प्रिय ब्लॉगर मित्रों,
प्रणाम |
प्रणाम |
एक आदमी ने सांसद का चुनाव लड़ा! उसे सिर्फ तीन वोट मिले!
यह पता चलते ही वह सरकार से जेड प्लस की सुरक्षा मागने लगा!
जिले के डी एम साहब ने समझाते हुए कहा, `आप को सिर्फ तीन वोट मिले है फिर आप को जेड प्लस कैसे दी जा सकती है?`
यह पता चलते ही वह सरकार से जेड प्लस की सुरक्षा मागने लगा!
जिले के डी एम साहब ने समझाते हुए कहा, `आप को सिर्फ तीन वोट मिले है फिर आप को जेड प्लस कैसे दी जा सकती है?`
वह आदमी बोला `जिस शहर मे सिर्फ तीन लोगों को छोड़कर बाकी सब मेरे खिलाफ हों तो मुझे नहीं तो और किसे सुरक्षा मिलनी चाहिए?`
सादर आपका
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३५२.खुले मैदान में लड़की
समय धार पर चलता जीवन
सबको समय समझाएगा
आँसुओं की माप क्या है?
"उसूल"
देश मेरा रंगरेज़ है बाबू
जोधपुर जैसलमेर की घुम्मकड़ी #2: जोधपुर से जैसलमेर
ईश्वर चाहता था कि वह मुक्त हो ईश्वरत्व से!
दादी माँ कुछ बदलो तुम भी
स्त्रियाँ
राब्ता
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अब आज्ञा दीजिए ...
जय हिन्द !!!
सुन्दर सूत्र सुन्दर बुलेटिन।
जवाब देंहटाएंबेहतरीन बुलेटिन प्रस्तुति 👌
जवाब देंहटाएंमुझे स्थान देने के लिए सहृदय आभार आदरणीय
सादर
बहुत सुंदर प्रस्तुति । मेरी रचना को शामिल करने के लिए सादर आभार शिवम् जी ।
जवाब देंहटाएंसुन्दर लिंक्स। मेरी कविता शामिल की.शुक्रिया।
जवाब देंहटाएंआप सब का बहुत बहुत आभार |
जवाब देंहटाएंनेता जी की बात भी सही है। सुन्दर संकलन।
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