प्रिय ब्लॉगर मित्रों,
प्रणाम |
आज आपको भारतीय माता-पिता की कुछ बातें बता रहा हूँ जो किसी भी काल खण्ड में सटीकता से फिट होती हैं ...
1. पैसे पेड़ पे नहीं उगते।
2. बेटा: माँ मैं पार्टी के लिए जाऊं? माँ: पिता जी से पूछ लो। पिता जी: माँ से पूछ लो।
3. अगर 8 बजे तक घर नहीं आये तो वापस आने की ज़रूरत नहीं है।
4. अगर पढ़-लिख कर कुछ अच्छा नहीं करोगे तो उसकी तरह बन जाओगे।(किसी बेरोज़गार, बेघर की उदाहरण देकर)
5. बेटे अभी पढ़ लो बाद में तो ऐश ही ऐश है।
6. ज़रा तुम्हारे अपने बच्चे होने दो।
8. अंकल-आंटी के पैर छुओ, चलो आशीर्वाद लो।
9. बेटा: माँ मेरे गणित में 100 में से 90 नंबर आये। माँ: क्लास में सबसे ज्यादा नंबर किसके आये हैं।
10. जाओ और जाकर पढाई करो। ये दोस्त नही आने वाले तुम्हारे एग्जाम देने।
11. तुमको ही सब पता है, हमने तो दुनिया देखि ही नहीं है न।
12. हमारी बात सुनना कब शुरू करोगे?
13. कहाँ थे लाट साहब? ये कोई टाइम है घर आने का।
14. घुस जा टीवी के अंदर, जीतने के बाद कप तुझे ही मिलने वाला है।
15. हमारे टाइम में तो ऐसे नहीं होता था।
16. जब खुद कमाओगे तब पता चलेगा।
17. क्या तुम्हारे दोस्त भी अपने माँ-बाप से ऐसे ही बात करते हैं।
18. इसके तो पर निकल आये हैं।
19. दोपहर में भी लाइट क्यों जलाते हो?
20. क्या सोचा है तुमने आगे के बारे में?
सादर आपका
शिवम् मिश्रा
प्रणाम |
चित्र गूगल से साभार |
1. पैसे पेड़ पे नहीं उगते।
2. बेटा: माँ मैं पार्टी के लिए जाऊं? माँ: पिता जी से पूछ लो। पिता जी: माँ से पूछ लो।
3. अगर 8 बजे तक घर नहीं आये तो वापस आने की ज़रूरत नहीं है।
4. अगर पढ़-लिख कर कुछ अच्छा नहीं करोगे तो उसकी तरह बन जाओगे।(किसी बेरोज़गार, बेघर की उदाहरण देकर)
5. बेटे अभी पढ़ लो बाद में तो ऐश ही ऐश है।
6. ज़रा तुम्हारे अपने बच्चे होने दो।
8. अंकल-आंटी के पैर छुओ, चलो आशीर्वाद लो।
9. बेटा: माँ मेरे गणित में 100 में से 90 नंबर आये। माँ: क्लास में सबसे ज्यादा नंबर किसके आये हैं।
10. जाओ और जाकर पढाई करो। ये दोस्त नही आने वाले तुम्हारे एग्जाम देने।
11. तुमको ही सब पता है, हमने तो दुनिया देखि ही नहीं है न।
12. हमारी बात सुनना कब शुरू करोगे?
13. कहाँ थे लाट साहब? ये कोई टाइम है घर आने का।
14. घुस जा टीवी के अंदर, जीतने के बाद कप तुझे ही मिलने वाला है।
15. हमारे टाइम में तो ऐसे नहीं होता था।
16. जब खुद कमाओगे तब पता चलेगा।
17. क्या तुम्हारे दोस्त भी अपने माँ-बाप से ऐसे ही बात करते हैं।
18. इसके तो पर निकल आये हैं।
19. दोपहर में भी लाइट क्यों जलाते हो?
20. क्या सोचा है तुमने आगे के बारे में?
