प्रिय ब्लॉगर मित्रो ,
प्रणाम !
सब से पहले आज की एक बड़ी खबर ...
केंद्रीय कृषि मंत्री शरद पवार को गुरुवार को महंगाई से परेशान एक युवक ने तमाचा मार दिया। युवक को हिरासत में ले लिया गया है और उससे पूछताछ की जा रही है। घटना नई दिल्ली नगर पालिका परिषद [एनडीएमसी] सेंटर में हुई। पवार यहां इफको के एक कार्यक्रम में शिरकत करने आए थे।
इस घटना के बारे में पूछे जाने पर शरद पवार ने कहा कि वह एक युवक द्वारा खुद को चांटा मारे जाने के मामले पर कोई प्रतिक्रिया देना नहीं चाहते। उन्होंने इसे सुरक्षा में चूक मानने से भी इंकार किया।
पवार ने कहा, मैं क्यों अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करूं। मैं इसे सुरक्षा में चूक भी नहीं कहूंगा। मैं देखूंगा कि कहीं इसकी समीक्षा करने की जरूरत तो नहीं है। उन्होंने आगे कहा, मैं अपनी कार की ओर बढ़ रहा था। उस समय पत्रकारों का एक समूह मेरे साथ था। वे सवाल पूछ रहे थे। मैंने उसे [हमलावर] अपनी ओर बढ़ते देखा] ऐसा लगा कि वह पत्रकारों के समूह के साथ था। यह पूछे जाने पर कि युवक ने महंगाई के मुद्दे पर आक्रोश में उन्हें चांटा मारा, पवार ने कुछ भी कहने से इंकार कर दिया।
पवार को चांटा मारने के बाद युवक को इससे पहले कि वहां मौजूद सुरक्षाकर्मी पकड़ते, उसने अपनी कृपाण निकाल ली और हवा में लहराने लगा। बाद में युवक को पुलिस ने हिरासत में ले लिया। उसने अपना नाम हरविंदर सिंह बताया है। चार दिन पहले उसने ही पूर्व केंद्रीय मंत्री सुखराम पर हमला किया था।
अब इस खबर का हमारे ब्लॉगर मित्रो पर असर ... जैसा कि फेसबुक पर देखने को मिला ... पेश है चुनिन्दा कुछ दिवालो की झलकियाँ ...
चाँटा लगाssss हाय लगा
शर्म आ रही है मुझे ऐसे मुफ्तखोरों पर...थप्पड़ तक मुफ्त में खा रहे हैं
राहुल बाबा को सलाह दी जाती है कि किसी "भिखारी"(?) से उसके राज्य का पता पूछने से पहले उसके दोनों हाथ बँधवा लें… :)
क्या हुआ शरद बेटा? दोनों गाल क्यों ढाँप रखे हैं? याद नहीं गांधी जी ने क्या कहा था?....
सुनने में आ रहा है कि कुछ समाचार चैनल, थप्पड़ चलाने और जूता चप्पल फेंकने की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए इस तरह की घटनाओं को कवर करने के लिए अपना एक विशेष प्रतिनिधि तय करने पर विचार कर रहे है। यदि जूता, चप्पल या थप्पड़ चलाने से पहले कोई व्यक्ति इसकी सूचना चैनल को देता है, तो वह विशेष कार्यक्रम बनाने पर भी विचार कर सकती है। (उंगलबाज डॉट कॉम, हमारी विश्वसनीयता संदिग्ध है)
दिल को ठंडक मिली, दो चार और पड़ते तो मजा कुछ ज्यादा आता। ये निकला मर्द, जब तक उल्टा नही टंगेगे होश ठिकाने नही आने इन चोरो के
सुनाने में आया है की आज Thanksgiving Day है ...
और हरविंदर सिंह ने शरद पवार को थप्पड़ भी मारा है
आईये हम सब मिलकर एक साथ उनको धन्यवाद कहें ............धन्यवाद हरविंदर सिंह जी !!
चांटा खाया क्यों भूख लगी थी
धन से पेट नहीं भरा करते क्या
मैं खुद भी कहता हूँ कि मैं कातिल हूँ मगर
जिसको मारा है अभी उसको मर तो जाने दो..
जिसके लिए मिली है हाकिम से उम्रकैद
पहले काम वो तमाम मुझको कर तो जाने दो
...
