प्रिय ब्लॉगर मित्रों,
प्रणाम |
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विश्व तम्बाकू निषेध दिवस पर एक लघु कथा
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जिला पुस्तकालय में विश्व तम्बाकू निषेध
दिवस की संगोष्ठी में लम्बा चौड़ा भाषण देने के बाद जब ठाकुर साहब मंच से
नीचे आये तो चौबे जी बैठे दिख गए ... झट लपक लिए उनकी ओर और तपाक से बोले
...
"बोलत बोलत मौह थक गओ ... चौबे जी नेक सी कपूरी दियो ।"
थोड़ा कहा है ... आशा है आप बहुत समझेंगे |
सादर आपका
~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~सुबह की सैर और तम्बाकू पसंद लोग
कविता नशा -- खुशबू
प्रदूषण घटायें - पर्यावरण बचायें
आपदा प्रबंधन !
664-हमारा हिन्दुस्तान
गीत के वटवृक्ष
अगले 5 साल मोदी-2, पूत के पाँव पालने में दिख रहे...
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देखो संध्या इठलाके आई
प्रेम की तलाश
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अब आज्ञा दीजिए ...
जय हिन्द !!!
हमको का पता कि आज तम्बाकू निषेध दिवस है! पहिले बताए ही नहीं। अब अगले साल ध्यान रखेंगे। 😊
जवाब देंहटाएंमेरी पोस्ट को शामिल करने के लिए धन्यवाद।
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी बुलेटिन प्रस्तुति में मेरी पोस्ट शामिल करने हेतु आभार
जवाब देंहटाएंबढ़िया संदेश...मेरी पोस्ट को शामिल करने के लिए धन्यवाद आपका
जवाब देंहटाएंसुन्दर सार्थक सूत्रों से सजा आज का बुलेटिन ! मेरी रचना को सम्मिलित करने के लिए आपका हृदय से धन्यवाद एवं आभार शिवम् जी !
जवाब देंहटाएंब्लॉग बुलेटिन में मेरी रचना शामिल करने के लिए तहे दिल से शुक्रिया।
जवाब देंहटाएंशानदार सूत्रों का चयन पठनीय सामग्री
सभी रचनाकारों को बधाई।
आप सब का बहुत बहुत आभार |
जवाब देंहटाएंब्लॉग बुलेटिन मे मेरी पोस्ट शामिल करने के लिए धन्यवाद
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छा चयन। मेरी पोस्ट को शामिल करने के लिए हार्दिक आभार 🙏🌺🙏
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