मिर्ची की तरह मजेदार है भईया !

    जवाब देंहटाएं
  3. वाह, बस कुछ देर पहले ही हमने पोस्ट किया और आपने उसे यहां भी स्थान दे दिया। बहुत बहुत शुक्रिया

    जवाब देंहटाएं
  4. सुपर बुलेटिन... आज की पोस्ट में ख़ुशी और हंसी झलक रही है.. जो इसे विशेष बना रहा है... बहुत अच्छा, २०१२ ऐसे ही हँसते और मुस्कुराते हुए निकले बस यही दुआ है....

    जय हिंद...

    जवाब देंहटाएं
  5. वाह...बेहद कामयाब पोस्ट...बहुत मेहनत की है आपने...बधाई
    नीरज

    जवाब देंहटाएं
  6. गज़ब का बुलेटिन लगाया है…………शानदार लिंक संयोजन्।

    जवाब देंहटाएं
  7. और जब भारत की टीम चारों खाने चित्त पडी है तो ऐसे में भी कपाडफ़ोड ठंडा में ये लगा मिसर जी का छक्का .सीधा बाऊंड्री दीबाल फ़ना दिए । का बात है , एकदम टनाटन लगाए हैं । अब ई डिरेवल बबा ही गाडी खैंचेंगे , हम खलासी का पौदाम पर साथ देते रहेंगे ।

    जवाब देंहटाएं
  8. बहुत बहुत धन्यवाद सर! मेरी पोस्ट को लेने के लिए।

    सादर

    जवाब देंहटाएं
  9. वाह ! बढ़िया लतीफा ।
    अच्छे लिंक्स दिए हैं । आभार ।
    नव वर्ष की शुभकामनायें ।

    जवाब देंहटाएं
  10. आने वाला समय सबके लिए शुभ और मंगलमय हो।

    जवाब देंहटाएं
  11. आने वाला समय सबके लिए शुभ और मंगलमय हो।

    जवाब देंहटाएं
  12. बच्चे की मासूमियत बड़ी प्यारी लगी ...इस बुलेटिन को कहेंगे सम्मानित कदम ... हर पायदान अनुभवी, रोचक , शिक्षाप्रद - मेरी रचना भी मुझे अच्छी लगी - हहाहाहा

    जवाब देंहटाएं
  13. शुक्रिया.....

    तीन पैरों वाला फ़ुटबाल का खिलाड़ी ने रोक लिया ......

    आभार ...........

    जवाब देंहटाएं
  14. jbardast ...chutkule ne to dil jeet liya ..acchi acchi linko se saja ye buletin ...kohinoor hai

    जवाब देंहटाएं
  15. बहुत ज़बरदस्त बुलेटिन...नव वर्ष की मंगल कामना..

    जवाब देंहटाएं
  16. बुलेटिन से बहुत कुछ घूमने लायक मिला।

    जवाब देंहटाएं
  17. बढिया लिंक से सजा बुलेटिन...

    जवाब देंहटाएं
  18. मै पहली बार ब्लॉग बुलेटिन में आया,अच्छा लगा,सुंदर लिंकों की अच्छी प्रस्तुति,नववर्ष की बधाई,शुभकामनाए,....

    "काव्यान्जलि":

    नही सुरक्षित है अस्मत, घरके अंदर हो या बाहर
    अब फ़रियाद करे किससे,अपनों को भक्षक पाकर,

    जवाब देंहटाएं
  19. मै सदस्य बन गया हूँ अगर आप भी बने तो मुझे खुशी होगी,

    "काव्यान्जलि":

    जवाब देंहटाएं
  20. वाह ...बहुत बढि़या प्रस्‍तुति ।

    जवाब देंहटाएं
  21. bahut pyaara sankalan....aah se aahaa se haha tak sab kuch hai isme...

    जवाब देंहटाएं
  22. बढिया लिंक से सजा बुलेटिन...

    जवाब देंहटाएं

बुलेटिन में हम ब्लॉग जगत की तमाम गतिविधियों ,लिखा पढी , कहा सुनी , कही अनकही , बहस -विमर्श , सब लेकर आए हैं , ये एक सूत्र भर है उन पोस्टों तक आपको पहुंचाने का जो बुलेटिन लगाने वाले की नज़र में आए , यदि ये आपको कमाल की पोस्टों तक ले जाता है तो हमारा श्रम सफ़ल हुआ । आने का शुक्रिया ... एक और बात आजकल गूगल पर कुछ समस्या के चलते आप की टिप्पणीयां कभी कभी तुरंत न छप कर स्पैम मे जा रही है ... तो चिंतित न हो थोड़ी देर से सही पर आप की टिप्पणी छपेगी जरूर!