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सैम मानेकशॉ (अंग्रेज़ी:Sam Manekshaw) पूरा नाम 'सैम होर्मूसजी फ़्रेमजी जमशेदजी मानेकशॉ' (जन्म: 3 अप्रैल 1914 - मृत्यु: 27 जून 2008) भारतीय सेना के अध्यक्ष थे जिनके नेतृत्व में भारत ने सन् 1971 में हुए भारत-पाकिस्तान युद्ध में विजय प्राप्त किया था जिसके परिणामस्वरूप बांग्लादेश का जन्म हुआ था। अदम्य साहस और युद्धकौशल के लिए मशहूर, भारतीय सेना के इतिहास में स्वर्णिम दस्तखत करने वाले सबसे ज्यादा चर्चित और कुशल सैनिक कमांडर पद्म भूषण, पद्म विभूषण सैम मानेकशॉ भारत के पहले 'फ़ील्ड मार्शल' थे। अपने 40 साल के सैनिक जीवन में उन्होंने दूसरे विश्व युद्ध के अलावा चीन और पाकिस्तान के साथ हुए तीनों युद्धों में भी भाग लिया था। उनके दोस्त उन्हें प्यार से 'सैम बहादुर' कहकर बुलाते थे।
सैम मानेकशॉ (अंग्रेज़ी:Sam Manekshaw) पूरा नाम 'सैम होर्मूसजी फ़्रेमजी जमशेदजी मानेकशॉ' (जन्म: 3 अप्रैल 1914 - मृत्यु: 27 जून 2008) भारतीय सेना के अध्यक्ष थे जिनके नेतृत्व में भारत ने सन् 1971 में हुए भारत-पाकिस्तान युद्ध में विजय प्राप्त किया था जिसके परिणामस्वरूप बांग्लादेश का जन्म हुआ था। अदम्य साहस और युद्धकौशल के लिए मशहूर, भारतीय सेना के इतिहास में स्वर्णिम दस्तखत करने वाले सबसे ज्यादा चर्चित और कुशल सैनिक कमांडर पद्म भूषण, पद्म विभूषण सैम मानेकशॉ भारत के पहले 'फ़ील्ड मार्शल' थे। अपने 40 साल के सैनिक जीवन में उन्होंने दूसरे विश्व युद्ध के अलावा चीन और पाकिस्तान के साथ हुए तीनों युद्धों में भी भाग लिया था। उनके दोस्त उन्हें प्यार से 'सैम बहादुर' कहकर बुलाते थे।
आज फील्ड मार्शल सैम 'बहादुर' मानेकशॉ जी की 105 वीं जयंती पर शत शत नमन। जय हिन्द। जय भारत।।
(साभार : bharatdiscovery.org/india/सैम_मानेकशॉ)
~ आज की बुलेटिन कड़ियाँ ~
आज की बुलेटिन में बस इतना ही कल फिर मिलेंगे तब तक के लिए शुभरात्रि। सादर ... अभिनन्दन।।
सुन्दर बुलेटिन प्रस्तुति। आभार हर्षवर्धन 'उलूक' के पन्ने को भी जगह देने के लिये।
जवाब देंहटाएंसुन्दर बुलेटिन प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंहर्ष, आप का बहुत बहुत आभार |
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