प्रिय ब्लॉगर मित्रों,
प्रणाम |
गाँव की नयी नवेली दुल्हन 👰 अपने पति से अंग्रेजी भाषा सीख रही थी, लेकिन अभी तक वो "C" अक्षर पर ही अटकी हुई है।
क्योंकि, उसकी समझ में नहीं आ रहा था कि "C" को कभी "च" तो कभी "क" तो कभी "स" क्यों बोला जाता है❓😒
एक दिन वो अपने पति से बोली, आपको पता है,
"चलचत्ता के चुली भी च्रिचेट खेलते हैं" 🤢
पति ने यह सुनकर उसे प्यार से समझाया, यहाँ "C" को "च" नहीं "क" बोलेंगे।
इसे ऐसे कहेंगे, "कलकत्ता के कुली भी क्रिकेट खेलते हैं।"
पत्नी पुनः बोली- "वह कुन्नीलाल कोपड़ा तो केयरमैन है न ❓" 🤔
पति उसे फिर से समझाते हुए बोला, "यहाँ"C" को "क" नहीं "च" बोलेंगे।
जैसे, चुन्नी लाल चोपड़ा तो चेयरमैन है न
थोड़ी देर मौन रहने के बाद पत्नी फिर बोली,"आपका चोट, चैप दोनों चाटन का है न ❓" 🤔
पति अब थोड़ा झुंझलाते हुए तेज आवाज में बोला, अरे तुम समझती क्यूं नहीं, यहाँ "C" को "च" नहीं "क" बोलेंगे
ऐसे, आपका कोट, कैप दोनों कॉटन का है न 😒
पत्नी फिर बोली - अच्छा बताओ, "कंडीगढ़ में कंबल किनारे कर्क है ❓ "
अब पति को गुस्सा आ गया और वो बोला, "बेवकुफ, यहाँ "C" को "क" नहीं "च" बोलेंगे।
जैसे - चंडीगढ़ में चंबल किनारे चर्च है न❓
पत्नी 😕 सहमते हुए धीमे स्वर में बोली," और वो चरंट लगने से चंडक्टर और च्लर्क मर गए क्या ❓" 😕
पति अपना बाल नोचते हुए बोला," अरी मुरख, यहाँ "C" को "च" नहीं "क" कहेंगे...करंट लगने से कंडक्टर और क्लर्क मर गए ❓क्या 😫😫😫
इस पर पत्नी धीमे से बोली," अजी आप गुस्सा क्यों हो रहे हो... इधर टीवी पर देखो-देखो...
"कंटीमिटर का केल और किमेंट कितना मजबूत है"❕
पति अपना पेशेंस खोते हुए जोर से बोला, "अब तुम आगे कुछ और बोलना बंद करो वरना मैं पगला जाऊंगा।"
ये अभी जो तुम बोली यहाँ "C" को "क" नहीं "स" कहेंगे - सेंटीमीटर, सेल और सीमेंट 😒
हाँ जी पत्नी बड़बड़ाते बोली, "इस "C" से मेरा भी सिर दर्द 😰 करने लगा है।
और अब मैं जाकर चेक खाऊंगी, उसके बाद चोक पियूँगी फिर चाफी के साथ चैप्सूल खाकर सोऊंगी तब जाकर चैन आएगा।
उधर जाते-जाते पति भी बड़बड़ाता हुआ बाहर निकला..
तुम केक खाओ, पर मेरा सिर न खाओ..
तुम कोक पियो या कॉफी, पर मेरा खून न पिओ..
तुम कैप्सूल निगलो, पर मेरा चैन न निगलो..😒☹😒😒😒😒😒😒😒😒😒😒😒😒
सादर आपका
~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~
अब आज्ञा दीजिए ...
जय हिन्द !!!
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~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~अब आज्ञा दीजिए ...
जय हिन्द !!!
बढ़िया सी फोर सैट इसीलिये ज्यादा सही है :)
जवाब देंहटाएंसुन्दर प्रस्तुति।
आभार 'उलूक' के दस साला सूत्र को जगह देने के लिये। बुलेटिन के साथ भी इतने ही साल हो गये। बहुत कुछ देखा नया पुराना पुराना नया होते हुऐ। कुछ भी है चिट्ठाकारी जिन्दा रहे चर्चाकार चर्चा करते रहें। अच्छे दिन आते रहे जाते रहें।
सी की "चेमिस्ट्री" से कईयों के फटूरे (future) खराब हो गये
जवाब देंहटाएंवाह (C) से हुआ सिरदर्द बहुत ही बेहतरीन प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंसुंदर ब्लॉग बुलेटिन प्रस्तुति शानदार रचनाएं मेरी रचना को स्थान देने के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद शिवम् जी
शुभ प्रभात🍃🍃🍃💦💦💦
जवाब देंहटाएंसुंदर प्रस्तुति हेतु बहुत-बहुत बधाई ।
आप सभी को मकर संक्रान्ति महापर्व की
अनन्त शुभकामनाएं !
सूर्य का मकर राशि में प्रवेश करना ‘मकर-संक्रान्ति’ कहलाता है| इसी दिन से सूर्य उत्तरायण हो जाते हैं|
शास्त्रों में उत्तरायण की अवधि को देवताओं का दिन और दक्षिणायन की अवधि को देवताओं की रात्रि कहा गया है |
इस तरह से मकर संक्रान्ति एक प्रकार से देवताओं का प्रभातकाल है !
मेरी पोस्ट शामिल करने के लिए धन्यवाद |
जवाब देंहटाएंवैसे ऊपर की कहानी में झोल है पत्नी हिंदी में लिखी बात अंग्रेजी में कैसे पढ़ रही है :)
आप सब का बहुत बहुत आभार |
जवाब देंहटाएंनये वर्ष के लिए शुभकामनायें, रोचक भूमिका के साथ सुंदर बुलेटिन, आभार !
जवाब देंहटाएंC वाला सिरदर्द तो बचपन याद दिला गया मिश्रा जी, धन्यवाद
जवाब देंहटाएंमेरी ब्लॉगपोस्ट शामिल करने के लिए आपका आभार शिवम मिश्रा जी
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