प्रिय ब्लॉगर मित्रो ,
प्रणाम !
सब से पहले आप सब को नव वर्ष की बहुत बहुत हार्दिक बधाइयाँ औए शुभकामनाएं ! कैसा रहे कि आज के बुलेटिन की शुरआत हँसते मुस्कराते हुए हो ... ???
मालुम है अप सब यही कह रहे हो न ...
व्हाट एन आईडिया सर जी !!!
तो लीजिये पेश है एक प्यारा सा पर 'शरारती' लतीफा ...
एक दम्पति के दो बच्चे थे एक 8 साल का दूसरा 10 साल का जो काफी शरारती थे वे हमेशा कोई न कोई शरारत करते और मुसीबत में फंस जाते उनकी माँ उनकी शरारतों से बहुत परेशान थी, अगर उनके आस पड़ोस में किसी भी तरह की कोई शरारत या कोई गड़बड़ होती तो उनके माता-पिता को लगता कि ये सब उन दोनों ने ही किया है!
उन की माँ ने अपने कस्बे में किसी बाबा के बारे में सुना जो बच्चों को अनुशासन सिखाते थे, वो बाबा के पास गयी और अपने बच्चो के बारे में बताया बाबा ने कहा बेटी कोई बात नहीं इस उम्र में बच्चो का यही हाल होता है फिर मैं कोशिश करता हूँ!
बाबा ने कहा कि मैं तुम्हारे दोनों बच्चों को एक एक कर मिलूँगा इसलिए पहले तुम अपने छोटे बच्चे को मेरे पास भेजना!
अगले दिन सुबह ही उनकी माँ ने छोटे वाले बच्चे को बाबा के पास भेज दिया और बड़े वाले को दोपहर में भेजना था, जब बच्चा बाबा के सामने पहुंचा तो उसने देखा बाबा बहुत ही रौबदार और लम्बी लम्बी दाड़ी वाले हैं, बाबा ने बच्चे को बहुत प्यार से अपने पास बुलाया और एक कर्कश आवाज में पूछा बताओ भगवान कहाँ है?
ये सुनकर बच्चे का मुहं खुला का खुला ही रह गया और आँखें बड़ी बड़ी हो गयी!
बाबा ने फिर पूछा बताओ भगवान कहाँ है?
बच्चे ने फिर से उसकी बात का कोई उतर नहीं दिया अब बाबा ने और ज्यादा रौब से बच्चे की तरफ ऊँगली करते हुए पूछा बताओ भगवान कहाँ है?
बच्चा जोर से चिल्लाया और वहां से भागता हुआ सीधे घर पहुँच गया घर जाते ही चुपके से अलमारी के अन्दर छिप गया और जोर से अलमारी के दरवाजे को बंद कर दिया जब उसके भाई ने उसे अलमारी में ढूंढा तो उसने पूछा क्या हुआ?
तो छोटे भाई ने हांफते हुए बताया कि भाई हम बड़ी मुसीबत में फंस गए है भगवान कहीं खो गए हैं, और वो लोग सोच रहे हैं ये भी हमने किया है!
उन की माँ ने अपने कस्बे में किसी बाबा के बारे में सुना जो बच्चों को अनुशासन सिखाते थे, वो बाबा के पास गयी और अपने बच्चो के बारे में बताया बाबा ने कहा बेटी कोई बात नहीं इस उम्र में बच्चो का यही हाल होता है फिर मैं कोशिश करता हूँ!
बाबा ने कहा कि मैं तुम्हारे दोनों बच्चों को एक एक कर मिलूँगा इसलिए पहले तुम अपने छोटे बच्चे को मेरे पास भेजना!
अगले दिन सुबह ही उनकी माँ ने छोटे वाले बच्चे को बाबा के पास भेज दिया और बड़े वाले को दोपहर में भेजना था, जब बच्चा बाबा के सामने पहुंचा तो उसने देखा बाबा बहुत ही रौबदार और लम्बी लम्बी दाड़ी वाले हैं, बाबा ने बच्चे को बहुत प्यार से अपने पास बुलाया और एक कर्कश आवाज में पूछा बताओ भगवान कहाँ है?
