प्रिय ब्लॉगर मित्रों,
प्रणाम |
प्रणाम |
एक बार एक कॉन्फ्रेंस चल रही थी, जहाँ पर दुनिया भर
से अलग अलग देशों के प्रतिनिधि हिस्सा ले रहे थे। संचालक ने सभी से एक
सवाल पूछा कि टूथ ब्रश कितने समय के बाद रिटायर हो जाता है?
सब ने अलग अलग जवाब दिए। किसी ने कहा, एक हफ्ता, किसी ने एक महीना, किसी ने दो महीने तो किसी ने तीन महीने।
अब बारी आई हिंदुस्तानी प्रतिनिधि की। जब उनसे यह सवाल पूछा तो उन्होंने इसका जवाब कुछ यूँ दिया, "हिंदुस्तान में टूथ ब्रश कभी रिटायर नहीं होता। क्योंकि सब से पहले तो टूथ ब्रश दाँत साफ़ करने के काम आता है, फिर उसका इस्तेमाल बाल में रंग लगाने के लिए होता है, उसके बाद मशीन की सफाई करने के काम आता है और जब उसके बाल पूरी तरह से टूट जायें तो उसका इस्तेमाल पजामे में नाड़ा डालने के लिए किया जाता है। इस तरह टूथ ब्रश कभी भी रिटायर नहीं होता।"
सब ने अलग अलग जवाब दिए। किसी ने कहा, एक हफ्ता, किसी ने एक महीना, किसी ने दो महीने तो किसी ने तीन महीने।
अब बारी आई हिंदुस्तानी प्रतिनिधि की। जब उनसे यह सवाल पूछा तो उन्होंने इसका जवाब कुछ यूँ दिया, "हिंदुस्तान में टूथ ब्रश कभी रिटायर नहीं होता। क्योंकि सब से पहले तो टूथ ब्रश दाँत साफ़ करने के काम आता है, फिर उसका इस्तेमाल बाल में रंग लगाने के लिए होता है, उसके बाद मशीन की सफाई करने के काम आता है और जब उसके बाल पूरी तरह से टूट जायें तो उसका इस्तेमाल पजामे में नाड़ा डालने के लिए किया जाता है। इस तरह टूथ ब्रश कभी भी रिटायर नहीं होता।"
सादर आपका
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घुमक्कड़ी और स्वास्थ्य --
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अब आज्ञा दीजिए ...
जय हिन्द !!!
कुछ लिंक देखे. अच्छे लगे.
जवाब देंहटाएंबेहतरीन लिंक्स के साथ खूबसूरत भूमिका से सजी प्रस्तुति । मुझे इसमें स्थान देने के लिए हार्दिक धन्यवाद ।
जवाब देंहटाएंटूथ्ब्रश का अच्छा इस्तेमाल करते हैं भारतीय ... रोचक पोस्ट ...
जवाब देंहटाएंआभार मेरी रचना को जगह देने के लिए आज ....
शानदार प्रस्तुति। सच तो यह है कि चीजों का जमकर इस्तेमाल तो हम भारतीय ही करते हैं। यह तो टूथब्रश है हम तो इंसानों का इस्तेमाल भी बखूबी करते हैं। आपको बधाई। सभी रचनाकारों को भी बधाई।
जवाब देंहटाएं'टूथब्रश का रिटायरमेंट' आनन्दमय है . कुछ पोस्ट पढ़ी हैं चयन अच्छा है . मेरी रचना को भी लिया गया है .धन्यवाद .
जवाब देंहटाएंजिस पायजामे में नाडा डाला जाता है वह भी कहां अवकाश प्राप्त कर पाता है ! लगा रहता है आजीवन सेवा में, कभी वस्त्र, कभी झाड़न, कभी पौंछे के रूप में !
जवाब देंहटाएंरोचक लिंक्स से सुसज्जित बुलेटिन।
जवाब देंहटाएंमज़ा आ गया शिवम भाई... बीमारी में घर बैठकर ब्ललॉग विचरण का आनंद आ गया!
जवाब देंहटाएंआप सब का बहुत बहुत आभार |
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