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बुधवार, 1 मई 2019

१ मई - मजदूर दिवस - ब्लॉग बुलेटिन


प्रिय ब्लॉगर मित्रों,
प्रणाम |

फिल्म इस्माइल पिंकी ने पिंकी को भले ही शोहरत की बुलंदियों पर पहुंचा दिया फिर पिंकी की सहायता करने वालों की एक लंबी फेहरिस्त तैयार हो गई बावजूद इसके आज पिंकी का क्या हुआ वह क्या कर रही है, यह अब शायद ही कोई जानता हो । 

आज भी ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में पिंकी जैसी अनेकों बालक बालिकाएं हैं जिन्हे बचपन में ही स्कूल जाने की बजाय काम पर लगा दिया जाता है जबकि एक तरफ सरकार जहां बच्चों को कुपोषण से बचाने, उन्हे साक्षर करने के दावे कर रही है यहीं नहीं उसने बाल श्रम पर भी रोक लगाई है, बावजूद इसके बाल श्रम बदस्तूर जारी है। 


हमारे आस पास ही देख लीजिये आपको ऐसी न जाने कितनी पिंकी और छोटू मिल जाएंगे ! गली के नुक्कड़ की चाय की दुकान हो या हाइवे का ढ़ाबा यह छोटू आप को हर जगह मिल जाता है आप चाहे या न चाहे ... और तो और कभी कभी तो आपके घर तक आ जाता है जैन साहब की दुकान से आप के महीने के राशन की 'फ्री होम डिलिवरी' करने ... कैसे बचेंगे आप और हम इस से ... कभी सोचा है !!??



ऐसे में आज जब देश भर में विभिन्न संगठनों द्वारा मजदूर दिवस मनाया जा रहा हो तो यह सवाल पैदा होता है कि क्या किसी के भी जहन में इन मासूमों का ख़्याल आया ... ये सारे संगठन मजदूरों को उनका हक़ दिलवाने की बात करते थकते नहीं हैं पर कोई भी इन बाल मजदूरों के हक़ की बात नहीं करता ... कोई ऐसा प्रयास होता नहीं दिखता कि देश में बाल मजदूरी बंद हो जाए ... पूछा जाए तो सब ज़िम्मेदारी सरकारों पर डाल कर कोई खुद को पाक साफ़ दिखाता है |

भारत से बाल मजदूरी तब तक बंद नहीं होगी जब तक हम सब मिल कर इस का विरोध नहीं करते | हम में से हर एक को हर स्तर पर बाल मजदूरी का विरोध करना चाहिए| जहाँ भी बाल मजदूरी होती दिखे यदि स्वंय विरोध न कर पावें तो तुरंत प्रशासन या ऐसा किसी संगठन को सूचित करें जो बाल मजदूरों को मुक्त करवा उन्हें समाज में पुनः स्थापित करने के लिए प्रयासरत हैं | 
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जिस दिन इन जैसे मासूमों को मजदूर बनने से बचा लेना ... मेरे दोस्त जी भर मजदूर दिवस के गीत गा लेना !!
सादर आपका 
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निष्ठा

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अब आज्ञा दीजिए ... 

जय हिन्द !!!

14 टिप्‍पणियां:

  1. सराहनीय प्रश्न और सार्थक भूमिका से युक्त विचारणीय भूमिका , बहुत अच्छी है सभी रचनाएँ।
    मेरी रचना को स्थान देने के लिए बहुत बहुत आभार शिवम् जी।
    सादर।

    जवाब देंहटाएं
  2. मेरी रचना शामिल करने के लिए धन्यवाद।

    जवाब देंहटाएं
  3. बेहतरीन बुलेटिन प्रस्तुति 👌,शानदार रचनाएँ, मुझे स्थान देने के लिए तहे दिल से आभार
    सादर

    जवाब देंहटाएं
  4. बेहतरीन बुलेटिन प्रस्तुति शानदार रचनाएं सभी रचनाकारों को बहुत बहुत बधाई मेरी रचना को स्थान देने के लिए आपका हार्दिक आभार शिवम् जी

    जवाब देंहटाएं
  5. सुप्रभात मेरी रचना लिंक शामिल करने के लिए धन्यवाद |

    जवाब देंहटाएं
  6. बेहतरीन बुलेटिन प्रस्तुति शानदार रचनाएं सभी रचनाकारों को बहुत बहुत बधाई मेरी रचना को स्थान देने के लिए आपका हार्दिक आभार शिवम् जी

    जवाब देंहटाएं
  7. शानदार रचनाएं सभी रचनाकारों को बहुत बहुत बधाई मेरी रचना को स्थान देने के लिए आपका हार्दिक आभार शिवम् जी

    जवाब देंहटाएं
  8. बहुत अच्छी बुलेटिन प्रस्तुति में मेरी पोस्ट शामिल करने के लिए आभार!

    जवाब देंहटाएं
  9. वाह बहुत शानदार प्रस्तुति।
    सुंदर लिंकों का संयोजन सभी रचनाकारों को बधाई।
    मेरी रचना को शामिल करने के लिए तहे दिल से शुक्रिया।
    संजय भास्कर जी का उद्बोधन सराहनीय।

    जवाब देंहटाएं
  10. आप बहुत श्रमपूर्वक ब्लॉग बुलेटिन को संजोते हैं। इस दफा भी बेहतरीन चयन है आपका।
    मेरी पोस्ट को सम्मिलित करने हेतु हार्दिक आभार 🙏

    जवाब देंहटाएं
  11. प्रिय शिवम् मिश्रा जी,
    आपने बड़े ही जतन से ‘‘मजदूर दिवस - ब्लॉग बुलेटिन’’ को तैयार कर प्रस्तुत किया है। आपकी इस लगन एवं दायित्व-निष्ठा को साधुवाद!

    ब्लॉग बुलेटिन के ‘‘1मई - मजदूर दिवस“ ,अंक में मेरी पोस्ट शामिल करने के लिए हार्दिक धन्यवाद एवं आभार!

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  12. मेरी रचना को शामिल करने हेतु बहुत शुक्रिया। इस प्रस्तुति के लिए आप बधाई के पात्र हैं। आभार। सादर।

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  13. आपकी बात से पुर्णतः सहमत हूँ. यदि प्रत्येक व्यक्ति इस दिशा में सार्थक क़दम उठाये तब ही कुछ सकारात्मक परिणाम सामने आ सकते हैं.

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