ये सुनकर बच्चे का मुहं खुला का खुला ही रह गया और आँखें बड़ी बड़ी हो गयी!
बाबा ने फिर पूछा बताओ भगवान कहाँ है?
बच्चे ने फिर से उसकी बात का कोई उतर नहीं दिया अब बाबा ने और ज्यादा रौब से बच्चे की तरफ ऊँगली करते हुए पूछा बताओ भगवान कहाँ है?
बच्चा जोर से चिल्लाया और वहां से भागता हुआ सीधे घर पहुँच गया घर जाते ही चुपके से अलमारी के अन्दर छिप गया और जोर से अलमारी के दरवाजे को बंद कर दिया जब उसके भाई ने उसे अलमारी में ढूंढा तो उसने पूछा क्या हुआ?
तो छोटे भाई ने हांफते हुए बताया कि भाई हम बड़ी मुसीबत में फंस गए है भगवान कहीं खो गए हैं, और वो लोग सोच रहे हैं ये भी हमने किया है!
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इसी दुआ के साथ कि आप सब पूरे साल ऐसे ही मुस्कराते रहे ... हँसते रहे ... चलिए चलते है आज की ब्लॉग बुलेटिन की ओर ...
सादर आपका
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posted by shikha varshney at स्पंदन SPANDANबहुत समय से भारत के प्रसिद्द आई आई टी के किसी छात्र से बातचीत करने की इच्छा थी.मन था कि जानू जिस नाम का दबाब बेचारे भारतीय बच्चे पूरा छात्र जीवन झेलते हैं उस संस्था में पढने वाले बच्चे क्या सोचते हैं.कई ...
posted by रश्मि प्रभा... at मेरी भावनायें...प्यार यानि मासूमियत मासूमियत यानि बेवकूफी ! जो चाँद चकोर और नमक को सपनाता है वही प्यार करता है ( अमिट , अविरल) जहाँ - किन्तु, परन्तु , मैं , मेरा वक़्त और स्पष्टीकरण आया वहाँ प्यार नहीं ... 'व्यवहार...
posted by अन्तर सोहिल at मुझे शिकायत है. Mujhe Sikayaat Hay.श्री पद्मसिंह जी स्मृति चिन्ह भेंट करते हुये अन्तर सोहिल इंदु मां को स्मृति चिन्ह भेंट संजय जी (मंजे) द्वारा श्री राजीव तनेजा जी को स्मृति चिन्ह भेंट अश्वनी जी द्वारा श्री राज भाटिया जी को स्मृति चिन्ह भें...
posted by देव कुमार झा at मेरी दुनिया मेरा जहाँ....वैसे तो देव बाबा और मनीषा जी लगभग हर वीक एंड कहीं न कहीं निकल लेते हैं.... पिछले सप्ताह छुट्टी का दिन और फिर साल का अंत.... बस फिर क्या.... मौज करने का कोई न कोई बहाना तलाशने वाले हम दोनों घुमक्कड़ लोग निक...
posted by मनोज पाण्डेय at मंगलायतनजी हाँ हिंदी ब्लॉग जगत में एक व्यक्ति है रवीन्द्र प्रभात किन्तु लोग कहते हैं कि वह व्यक्ति नहीं विश्व है । रवीन्द्र प्रभात ब्लॉग जगत में सिर्फ एक कुशल रचनाकार के ही रूप में नहीं जाने जाते हैं, उन्होंन...
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posted by (कुंदन) at AAWAZपिछली रात यमराज से मुलाक़ात हुई गुजरे साल के बारे मे भी उनसे बात हुई यमराज से मैने पूंछा, इस साल आप कईयों को ले गये बताओ कुछ कमीने नेताओं को कब ले जायेंगे वो बोले नर्क मे यातनाएं बहुत है नर्क वासियों...
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जय हिंद !!
जबर्दस्त्त बुलेटिन और मस्त चुटकुला.
