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मंगलवार, 6 अगस्त 2019

60 साल के हुए - पर्यावरण कार्यकर्ता राजेन्द्र सिंह - ब्लॉग बुलेटिन

सभी हिंदी ब्लॉगर्स को नमस्कार। 
राजेन्द्र सिंह
राजेन्द्र सिंह (अंग्रेज़ी: Rajendra Singh, जन्म- 6 अगस्त, 1959, बागपत ज़िला, उत्तर प्रदेश) भारत के प्रसिद्ध पर्यावरण कार्यकर्ता हैं। वे जल संरक्षण के क्षेत्र में कार्य करने के लिए प्रसिद्ध हैं। राजस्थान का अलवर ज़िला शुरू से एक सूखा इलाका माना जाता रहा है, जहाँ पानी एक दुर्लभ वस्तु मानी जाती थी। उस दौर में पानी के जलाशय बनाकर उनमें वर्षा का पानी इकट्ठा करके उन्हें सुरक्षित रखना एक पारम्परिक तरीका था, जिससे पानी की कठिनाई को दूर किया जाता था। इन जलाशयों को 'जोहड़' कहा जाता था। विकास के दौर में खदानों और पहाड़ियों के तलहटी के जंगलों की कटाई के काम ने इन जोहड़ों को लगभग खत्म कर दिया। पुरुष ज्यादातर शहर भाग गए और इलाका पानी के गम्भीर संकट में आ गया। राजेंद्र सिंह ने इस संकट की स्थिति को बुनियादी तौर पर समझकर उसे दूर करने की ठानी और "तरुण भारत संघ" की स्थापना की, जिसमें स्वयंसेवी युवकों ने फिर से परम्परागत जोहड़ों की वापसी की, जिससे पानी की समस्या का काफ़ी हद तक हल हो पायी। राजेन्द्र सिंह के इस काम के लिए उन्हें 2001 का 'रेमन मैग्सेसे पुरस्कार' प्रदान किया गया।


आज पर्यावरण कार्यकर्ता राजेन्द्र सिंह जी को 60वें जन्मदिन की ढेर सारी बधाई और शुभकामनाएं। सादर ... अभिनन्दन।। 

~ आज की बुलेटिन कड़ियाँ ~ 













आज की बुलेटिन में बस इतना ही कल फिर मिलेंगे तब तक के लिए शुभरात्रि। सादर ... अभिनन्दन।। 

4 टिप्‍पणियां:

  1. शानदार बुलेटिन और ह्रदय से धन्यवाद आदरणीय श्री की आपने मेरी पोस्ट ब्लॉग पंच को इस बुलेटिन में शामिल किया

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  2. आपका आभार... अच्छा पढ़ने का अवसर दिया। धन्यवाद

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  3. सुंदर संयोजन
    राजेंद्र सिंह जी को बधाई
    मुझे सम्मिलित का आभार

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बुलेटिन में हम ब्लॉग जगत की तमाम गतिविधियों ,लिखा पढी , कहा सुनी , कही अनकही , बहस -विमर्श , सब लेकर आए हैं , ये एक सूत्र भर है उन पोस्टों तक आपको पहुंचाने का जो बुलेटिन लगाने वाले की नज़र में आए , यदि ये आपको कमाल की पोस्टों तक ले जाता है तो हमारा श्रम सफ़ल हुआ । आने का शुक्रिया ... एक और बात आजकल गूगल पर कुछ समस्या के चलते आप की टिप्पणीयां कभी कभी तुरंत न छप कर स्पैम मे जा रही है ... तो चिंतित न हो थोड़ी देर से सही पर आप की टिप्पणी छपेगी जरूर!