सभी हिंदी ब्लॉगर्स को नमस्कार।
करतार सिंह सराभा (अंग्रेज़ी: Kartar Singh Sarabha, जन्म- 24 मई, 1896, लुधियाना; मृत्यु- 16 नवम्बर, 1915) भारत के प्रसिद्ध क्रान्तिकारियों में से एक थे। उन्हें अपने शौर्य, साहस, त्याग एवं बलिदान के लिए हमेशा याद किया जाता रहेगा। महाभारत के युद्ध में जिस प्रकार वीर अभिमन्यु ने किशोरावस्था में ही कर्तव्य का पालन करते हुए मृत्यु का आलिंगन किया था, उसी प्रकार सराभा ने भी अभिमन्यु की भाँति केवल उन्नीस वर्ष की आयु में ही हँसते-हँसते देश के लिए अपने जीवन का बलिदान कर दिया। उनके शौर्य एवं बलिदान की मार्मिक गाथा आज भी भारतीयों को प्रेरणा देती है और देती रहेगी। यदि आज के युवक सराभा के बताये हुए मार्ग पर चलें, तो न केवल अपना, अपितु देश का मस्तक भी ऊँचा कर सकते हैं।
आज की बुलेटिन में बस इतना ही कल फिर मिलेंगे तब तक के लिए शुभरात्रि। सादर ... अभिनन्दन।।
आज हम महान क्रांतिकारी करतार सिंह सराभा जी की 123वीं जयंती पर उनका स्मरण करते हुए उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। सादर।।
~ आज की बुलेटिन कड़ियाँ ~
बहुत सुंदर बुलेटिन प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंकरतार सिंह साराभा की पुण्य स्मृति को सविनय नमन ! आज की बुलेटिन में सार्थक सूत्रों का संयोजन ! मेरी रचना को सम्मिलित करने के लिए आपका हृदय से धन्यवाद एवं आभार हर्षवर्धन जी !
जवाब देंहटाएंमहान क्रांतिकारी करतार सिंह सराभा जी को सादर नमन |
जवाब देंहटाएंआभार पोस्ट पसंद करने के लिए हर्ष ...
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