जवाब देंहटाएंयह ब्लॉग बुलेटिन तो रेडियो मिर्ची की तरह मजेदार है भईया !
जवाब देंहटाएंवाह, बस कुछ देर पहले ही हमने पोस्ट किया और आपने उसे यहां भी स्थान दे दिया। बहुत बहुत शुक्रिया
जवाब देंहटाएंसुपर बुलेटिन... आज की पोस्ट में ख़ुशी और हंसी झलक रही है.. जो इसे विशेष बना रहा है... बहुत अच्छा, २०१२ ऐसे ही हँसते और मुस्कुराते हुए निकले बस यही दुआ है....
जवाब देंहटाएंजय हिंद...
वाह...बेहद कामयाब पोस्ट...बहुत मेहनत की है आपने...बधाई
जवाब देंहटाएंनीरज
गज़ब का बुलेटिन लगाया है…………शानदार लिंक संयोजन्।
जवाब देंहटाएंऔर जब भारत की टीम चारों खाने चित्त पडी है तो ऐसे में भी कपाडफ़ोड ठंडा में ये लगा मिसर जी का छक्का .सीधा बाऊंड्री दीबाल फ़ना दिए । का बात है , एकदम टनाटन लगाए हैं । अब ई डिरेवल बबा ही गाडी खैंचेंगे , हम खलासी का पौदाम पर साथ देते रहेंगे ।
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत धन्यवाद सर! मेरी पोस्ट को लेने के लिए।
जवाब देंहटाएंसादर
वाह ! बढ़िया लतीफा ।
जवाब देंहटाएंअच्छे लिंक्स दिए हैं । आभार ।
नव वर्ष की शुभकामनायें ।
आने वाला समय सबके लिए शुभ और मंगलमय हो।
जवाब देंहटाएंआने वाला समय सबके लिए शुभ और मंगलमय हो।
जवाब देंहटाएंबच्चे की मासूमियत बड़ी प्यारी लगी ...इस बुलेटिन को कहेंगे सम्मानित कदम ... हर पायदान अनुभवी, रोचक , शिक्षाप्रद - मेरी रचना भी मुझे अच्छी लगी - हहाहाहा
जवाब देंहटाएंशुक्रिया.....
जवाब देंहटाएंतीन पैरों वाला फ़ुटबाल का खिलाड़ी ने रोक लिया ......
आभार ...........
jbardast ...chutkule ne to dil jeet liya ..acchi acchi linko se saja ye buletin ...kohinoor hai
जवाब देंहटाएंबहुत ज़बरदस्त बुलेटिन...नव वर्ष की मंगल कामना..
जवाब देंहटाएंआपका परिश्रम दिखाई देता है!!
जवाब देंहटाएंबुलेटिन से बहुत कुछ घूमने लायक मिला।
जवाब देंहटाएंबढिया लिंक से सजा बुलेटिन...
जवाब देंहटाएंमै पहली बार ब्लॉग बुलेटिन में आया,अच्छा लगा,सुंदर लिंकों की अच्छी प्रस्तुति,नववर्ष की बधाई,शुभकामनाए,....
जवाब देंहटाएं"काव्यान्जलि":
नही सुरक्षित है अस्मत, घरके अंदर हो या बाहर
अब फ़रियाद करे किससे,अपनों को भक्षक पाकर,
मै सदस्य बन गया हूँ अगर आप भी बने तो मुझे खुशी होगी,
जवाब देंहटाएं"काव्यान्जलि":
ekadam jhakkas charcha
जवाब देंहटाएंवाह ...बहुत बढि़या प्रस्तुति ।
जवाब देंहटाएंbhagwaan kahan hai...:))
जवाब देंहटाएंbehtareeen post!!
bahut pyaara sankalan....aah se aahaa se haha tak sab kuch hai isme...
जवाब देंहटाएंबढ़िया ब्लॉग बुलेटिन ....
जवाब देंहटाएंबढिया लिंक से सजा बुलेटिन...
जवाब देंहटाएं