उनसे कहा के सब तो चला गया है प्यार में
वो मुस्कुरा के बोले, अभी ये सर तो जाने दो
क्यों फिर से आ गए हो खंज़र की दुआ लेने
ज़ख्म पहले जो दिए तुमको भर तो जाने दो
कब मौत से डरे हैं दिलेर उस बस्ती के 'मशाल'
अबकी ज़िंदगी को भेजा है जरा डर तो जाने दो
इतनी मंहगाई में जूते कहां से लांए ?
राष्ट्र के नाम सन्देश ... चांटे की निंदा !!
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मुझे बहुत अफसोस है
कि-
मेरे एक भले व निर्दोष सांथी को
... एक सिरफिरे ने -
बेवजह चांटा झड दिया है
मैं उस चांटे की घोर निंदा करता हूँ
और यह आशा करता हूँ
कि -
इस तरह की
चांटे मारने वाली घटनाएँ
दोबारा नहीं होंगी !
इस तरह की घटनाओं से
निसंदेह
हमारा लोकतंत्र कमजोर होगा
मैं मानता हूँ
कि -
इस दौरान -
मंहगाई
भ्रष्टाचार
घुटालेबाजी
जैसी घटनाओं में बढ़ोत्तरी हुई है
लेकिन, इसका यह तात्पर्य नहीं है
कि -
हमारे युवा, आपा खो बैठें
और मेरे निर्दोष सांथियों पर
चांटे जैसे गंभीर प्रहार करें !
मैं घटना की निंदा करता हूँ
और युवाओं से आव्हान करता हूँ
कि -
वे इस तरह के हिंसक रास्ते छोड़ कर
सक्रीय राजनीति में आएं
और चुनावी अखाड़े में कूदकर
खुद को आजमाएं, जौहर दिखाएँ
क्यों, क्योंकि
हम अहिंसा के पुजारी हैं
तथा
एक ऐंसे लोकतंत्र के समर्थक हैं
जो हमें न सिर्फ आजादी प्रदान करता है
वरन हमें सुरक्षित भी रखता है!
चलिए ये तो हो गयी फेसबुक की बात ... अब एक नज़र ब्लॉग पोस्टो पर ... पेश है आज की ब्लॉग बुलेटिन ... पर आज सिर्फ हेडलाइन्स ...
आज के भारत देश में आप से और मुझ से ज्यादा दीन कोई है ... मुझे तो नहीं लगता ...
जय हिंद !!
बिल्कुल सही लगाया.... निशानें पे.... एक्के गलती किया...
जवाब देंहटाएंदूसरे गाल पे भी देता एक खींच के....
आज का बुलेटिन आम आदमी के मर्म को दर्शाती हुई है.... शिवम भईया आपनें बखूबी जनता की नब्ज़ को पकडा है..... जय हो
बहुत खूब
जवाब देंहटाएंआम आदमी तो तारीफ़ कर रहा चांटे की
और
खास लोग कर रहे निंदा
आज तो एक ही शेर याद आ रहा है
जवाब देंहटाएंसिर्फ़ हंगामा खड़ा करना मेरा मकसद नहीं ...
थप्पड़ की तरह ये कलेक्शन भी धांसू है जनाब........
जवाब देंहटाएंलाल गाल, गाल में है जादू...
जवाब देंहटाएंहाथ हाथ हाथ .. हाथ पे न काबू..
भाग जा शरद बाबू!!!
थप्पड़ वाला बुलेटिन अच्छा है.
जवाब देंहटाएंshikha varshney ने आपकी पोस्ट " सूरा सो पहचानिए ... जो लड़े दीन के हित ... - ब्लॉग... " पर एक टिप्पणी छोड़ी है:
जवाब देंहटाएंथप्पड़ वाला बुलेटिन अच्छा है.
उम्मीद है की अब IPL की चिंता छोड़ लोग BPL की चिंता करेंगे.
जवाब देंहटाएंजिस के लिए मंत्री बनाया था जनता ने .....
Rajan Singh ने आपकी पोस्ट " सूरा सो पहचानिए ... जो लड़े दीन के हित ... - ब्लॉग... " पर एक टिप्पणी छोड़ी है:
जवाब देंहटाएंउम्मीद है की अब IPL की चिंता छोड़ लोग BPL की चिंता करेंगे.
जिस के लिए मंत्री बनाया था जनता ने .....
बहुत सही गुरु... छा गए आज तो शरद भाई ... एक थप्पड़ खाने से किसी नेता को इतनी पब्लिसिटी मिलती है तो क्यों नहीं सारे काँग्रेसी थप्पड़ खाने सड़क पर निकलते...इतनी पब्लिसिटी तो बिगबोस में जाने पर भी नहीं मिलती
जवाब देंहटाएंबढिया ..
