हमारे देश में कई स्थानों पर आज जन्माष्टमी का पर्व मनाया जा रहा है. कई अन्य स्थानों पर कल मनेगी कृष्ण के जन्म की अष्टमी...
कृष्ण हमारी संस्कृति का एक महत्वपूर्ण आधार स्तंभ हैं. हमारा दिन, हमारी शाम, हमारे पर्व, हमारा खान पान, हमारी परंपरायें ..कौन सी शाखा है इस देश की जहाँ श्रीजी उपस्थित नहीं हैं... किसी के पुत्र, किसी के मित्र, किसी के पति तो किसी के प्रेमी. एक साथ विभिन्न रूपों में जनमानस को आनंदित किये हुए आम -से गोपाल तो ज्ञान, कर्म और भक्ति के सिद्धांत को प्रतिपादित करते बुद्धिजीवियों केे योगेश्वर श्रीकृष्ण के लिए ही संभव है.
कृष्ण का आधार पाकर सब जन हर्षित हैं परंतु इन सब दायित्वों को पूर्ण करने में स्वयं अपने से छूट गये कृष्ण की पीड़ा को किसी किसी ने ही समझा. रश्मिप्रभा जी ने इस पीड़ा को आत्मसात किया और शब्दों में व्यक्त भी किया.... क्या खोया क्या पाया में
https://lifeteacheseverything.blogspot.com/2019/08/blog-post_23.htmlकृष्ण, माधव, मुरारी टेर लगाई है अनीता जी ने...
http://amrita-anita.blogspot.com/2019/08/blog-post_80.html
हम भारतीयों को अपनी बात विस्तार में कहने की आदत है जबकि कृष्ण ने कर्म करने पर बल दिया है . मगर अपनाया जापानियों नें द्वितीय विश्वयुद्ध की भारी बरबादी के बाद लगातार कर्म करते हुए आज यह देश आधुनिकतम तकनीक की मिसाल है. साहित्य के क्षेत्र में भी बातें कम कार्य अधिक अपनाते हुए 'हाइकू और 'ताँका' को इजाद किया... इस विधा से सबंधित जानकारी मिलेगी इस ब्लॉग में.
http://pahleebar.blogspot.com/2019/08/blog-post_23.html
कृष्म की बात हो और यमुना का जिक्र न हो, यह संभव ही नहीं. उफान पर आती यमुना बल कृष्ण के पैर को छूकर शाँंत हो गई. आजकल फिर से यमुना उफान पर है. पर इस बार कारण भिन्न है. ब्लॉग पर बहुत विस्तार से समझाया है. देखे यहाँ...
http://gustakh.blogspot.com/2019/08/blog-post_22.html
समंदर का प्रेम अपने नमकीन स्वाद में किस तरह निखर आता है. रोचक अंदाज में बता रहीं प्रतिभा कटियार यहाँ...
http://pratibhakatiyar.blogspot.com/2019/08/blog-post_25.html
माण्डूक्योपनिषद अथर्ववेद का एक उपनिषद है। इस पर विस्तृत जानकारी के लिए खंगालिये स्मार्ट इंडियन अनुराग जी का ब्लॉग....
http://pittpat.blogspot.com/2019/08/Mandookya-Upanishad-Summary.html
आप सभी को सपरिवार #कृष्णाजन्माष्टमी के पावन अवसर पर हार्दिक शुभकामनाएं।
जवाब देंहटाएंसारगर्भित रचनाएं. आभार और बधाई.
जवाब देंहटाएं