सादर आपका
शिवम् मिश्रा
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हुवा हुवा का शोर हुवा कहीं हुवा कुछ जैसे और बड़ा जबरजोर हुवा
गाली गलोच और बलात्कार जैसी घृणित टिप्पणियों का सोशल मीडिया
मैं तुझसे लड़ने आया ग़म
चोरी
भाई का घर
आईने तोड़ देने से शक्ले नही बदला करती
थोड़ा दोस्ताना हो जायें--
नापाक को पाक करो
समकालीन हिन्दी ब्लॉग: एक विहंगवालोकन
जन्नत लहूलुहान
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सूरज कुण्ड ग्वालियर
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सफाईकर्मियों के पैर धोकर प्रधानसेवक ने किया वंदन
'अमर' अंकल पई की आठवीं पुण्यतिथि पर उन्हें नमन
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अब आज्ञा दीजिये ...
जय हिन्द !!!
बहुत सुन्दर 👌👌
जवाब देंहटाएंमद्यम वर्ग का पूरा खुलासा कर दिया आदरणीय
सुन्दर रचनाओं का संकलन
सादर
Hahahaha
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर प्रतुति,पड़कर मज़ा आ गया।
मेरी रचना को स्थान देने के लिये आभार
यह रिकॉर्ड हमारे बचपन में हमारे माता-पिता बजाते थे फिर अपने बच्चों को ऐसा ही रिकॉर्ड हमने बजाकर सुनाया और अब जब हमारे बच्चे अपने बच्चों को कुछ ऐसा ही रिकॉर्ड बजाकर सुनाते हैं तो हमको उनकी नादानी पर कभी हंसी आती है तो कभी गुस्सा आता है.
जवाब देंहटाएंहर पीढ़ी को अपने माँ बाप पिछड़ी हुई मानसिकता के और हिटलर के रिश्तेदार लगते हैं. यह जेनरेशन गैप कभी भरने वाला नहीं है. ज़माना बदलता है पर पीढ़ियों का यह पारस्परिक टी-ट्वेंटी चलता रहता है और आगे भी चलता रहेगा.
हम नहीं कर पाये ये सब अपने बच्चों के साथ :) सुन्दर प्रस्तुति। आभार शिवम जी 'उलूक' के हुवा हुवा को आज के बुलेटिन में जगह देने के लिये।
जवाब देंहटाएंसभी लिंक शानदार , मेरी ब्लॉगपोस्ट का लिंक साझा करने क लिए आभार।
जवाब देंहटाएंशुभ प्रभात
जवाब देंहटाएंबढ़िया बुलेटिन..
सादर..
Mata pita ke takiya Kalam achhe hain...tippaniyon ka yah Manch alochna ka bhi bane to aur behtar...mujhe lagta hai ki pm ke pair dhone se safaikarmiyon mein kamtari ka bhav hi paida hogs barabari ka nahin.shukriya.
जवाब देंहटाएंभारतीय माता-पिता स्वभावतः ऐसे ही होते हैं । ये संस्कार हमें विरासत में मिलते हैं अतः हर काल खण्ड में सटीक बैठते हैं:)
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर लिंक्स संयोजन ।
रोचक पोस्ट। मैंने भी काफी ऐसी बातें सुनी हैं। सुंदर लिंक्स से सुसज्जित बुलेटिन। मेरी पोस्ट इन लिंक्स के साथ जगह देने के लिए हार्दिक आभार।
जवाब देंहटाएंसभी लिंक लाजवाब है, ब्लॉग परिक्रमा का लिंक साझा करने क लिए आभार।
जवाब देंहटाएंसुंदर प्रस्तुति👌👌
जवाब देंहटाएंमेरी पोस्ट 'मैं तुझसे लड़ने आया ग़म'को शामिल करने के लिए धन्यवाद आपका
आप सब का बहुत बहुत आभार |
जवाब देंहटाएंसुंदर बुलेटिन। आभार मेरी रचना शामिल करने के लिए
जवाब देंहटाएंसुंन्दर संकलन. सूरज कुण्ड, ग्वालियर शामिल करने के लिए धन्यवाद.
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