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तंजोर बालासरस्वती (अंग्रेज़ी: Tanjore Balasaraswati, जन्म: 13 मई, 1918; मृत्यु: 9 फरवरी, 1984) भरतनाट्यम की सुप्रसिद्ध नृत्यांगना थीं। उन्हें 'संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार', 'पद्मभूषण' और 'मानद विद्या वाचस्पति' आदि अलंकारणों से सम्मानित किया गया था। टी. बालासरस्वती तमिलनाडु राज्य से सम्बन्धित थीं।
टी. बालासरस्वती का जन्म 13 मई, 1918 को तमिलनाडु के चेन्नई (भूतपूर्व मद्रास) शहर में हुआ था।
एक नर्तकी के रूप में टी. बालासरस्वती ने अपने कैरियर की शुरुआत 1925 में की थी। वह दक्षिण भारत के बाहर भरतनाट्यम नृत्य प्रस्तुत करने वाली पहली कलाकार थीं। उन्होंने पहली बार सन 1934 में कोलकाता में अपनी नृत्य कला को प्रस्तुत किया था।
टी. बालासरस्वती को सन 1955 में 'संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार', सन 1973 में 'मद्रास संगीत अकादमी' से 'कलानिधि पुरस्कार' और 1977 में 'पद्म विभूषण' से सम्मानित किया था।
'भरतनाट्यम' की प्रसिद्ध नृत्यांगना टी. बालासरस्वती का निधन 9 फ़रवरी, 1984 को हुआ।
आज की बुलेटिन में बस इतना ही कल फिर मिलेंगे तब तक के लिए शुभरात्रि। सादर ... अभिनन्दन।।
टी. बालासरस्वती का जन्म 13 मई, 1918 को तमिलनाडु के चेन्नई (भूतपूर्व मद्रास) शहर में हुआ था।
एक नर्तकी के रूप में टी. बालासरस्वती ने अपने कैरियर की शुरुआत 1925 में की थी। वह दक्षिण भारत के बाहर भरतनाट्यम नृत्य प्रस्तुत करने वाली पहली कलाकार थीं। उन्होंने पहली बार सन 1934 में कोलकाता में अपनी नृत्य कला को प्रस्तुत किया था।
टी. बालासरस्वती को सन 1955 में 'संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार', सन 1973 में 'मद्रास संगीत अकादमी' से 'कलानिधि पुरस्कार' और 1977 में 'पद्म विभूषण' से सम्मानित किया था।
'भरतनाट्यम' की प्रसिद्ध नृत्यांगना टी. बालासरस्वती का निधन 9 फ़रवरी, 1984 को हुआ।
'भरतनाट्यम' की प्रसिद्ध नृत्यांगना टी. बालासरस्वती जी की 101वीं जयंती पर हम सब उन्हें शत शत नमन करते हैं।
~ आज की बुलेटिन कड़ियाँ ~
आज की बुलेटिन में बस इतना ही कल फिर मिलेंगे तब तक के लिए शुभरात्रि। सादर ... अभिनन्दन।।
सुन्दर संकलन। आभार।
जवाब देंहटाएं'भरतनाट्यम' की प्रसिद्ध नृत्यांगना टी. बालासरस्वती जी की 101वीं जयंती पर उन्हें शत शत नमन ।
जवाब देंहटाएंसुंदर संयोजन
जवाब देंहटाएंमुझे सम्मिलित करने का आभार
सादर