सभी हिंदी ब्लॉगर्स को नमस्कार।
मैथिलीशरण गुप्त (अंग्रेज़ी: Maithili Sharan Gupt, जन्म- 3 अगस्त, 1886, झाँसी; मृत्यु- 12 दिसंबर, 1964, झाँसी) खड़ी बोली के प्रथम महत्वपूर्ण कवि थे। महावीर प्रसाद द्विवेदी की प्रेरणा से आपने खड़ी बोली को अपनी रचनाओं का माध्यम बनाया और अपनी कविता के द्वारा खड़ी बोली को एक काव्य-भाषा के रूप में निर्मित करने में अथक प्रयास किया। इस तरह ब्रजभाषा जैसी समृद्ध काव्य भाषा को छोड़कर समय और संदर्भों के अनुकूल होने के कारण नये कवियों ने इसे ही अपनी काव्य-अभिव्यक्ति का माध्यम बनाया। हिन्दी कविता के इतिहास में गुप्त जी का यह सबसे बड़ा योगदान है।
आज की बुलेटिन में बस इतना ही कल फिर मिलेंगे तब तक के लिए शुभरात्रि। जय हिन्द। जय भारत।।
आज मैथिलीशरण गुप्त जी के 133वें जन्म दिवस पर हम सब उनका स्मरण करते हुए उन्हें शत शत नमन करते हैं।
~ आज की बुलेटिन कड़ियाँ ~
आज की बुलेटिन में बस इतना ही कल फिर मिलेंगे तब तक के लिए शुभरात्रि। जय हिन्द। जय भारत।।
सशक्त व सुन्दर प्रस्तुति, मेरी पोस्ट को यहाँ स्थान देने हेतु हार्दिक धन्यवाद.
जवाब देंहटाएंमैथिलीशरण गुप्त जी के 133 वें जन्म दिवस पर उन्हें शत शत नमन |
जवाब देंहटाएंधन्यवाद हर्ष जी मेरी रचना को स्थान देने के लिए |
जवाब देंहटाएंमैथिलीशरण गुप्त जी के 133 वें जन्म दिवस पर उन्हें शत शत नमन। रोचक लिंक्स से सुसज्जित बुलेटिन। आभार।
जवाब देंहटाएंशुक्रिया ब्लॉग बुलेटिन
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