जवाब देंहटाएं
जवाब देंहटाएं♥
प्रिय बंधुवर शिवम् मिश्रा जी
सादर वंदे मातरम् !
तबीयत ख़ुश हो गई …
:)
बहुत बहुत धन्यवाद शिवम जी यह ख़ुशख़बरी बांटने के लिए …
सूरा सो पहचानिए , जो लड़े दीन के हेत !
पुर्जा पुर्जा कट मरे , कबहू ना छाडे खेत !!
बाश्शाओऽऽ… , मेरी ग़ज़ल का एक शे'र और मतला भी इर्शाद फ़रमाएं -
है मुझे देने की ख़ातिर इसके दामन में दग़ा
पास मेरे भी इसे देने को बस धिक्कार है
काग़जी था शेर कल , अब भेड़िया ख़ूंख़्वार है
मेरी ग़लती का नतीज़ा ; ये मेरी सरकार है
… लेकिन, धिक्कार के अलावा चांटा भी तो है …
जियो हरविंदर सिंह !
जिस दिन हम-तुम जागेंगे !
भ्रष्टाचारी भागेंगे !!
- राजेन्द्र स्वर्णकार
उपयोगी लिंकों के साथ बढ़िया रहा आज का ब्लॉग बुलेटिन!
जवाब देंहटाएंआभार!
यह थप्पड बाजी सिर्फ़ एक स्टंट है . असली गरीब मे इतनी तथा ही नही है कि थप्प्ड भी मार सके
जवाब देंहटाएंआज का बुलेटिन बहुत ही ज़बरदस्त रहा! बहुत आश्चर्य लग रहा है की हरविंदर सिंह ने दो दो हमले किए और मेरा मानना है की उसे जेल में डाल देना चाहिए!
जवाब देंहटाएंहमारे आदरणीयजन, जितनी मर्जी नैतिकता की बाते कर लें, मगर सच कहता हूँ कि जो शकून मुझे कल मिला वह यदाकदा ही मिल पाता है ! मैंने कल झा जे कहीं पर उनके लेख की कुछ ख़ास बातों मे से एक " फिर जनता अपना रास्ता खुद तय करेगी " के सन्दर्भ में अपनी टिपण्णी दी थी कि यह जनता कुछ नहीं करने वाली- बस ऐसे ही चलेगा ! लेकिन जहां एक और उसका विरोधाभास इस घटना मे मिला, वहीं यह अफ़सोस भी हुआ कि इस बहादुर नौजवान को आम जनता से जो प्रोत्साहन मिलना चाहिए वह नहीं मिला ! याद रहे कि इस आज के भगत सिंह ने थप्पड़ किसी बुजुर्ग नेता को नहीं मारा बल्कि निर्लज्ज भ्रष्टाचार और कुशासन के चेहरे पर थप्पड़ मारा है ! और ऐसे कुछ बिरले ही लोग होते है जो यह हिम्मत कर बैठते है ! मेरा इस बहादुर नौजवान को शतशत नमन !
जवाब देंहटाएंगांधी के शब्द भूल गये शायद शरद जी दूसरा गाल नहीं बढ़ाया..?
जवाब देंहटाएंवाह वाह आज तो ये चर्चा छा गयी ………क्या खूब ढूंढकर लाये है सभी एक से बढकर एक थप्पड लिंक्स्।
जवाब देंहटाएंथप्पड़ वाला बुलेटिन अच्छा है, बहुत ही ज़बरदस्त !
जवाब देंहटाएंरवीन्द्र प्रभात ने आपकी पोस्ट " सूरा सो पहचानिए ... जो लड़े दीन के हित ... - ब्लॉग... " पर एक टिप्पणी छोड़ी है:
जवाब देंहटाएंथप्पड़ वाला बुलेटिन अच्छा है, बहुत ही ज़बरदस्त !
गिरीश"मुकुल" ने आपकी पोस्ट " सूरा सो पहचानिए ... जो लड़े दीन के हित ... - ब्लॉग... " पर एक टिप्पणी छोड़ी है:
जवाब देंहटाएंगांधी के शब्द भूल गये शायद शरद जी दूसरा गाल नहीं बढ़ाया..?
थप्पड़ वाला बुलेटिन अच्छा है, बहुत ही ज़बरदस्त !
जवाब देंहटाएंआप सब का बहुत बहुत आभार !
जवाब देंहटाएंAapne bhi Blog ki Khabren dena shuru kar diya ?
जवाब देंहटाएंAchha kiya .
Shubhkamnayen.